ये है पपीता की बेस्ट वैरायटी कम लागत में होगी छप्परफाड़ कमाई

नर्सरी संचालक दविंदर पाल सिंह ने बताया कि पपीता की खेती में पौधे का सही चयन और प्रबंधन बेहद जरूरी है. तभी बेहतर उत्पादन हासिल कर अच्छी कमाई कर सकते हैं. पपीता की बेस्ट वैरायटी रेड लेडी 786 है. एक पौधे की कीमत 30 रूपए है और एक एकड़ खेत में 600 से 700 पौधे की जरूरत पड़ती है. एक पेड़ में डेढ़ क्विंटल तक फल आता है.

ये है पपीता की बेस्ट वैरायटी कम लागत में होगी छप्परफाड़ कमाई
लखीमपुर खीरी. किसान अब पारपंरिक को छोड़कर नगदी फसलों की खेती करनेपर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं. इससे कम समय और कम लागत में अच्छी कमाई हो जाती है. पपीता की खेती भी नगदी फसल की ही श्रेणी में आता है. किसान इससे भी बेहतर मुनाफा कमा सकते हैं.  पपीता की खेती में सही पौधे का चयन करना बेहद महत्वपूर्ण है. यदि आप भी पपीते की खेती करना चाहते हैं लखीमपुर जनपद में  1989 से संचालित लवली नर्सरी से कम कीमत पर बेहतर पौधे हासिल कर सकते हैं. रेड लेडी 786 पपीता की है उन्नत वैरायटी नर्सरी संचालक दविंदर पाल सिंह ने बताया कि पपीता की खेती में पौधे का सही चयन और उसका प्रबंधन बेहद जरूरी है. तभी आप बेहतर उत्पादन हासिल कर अच्छी कमाई कर सकते हैं. पपीता की सबसे बेस्ट वैरायटी रेड लेडी 786 है. उन्हाेंने बताया कि एक पौधे की कीमत 30 रूपए है. वहीं एकड़ खेत में पपीता की खेती के लिए 600 से 700 पौधे की जरूरत पड़ती है. वहीं पपीते की पौधे को नमी वाली मिट्टी में ही लगाना चाहिए. इसके बाद उसमें समय से सिंचाई करते रहना और नियमित अंतराल पर जैविक गोबर से तैयार की गई खाद डालते रहना चाहिए. एक पौधे में डेड़ क्विंटल तक आता है फल नर्सरी संचालक दविंदर पाल सिंह ने बताया कि खेत में पौधे की रोपाई करने से 10 से 12 दिन पहले एक फीट गड्ढे की गहराई करने के बाद छोड़ देना चाहिए. इसके बाद 30 रुपए की कीमत में मिलने वाला प्रत्येक पौधा इसमें लगा सकते हैं. वहीं  6 महीने में ही यह पौधा फल देने लगता है. फल देने के बाद करीब 2 से 3 महीने में फल पक कर तैयार हो जाता है. मार्केट में इस समय पपीते की डिमांड भी अधिक है और किसान पपीते की खेती के जरिए अपनी आय को दोगुनी कर सकते हैं. उन्होंने बताया कि एक पेड़ में करीब एक से डेढ क्विंटल तक फल आते हैं. पपीता की खेती के प्रति जिले में किसानों का रूझान बढ़ रहा है. किसान नई प्रजाति के पौधे खरीदकर लगा भी रहे हैं. Tags: Agriculture, Lakhimpur Kheri News, Local18, UP newsFIRST PUBLISHED : August 27, 2024, 19:08 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed