नापेड खाद बनाना है बेहद आसान एक्सपर्ट से जानें तरीका
नापेड खाद बनाना है बेहद आसान एक्सपर्ट से जानें तरीका
डॉ. संतोष कुमार विश्वकर्मा ने बताया कि नापेड कंपोस्ट बनाने के लिए जमीन के ऊपर ईट का एक आयताकार टैंक बनाया जाता है और दीवारें 9 इंच चौड़ी होती है. यह टैंक 12 फीट लंबा 5 फीट चौड़ा तथा 3 फीट ऊंचा होता है. टैंक को बनाते समय नीचे की दो ईंटें जोड़ने के पश्चात तीसरी ईंट के समय जगह छोड़ कर लगाया जाता है, ताकि उसमें छेद तैयार होते जाता है. इससे जीवाणु खाद जल्दी तैयार कर देता है.
लखीमपुर खीरी. रासायनिक खादों और कीटनाशकों के इस्तेमाल से पैदा होने वाले अनाजों और फल-सब्जियों से तौबा कर किसान अब तेजी से जैविक खेती की तरफ आकर्षित हो रहे हैं. इसको लेकर कृषि एक्सपर्ट डॉ. संतोष कुमार विश्वकर्मा ने किसानों को जैविक खाद बनाने के तरीकों की जानकारी दी. किसान अपने कृषि अवशेषों से नाडेप कम्पोस्ट तकनीक से जमीन में टैंक बनाकर जैविक खाद तैयार कर सकते हैं. इसमें कम गोबर का इस्तेमाल कर अधिक मात्रा में खाद तैयार कर सकते हैं. इस तकनीक से सड़ी खाद बहुत अच्छी गुणवत्ता की होती है और उपयोग में ना आने वाले पदार्थों का इस्तेमाल होता है.
नापेड कंपोस्ट बनाने के लिए ऐसे तैयार करें टैंक
कृषि विज्ञान केन्द्र जमुनाबाद में तैनात डॉ. संतोष कुमार विश्वकर्मा ने लोकल 18 को बताया कि किसानों को लगातार जैविक खेती के लिए ना सिर्फ प्रेरित किया जा रहा है बल्कि जैविक खाद बनाने का तरीका भी बताया जा रहा है. किसानों को लाभ पहुंचाने वाली और मिट्टी की सेहत को सुधारने में नापेड कंपोस्ट बेहद कारगार है. उन्होंने बताया कि इसे बनाने के लिए जमीन के ऊपर ईट का एक आयताकार टांका बनाया जाता है और दीवारें 9 इंच चौड़ी होती है. यह टैंक 12 फीट लंबा 5 फीट चौड़ा तथा 3 फीट ऊंचा होता है. टैंक को बनाते समय नीचे की दो ईंटें जोड़ने के पश्चात तीसरी ईंट के समय प्रत्येक ईट को इस तरह जगह छोड़ कर लगाया जाता है कि उसमें छेद तैयार होते जाता है. वहीं 7 इंच का छेद चारों तरफ की दीवारों में छोड़ देना चाहिए होता है.
नापेड कंपोस्ट बनाने के लिए छायादार जगह है बेस्ट
डॉ. संतोष कुमार विश्वकर्मा ने लोकल 18 को बताया कि इन छेदों की वजह से जीवाणु जल्दी से गोबर को खाद में तब्दील कर देता है. वहीं नाडेप कंपोस्ट बनाने के लिए एक छायादार स्थान चुनना बेहतर रहता है. यह छायादार स्थान में तैयार किया जाता है. नाडेप कंपोस्ट बनाने के लिए आवश्यक सामग्रियों की बात करें तो इसमें वानस्पतिक पदार्थ जैसे पौधों के सूखे पत्ते, टहनियां, जड़, छिलके, डंठल, खरपतवार, भूसा, पैरा, सब्जियों के छिलके, गौशाला का बिछावन और घास आदि शामिल है. इसमें कांच, पत्थर और प्लास्टिक नहीं होनी चाहिए. इसमें लगभग एक से दो क्विंटल गोबर की आवश्यकता होती है. इसके अतिरिक्त तालाब की मिट्टी या काली मिट्टी लगभग दो क्विंटल के करीब इकट्ठा कर लेनी चाहिए. इस मिट्टी को भुरभुरा बनाना पड़ता है. वहीं गोमूत्र से युक्त मिट्टी विशेष लाभकारी होता है और फिर लगभग डेढ़ से दो हजार लीटर पानी की आवश्यकता होती है.
नापेड कंपोस्ट से कर सकते हैं अच्छी कमाई
डॉ. संतोष कुमार विश्वकर्मा ने लोकल 18 को बताया कि नाडेप कंपोस्ट खाद को बनाने के लिए सबसे पहले उसके अंदर की दीवार और फर्श पर गोबर और पानी का घोल छिड़क कर गीला कर देना चाहिए. पहली परत में वनस्पति पदार्थ भरने के बाद उसमें 100 से 125 किलोग्राम सामग्री इकट्ठा अवशेष की भर देना चाहिए. इसके साथ ही नीम की पत्तियां मिलना विशेष लाभदायक होता है. इससे दीमक पैदा नहीं होती है. इस तरह आप जैविक खाद बनाकर बिक्री कर सकते हैं. इससे कमाई भी अच्छी हो जाएगी.
Tags: Agriculture, Lakhimpur Kheri News, Local18, UP newsFIRST PUBLISHED : September 26, 2024, 13:41 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed