VIRAL VIDEO: मणिमहेश में कैलाश पर्वत पर झारखंड के युवक की चढ़ाई का दावे सच्चा या झूठा

Manimahesh Lake Peak Viral Video: भू विज्ञानिकों के मुताबिक, इसकी उंचाई करीब 5653 मीटर है, जबकि सतही उंचाई 4 हजार 190 मीटर की है. आज दिन तक इस चोटी की कोई भी चढ़ाई नहीं कर पाया है. यदि किसी ने कोशिश भी की है तो वह जिंदा नहीं लौट पाया है.

VIRAL VIDEO: मणिमहेश में कैलाश पर्वत पर झारखंड के युवक की चढ़ाई का दावे सच्चा या झूठा
चंबा. हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले में मणिमहेश यात्रा 2 सितंबर को खत्म हो गई है. यहां पर इस बार 3 लाख श्रद्धालुओं ने यात्रा की और डल झील में डुबकी लगाई. यात्रा को लेकर अब एक युवक का वीडियो वायरल हो रहा है. युवक दावा कर रहा है कि उसने मणिमहेश यात्रा के दौरान झील के ठीक सामने स्थित कैलाश पर्वत की चढ़ाई की है. हालांकि, उसके दावे पर सवाल उठ रहे हैं. साथ ही चंबा सहित प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों के लोग युवक पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं दरअसल, भगवान शिव को समर्पित और पुराणों में वर्णित पंच कैलाशों में से एक चम्बा के उपमंडल भरमौर के मणिमहेश पर्वत भी है. भू विज्ञानिकों के मुताबिक, इसकी उंचाई करीब 5653 मीटर है, जबकि सतही उंचाई 4 हजार 190 मीटर की है. आज दिन तक इस चोटी की कोई भी चढ़ाई नहीं कर पाया है. यदि किसी ने कोशिश भी की है तो वह जिंदा नहीं लौट पाया है. अब सोशल मीडिया पर एक वीडियो जमकर वायरल हो रहा है, जिसमें एक युवक खुद को झारखंड निवासी मिथुन शर्मा होने की बात कहते हुये मणिमहेश की ऊंची चोटी को फतेह करने का दावा कर रहा है. वीडियो में वो एक चोटी पर बैठकर भगवान शिव का आसन कहते हुये आखिरी चोटी करार दे रहा है.] वीडियो इस कदर वायरल हो रहा है कि अब उस पर चर्चा भी शुरू हो चुकी है.  स्थानीय स्तर पर तो इस युवक के इस दावे को लोग सिरे से ही खारिज कर दे रहे हैं. चोटी की चढ़ाई क्यों नामूमकिन है? दिल्ली में जवाहर लाल यूनिवर्सिटी में सहायक प्रोफेसर और इन दिनों भारत सरकार के डॉ. अबेंडकर इंटरनेशनल सेंटर में बतौर भू-विज्ञानिक तैनात संजीव शर्मा ने सैटलाइट मैप के जरिये उस युवक के दावे पर पूरी पड़ताल की है. उन्होंने कहा कि युवक का दावा झूठा है. क्योंकि चोटी पर चढ़ने के लिए ना ही उसके पास कोई उपकरण है और ना ही ऑक्सीजन और अन्य चीजें हैं. उनका कहना है कि एक पानी की बोतल के दम पर चढ़ाई करना नामूमकिन है. कहां तक पहुंचा था युवक वीडियो में युवक जिस जगह पर बैठा है वहां पर एक झंडा भी लगा हुआ है. सोशल मीडिया पर एक युवक ने लिखा कि यहां हर साल 1000 लोग केलाश परिक्रमा करते हैं. इस जगह को दमघोड़ी कहा जाता है, जो केलाश के चरणों से होके गुजरती है. वो कमलकुंड के साथ प्रारंभिक चोटी है. यह मुख्य चोटी नहीं है. जहां यह युवक पहुंचा है, वहां तक गद्दी समुदाय के बहुत से लोग पहुँच चुके है, जिसका परिचय यह झंडा भी दे रहा है. हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले में मणिमहेश यात्रा होती है. क्या कहती हैं मान्यताएं काबिलेगौर है कि मणिमहेश पर्वत का जिक्र काव्यों पुराणों और धार्मिक ग्रंथों में भी मिलता है.  यहां के स्थानीय लोगों के साथ साथ दूसरे राज्यों के लोगों के लिये भी ये आस्था का सबसे बड़ा केंद्र है. इसे भगवान शिव के प्रतिबिंब के तौर पर भी देखा और पूजा जाता है जहां किसी को जाने की स्थानीय स्तर पर सरकारी गैर सरकारी तरीके से इजाजत नहीं दी जाती है. किवदंतियों के मुताबिक, एक गड्ढरिये को खुद भगवान शंकर ने शर्त के मुताबिक अपने पास बुलाया था, मगर शर्त तोड़ने पर पत्थर की मूर्ति हो जाने की भी बात कही थी, और वो गडढरिया शर्त हार गया था और आज वो पत्थर की मूर्ति बन चुका है. इतना ही नहीं, यहां आदमी तो क्या पशु और पक्षी भी नहीं जा सकते हैं. किवदंती है कि एक कौआ और सांप भी पत्थर के हो चुके हैं, क्योंकि उन्होंने भी चढ़ाई की कोशिश की थी. साल 1968 में भारतीय और जापानी दल की तरफ से पर्वत की चढ़ाई की कोशिश की गई थी, लेकिन यह संभव नहीं हो पाया था और यह दल अपने प्रयास में असफल रहा था. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी | Tags: Amarnath Yatra, Himachal Politics, Himachal pradeshFIRST PUBLISHED : September 08, 2022, 13:26 IST