मछली पालन है कमाई का बेहतर जरिया बस बीज के चयन में बरतें सावधानी
मछली पालन है कमाई का बेहतर जरिया बस बीज के चयन में बरतें सावधानी
बीज विक्रेता बबलू ने बताया कि मछली पालन में सफलता के लिए सही बीज का चयन और प्रबंधन बहुत महत्वपूर्ण है और इसमें सही मार्गदर्शन की जरूरत होती है. किसान कम समय में रोहू प्रजाति की जयंती नस्ल का पालन कर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. यहां करीब 10 प्रजाति की मछलियों का बीज कम दमा में उपलब्ध है.
लखीमपुर खीरी. मछली पालन किसानों के लिए कमाई का बेहतर जरिया बन गया है. लखीमपुर खीरी के कई किसान इसको व्यवसाय का जरिया बनाकर अच्छी कमाई कर रहे हैं. मछली पालन में बीज का बड़ा महत्व है. आस-पास के इलाके में सही बीज नहीं मिलने के कारण नुकसान भी हो जाता है. बीज विक्रेता बबलू ने बताया कि यहां करीब 10 प्रजाति की मछलियों का बीज कम दमा में उपलब्ध है. यहां नैन, रोहू भाकूर, सिल्वर कॉर्प, कामन कॉर्प, ब्रिगेड कॉर्प बीज मिल जाता है. बबलू को इस कारोबार से अच्छी कमाई हो रही है.
10 महीने तक में तैयार हो जाता हैं जयंती रोहू
बबलू ने बताया कि युवा अब रोजगार के नए विकल्प तलाश रहे हैं और मछली पालन में अपनी रुचि दिखा रहे हैं. यह व्यवसाय तेजी से बढ़ रहा है. मछली पालन में सफलता के लिए सही बीज का चयन और प्रबंधन बहुत महत्वपूर्ण है और इसमें सही मार्गदर्शन की जरूरत होती है. किसान कम समय में रोहू प्रजाति की जयंती नस्ल का पालन कर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. जयंती रोहू मछली 8 से 10 माह में ही तैयार हो जाता है जबकि अन्य प्रजाति की मछलियां 16 से 18 महीने का समय लग जाता है.
कम पैसे में भी कर कसते हैं मछली पालन
जयंती रोहू करीब एक से डेढ़ किलो तक का होता है. अच्छी प्रजाति की मछली होने के चलते जयंती रोहू को किसान 300 रुपये किलो तक बाजार में बेच सकते हैं. बबलू ने बताया कि मछली की बीज सप्लाई भी करते हैं और खुद मछली पालन भी करते हैं. मछली पालन करने से किसानों को अच्छा मुनाफा भी हो रहा है. यही वजह है कि किसान मछली पालन कर रहे हैं. कम पैसे में और छोटे तालाब से भी मछली की शुरूआत कर सकते हैं.
Tags: Agriculture, Lakhimpur Kheri News, Local18, UP newsFIRST PUBLISHED : August 22, 2024, 11:31 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed