भले ही सुस्‍त पड़ गई अर्थव्‍यवस्‍था पर आम आदमी के लिए जल्‍द आ सकती है खुशखबरी!

Repo Rate Update : राष्‍ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने शुक्रवार को जीडीपी आंकडे़ जारी किए और दूसरी तिमाही में 5.4 फीसदी विकास दर देखकर आम आदमी का दिल बैठ गया. लेकिन, जल्‍द ही उन्‍हें एक खुशखबरी मिल सकती है जो इसी विकास दर की जमीन पर तैयार होने की संभावना है.

भले ही सुस्‍त पड़ गई अर्थव्‍यवस्‍था पर आम आदमी के लिए जल्‍द आ सकती है खुशखबरी!
नई दिल्‍ली. तमाम दावों और कयासों से इतर दूसरी तिमाही में भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था की तस्‍वीर जरा धूमिल रही. दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्‍यवस्‍था की स्‍पीड में भी ब्रेक लग गया और जुलाई-सितंबर तिमाही में इसकी रफ्तार सिर्फ 5.4 फीसदी रह गई, जो इससे पहले की तिमाही में 8 फीसदी के आसपास थी. जाहिर है इन आंकड़ों से न तो सरकार को खुशी हुई और न ही जनता में उत्‍साह दिखा. लेकिन, सुस्‍त पड़ी अर्थव्‍यवस्‍था ने आम आदमी के चेहरे पर मुस्‍कुराहट आने की एक उम्‍मीद जरूर जगा दी है. अब बस अगले सत्‍ताह तक इंतजार करना है और लोगों को जल्‍द ही एक खुशखबर मिल सकती है. हालांकि, यह कयास सिर्फ मौजूदा हालात को देखते हुए लगाए जा रहे हैं लेकिन असल में फैसला रिजर्व बैंक के गवर्नर को करना है. रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक 4 से 6 दिसंबर, 2024 तक होनी है और 6 दिसंबर को गवर्नर सहित एमपीसी के 6 सदस्‍य रेपो रेट में कटौती पर फैसला करेंगे. पिछली 10 बार की बैठकों में रेपो रेट को हाथ भी नहीं लगाया गया और यह 6.5 फीसदी पर बरकरार है. इस बार 11वीं बैठक में अगर रेपो रेट नीचे आता है तो यह आम आदमी के लिए बड़ी राहत भरी खबर होगी. ये भी पढ़ें – IPO तो बहुत खरीदे, इस NFO में पैसे लगाकर देखो, लॉन्‍ग टर्म में दे सकता है बंपर रिटर्न, 2 दिसंबर तक है मौका क्‍यों है रेपो रेट घटने की उम्‍मीद दरअसल, अभी तक रिजर्व बैंक का सारा जोर महंगाई दर को काबू में लाने पर रहता था और गवर्नर को देश के विकास दर की खास चिंता नहीं थी. उनका मानना था कि 7 फीसदी के आसपास भी विकास दर रही तो भी रेपो रेट को घटाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. ऐसे में गवर्नर कई बार कह चुके थे कि मुख्‍य चिंता महंगाई दर को लेकर है, जो अभी तक तय दायरे 4 फीसदी से नीचे नहीं पहुंची है, जबकि विकास दर 7 फीसदी के आसपास बनी हुई है. आरबीआई ने तो दूसरी तिमाही में भी 7 फीसदी से ज्‍यादा विकास दर का अनुमान लगाया था, लेकिन असल में यह गिरकर 5.4 फीसदी पर आ गई. विकास दर को बढ़ाने के लिए फैसला संभव अब जबकि आरबीआई पर विकास दर को दोबारा 7 फीसदी के आसपास लाने का दबावा होगा, तो माना जा रहा है कि शायद इस बार होने वाली एमपीसी बैठक में रेपो रेट 6.5 फीसदी से नीचे लाया जाए. अमेरिका में भी फेडरल रिजर्व ने ब्‍याज दरों में कटौती करके इसकी शुरुआत कर दी है. अगर रेपो रेट घटेगा तो कर्ज सस्‍ता होगा और होम लोन, ऑटो लोन, पर्सनल लोन सहित सभी तरह के खुदरा लोन की ब्‍याज भी नीचे आएगी. इसका असर निजी खपत पर होगा. लोग ज्‍यादा कर्ज लेंगे और खर्चा करेंगे, जिससे बाजार में डिमांड बढ़ेगी और मैन्‍युफैक्‍चरिंग में तेजी आएगी. इस तरह पूरी अर्थव्‍यवस्‍था की रफ्तार तेज होगी और विकास दर भी दोबारा पटरी पर आ जाएगी. निराश करने वाली है रिपोर्ट देश के सबसे बड़े निजी बैंक एचडीएफसी ने एमपीसी बैठक से पहले जारी अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि आरबीआई इस बार भी एमपीसी बैठक में रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं करेगा. रिपोर्ट के अनुसार, फरवरी 2023 से 6.5 फीसदी पर स्थिर रेपो रेट दिसंबर में भी यथावत रहेगी, भले ही विकास दर के आंकड़े उत्‍साहजनक नहीं हैं. बैंक ने दावा किया कि आरबीआई फरवरी में होने वाली बैठक में ही जाकर रेपो रेट घटाने का फैसला करेगा. Tags: Bank Loan, Business news, Interest rate of banks, Reserve bank of indiaFIRST PUBLISHED : November 30, 2024, 16:25 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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