दिल्ली में जमीन का होगा सर्वे संभाल कर रख लें अपनी जमीन और मकान के दस्तावेज
दिल्ली में जमीन का होगा सर्वे संभाल कर रख लें अपनी जमीन और मकान के दस्तावेज
Delhi Land Survey: दिल्ली हाईकोर्ट में सरकारी जमीनों और ऐतिहासिक स्थलों के आसपास अनधिकृत कब्जे को लेकर याचिका दायर की गई थी. अब हाईकोर्ट ने DDA और MCD को जमीन का सर्वेक्षण कराने और उसकी समयसीमा तय कर बताने को कहा है.
नई दिल्ली. दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) और दिल्ली नगर निगम (MCD) से कहा कि वे राष्ट्रीय राजधानी में जमीन का सर्वेक्षण करने के लिए एजेंसी को अंतिम रूप दें और इस कार्य को पूरा करने की समयसीमा बताएं. अदालत का आदेश दिल्ली में अनधिकृत निर्माण से संबंधित एक याचिका पर आया है. इन अनधिकृत निर्माणों में केंद्रीय संरक्षित स्मारकों के पास के क्षेत्र में निर्माण भी शामिल हैं.
एमसीडी की ओर से पेश वकील ने कोर्ट को बताया कि इस मुद्दे के संबंध में एमसीडी आयुक्त और डीडीए उपाध्यक्ष के बीच एक बैठक हुई और यह निर्णय लिया गया कि दिल्ली में उनकी संबंधित भूमि का सर्वेक्षण किया जाए, ताकि उनकी स्थिति का पता लगाया जा सके और किसी भी बदलाव का पता लगाने के लिए हर 6 महीने में उसका दोबारा दौरा किया जाएगा. एक्टिंग चीफ जस्टिस मनमोहन और जस्टिस मनमीत अरोड़ा की पीठ ने कहा, ‘एमसीडी और डीडीए दोनों को उस एजेंसी को अंतिम रूप देने का निर्देश दिया जाता है, जिससे दिल्ली का सर्वेक्षण कराया जाना है और एक समयसीमा प्रदान करें कि यह कब पूरा होगा.’ सुनवाई के दौरान अदालत ने सुझाव दिया कि अधिकारियों द्वारा वन क्षेत्रों सहित पूरे शहर का सर्वेक्षण किया जाना चाहिए.
DDA की जमीन पर अतिक्रमण हो गया और… निजामुद्दीन की बावली-बाराखंभा मकबरे वाली याचिका पर क्या बोला HC
पूरे क्षेत्र का बनेगा नक्शा
एमसीडी के वकील ने बताया कि प्रत्येक एजेंसी अपनी जमीन के लिए जिम्मेदार है और इस कवायद को अन्य भूमि मालिक एजेंसियों द्वारा भी दोहराया जा सकता है. वकील ने कहा, ‘हम पूरे क्षेत्र का नक्शा बनाने जा रहे हैं जो एमसीडी, डीडीए के दायरे में आता है. हम उस पर नज़र रखेंगे और हर छह महीने में इसका दोबारा निरीक्षण करेंगे, ताकि निर्माण में कोई भी बदलाव हो तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाए.’ उन्होंने यह भी कहा कि बैठक में उपग्रह तस्वीर, डिजिटल मानचित्र और ड्रोन सर्वेक्षण जैसी नयी तकनीक पर गौर किया गया और एमसीडी और डीडीए भूमि का सर्वेक्षण भारतीय सर्वेक्षण विभाग द्वारा करने का प्रस्ताव दिया गया. मामले की अगली सुनवाई 2 जुलाई को होगी.
हाईकोर्ट नाराज
इससे पहले निजामुद्दीन की बावली और बाराखंभा मकबरे के पास अनधिकृत निर्माण पर हाईकोर्ट ने नाराजगी जाहिर की थी. दिल्ली हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान टिप्पणी की कि नगर निकाय और जांच के लिए एक विस्तृत प्रणाली होने के बावजूद राष्ट्रीय राजधानी में बीचोबीच इतने बड़े पैमाने पर अवैध निर्माण हो रहा है, जो पहले कभी नहीं सुना गया. दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि ऐसा लगता है कि बिल्डर में कानून के प्रति कोई सम्मान ही नहीं है. हाईकोर्ट ने दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) और दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) को संरचनात्मक सुधार करने और अतिक्रमण के खतरे के साथ-साथ अवैध और अनधिकृत निर्माण से निपटने के लिए नयी रणनीतियां बनाने का निर्देश दिया था.
Tags: DDA, DELHI HIGH COURT, MCDFIRST PUBLISHED : May 8, 2024, 10:03 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed