दिहाड़ी मजदूर के बेटे ने क्रैक किया JEE अब IIT की फीस पर सता रही है ये चिंता
दिहाड़ी मजदूर के बेटे ने क्रैक किया JEE अब IIT की फीस पर सता रही है ये चिंता
IIT JEE Story: आईआईटी से पढ़ाई करने के लिए जेईई मेन और एडवांस्ड की परीक्षा को पास करना होता है. इसे पास करने के बाद भी यहां से पढ़ाई करने को लेकर चिंता बनी रहती है. ऐसे ही एक लड़के की कहानी है, जिन्होंने जेईई तो पास कर लिया लेकिन घर की माली हालात ठीक नहीं होने की वजह से उन्हें लगता है कि IIT से पढ़ाई कर पाऊंगा या नहीं.
IIT JEE Story: इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT) से पढ़ाई करने का सपना हर युवा की आंखों में रहता है. इस सपने को पूरा करने के लिए जेईई मेन और एडवांस्ड की परीक्षा को पास करना होता है. अगर इसे पास करने में सफल भी हो गए, तो कई दफा देखा गया है कि आर्थिक रूप से कमजोर होने की वजह से यहां से पढ़ाई करने में मुश्किलें बढ़ने लगती है. साथ ही संशय बना रहता है कि आईआईटी से पढ़ाई पूरी कर पाऊंगा या नहीं. ऐसी ही मुश्किलों से बोनिला आर्यन रोशन (Bonila Aryan Roshan) गुजर रहे हैं.
200 रुपये रोज पर मजदूरी का काम करती है मां
आईआईटी-तिरुपति का गेट 1 अगस्त को खुलेगा. इस गेट को खुलते ही बोनिला आर्यन रोशन केमिकल इंजीनियरिंग विभाग में जाने वाले छात्रों की कतार में होंगे. फिर भी रोशन बहुत खुश नहीं हैं. टीओआई की एक रिपोर्ट के अनुसार रोशन बताते हैं कि मुझे यकीन नहीं है कि मैं इंजीनियरिंग के अपने चार साल पूरे कर पाऊंगा या नहीं. एससी समुदाय से आने वाले रोशन तेलंगाना के सिद्दीपेट जिले से ताल्लुक रखते हैं, जहां उनकी मां 200 रुपये प्रतिदिन पर दिहाड़ी मजदूर के तौर पर काम करती हैं.
आईआईटी की फीस जमा करना है मुश्किल
रोशन (Bonila Aryan Roshan) ने जेईई की परीक्षा में 2406 रैंक (एससी कैटेगरी) हासिल की हैं. लेकिन आईआईटी की फीस भरना उनके परिवार के लिए मुश्किल हो रहा है. परिवार ने रोशन के आईआईटी के फीस का भुगतान करने के लिए किसी तरह से 50,000 रुपये जुटाए हैं. 18 वर्षीय रोशन कहते हैं कि इससे मैं अपना पहला सेमेस्टर पूरा कर पाऊंगा… मुझे नहीं पता कि इसके बाद मैं अपनी पढ़ाई का खर्च कैसे उठाऊंगा. उन्होंने कम उम्र में ही अपने पिता को खो दिया था.
हाशिए पर इन समुदायों के छात्र
रोशन की कहानी तेलंगाना के हाशिए पर पड़े समुदायों के कई छात्रों की हकीकत है. आईआईटी एससी/एसटी उम्मीदवारों के लिए 1 लाख रुपये की ट्यूशन फीस माफ करते हैं. लेकिन उनसे रहने, भोजनालय और पंजीकरण जैसे अन्य खर्च उठाने की अपेक्षा की जाती है. यह सालाना 1 लाख से 1.5 लाख रुपये के बीच होता है. नकदी की कमी से जूझ रहे छात्रों को अपनी थोड़ी बहुत संपत्ति बेचनी पड़ती है या फिर उन्हें परोपकारी लोगों की दया पर छोड़ दिया जाता है.
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Tags: Iit, Jee main, Success StoryFIRST PUBLISHED : July 31, 2024, 17:15 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed