बांग्लादेशी का इलाज नहीं तिरंगे के अपमान के बाद कोलकाता के अस्पताल का फैसला
बांग्लादेशी का इलाज नहीं तिरंगे के अपमान के बाद कोलकाता के अस्पताल का फैसला
Kolkata Hospital: कोलकाता के अस्पताल ने यह फैसला बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रहे हिंसा को लेकर किया है. अगस्त में शेख हसीना के नेतृत्व वाली अवामी लीग सरकार के पतन के बाद से बांग्लादेश में हिंदू मंदिरों और देवताओं को अपवित्र करने और क्षति पहुंचाने की कई घटनाएं हुई हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, 200 से ज्यादा मंदिरों को निशाना बनाया गया है.
कोलकाता. उत्तर कोलकाता के मणिकतला इलाके के एक अस्पताल ने कहा है कि वह बांग्लादेश से आने वाले मरीजों का इलाज नहीं करेगा. यह फैसला पड़ोसी देश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर कथित अत्याचारों के विरोध में लिया गया है. जेएन रे अस्पताल के एक अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि यह निर्णय बांग्लादेशी नागरिकों द्वारा भारतीय ध्वज का अपमान करने के कारण लिया गया है. अस्पताल के अधिकारी सुभ्रांशु भक्त ने कहा, “हमने एक नोटिफिकेशन जारी कि है कि 29 नवंबर से अनिश्चितकाल तक हम किसी भी बांग्लादेशी मरीज को इलाज के लिए भर्ती नहीं करेंगे. यह मुख्य रूप से उनके द्वारा भारत के प्रति दिखाए गए अपमान के कारण है.”
उन्होंने शहर के अन्य अस्पतालों से भी अपील की कि वे बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे कथित अत्याचारों के खिलाफ विरोध स्वरूप ऐसा ही करें. अधिकारी ने कहा, “तिरंगे का अपमान होते देख, हमने बांग्लादेशियों का इलाज बंद करने का फैसला किया है. भारत ने उनकी स्वतंत्रता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, लेकिन इसके बावजूद हम भारत विरोधी भावनाएं देख रहे हैं. हमें उम्मीद है कि अन्य अस्पताल भी हमारा समर्थन करेंगे और इसी तरह के कदम उठाएंगे.”
चटगांव के तीन मंदिरों पर हमला
गौरतलब है कि बांग्लादेश के चटगांव में शुक्रवार को उस वक्त हिंसा और प्रदर्शन भड़क उठा, जब राजद्रोह के आरोपों में इस्कॉन के एक पूर्व सदस्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया. इस दौरान एक भीड़ ने हरिश चंद्र मंसेफ लेन इलाके में स्थित तीन हिंदू मंदिरों पर हमला कर दिया. हमले का लक्ष्य शांतनेश्वरी मात्री मंदिर, शनि मंदिर और शांतनेश्वरी कालीबाड़ी मंदिर थे.
मंदिरों के अलावा दुकानों को भी बनाया निशाना
हिंदू धर्म के इन तीन धार्मिक स्थलों पर हमला करने वाली भीड़ ने नारेबाजी करते हुए मंदिरों पर पत्थर फेंके, जिसके परिणामस्वरूप इन मंदिरों में कुछ नुकसान हुआ. मंदिरों पर हमले के अलावा चरमपंथी समूहों ने अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों पर हमला किया, जिससे क्षेत्र में रहने वाले हिंदुओं को सुरक्षित आश्रयों में भागने के लिए मजबूर होना पड़ा. शुक्रवार की नमाज के बाद चटगांव में कोतवाली पुलिस स्टेशन के पास भी कई दुकानों को निशाना बनाया गया.
कई हिंदू इलाके से भाग गए
सूत्रों ने कहा कि राधा गोविंदा और शांतनेश्वरी मातृ मंदिर को जमात-ए-इस्लामी और बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के चरमपंथियों ने निशाना बनाया था. यह घटना तब हुई जब इलाके में हिंदू धार्मिक संगठन इस्कॉन पर प्रतिबंध लगाने की मांग को लेकर एक मार्च निकाला जा रहा था. प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि पुलिस और सेना के जवान हिंदुओं की मदद के लिए नहीं आए और मूकदर्शक बने रहे. यह इलाका मुख्य रूप से हिंदू है, यहां की 90% आबादी इसी समुदाय की है. हिंसा बढ़ने के डर से समुदाय के कई सदस्य इलाके से भाग गए हैं.
Tags: Bangladesh, West bengalFIRST PUBLISHED : November 30, 2024, 16:41 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed