3 खतरनाक तरह के किंग कोबरा की खोज वहां मिले जहां जमीन पर लेट मजे लेते हैं लोग
3 खतरनाक तरह के किंग कोबरा की खोज वहां मिले जहां जमीन पर लेट मजे लेते हैं लोग
हाल में पश्चिम घाट में किंग कोबरा की तीन नई प्रजातियों की खोज की गई है. सांप विशेषज्ञ माने जाने वाले पी गौरी शंकर के नेतृत्व में वैज्ञानिकों ने गोवा और दक्षिणी पश्चिमी घाट पर नई प्रजातियों की खोज की है. इन इलाकों में ये प्रजाति अपनी अस्तित्व की जंग लड़ रहे हैं. वैज्ञानिकों ने इनकी खोज के बाद खुशी जताई है कि इनके संरक्षण में काफी मदद मिलेगी.
New Cobra Species: हाल ही में भारतीय वैज्ञानिकों ने किंग कोबरा की नई प्रजाति के नए विषैले सांपो की खोज की है. वैज्ञानिकों की टीम ने प्राकृतिक संपदा से भरपूर पश्चिमी घाट पर यह खोज की है. यह खोज गोवा के पश्चिमी घाट के जंगलों में पाए जाने वाले किंग कोबरा की हाल ही में पुष्टि की गई है कि यह विषैले सांप की नई पहचान की गई प्रजातियों में से एक है. सांपों के प्रेमी और एनीमल इंस्पेक्टर पी गौरी शंकर के नेतृत्व में रिसर्चर्स की टीम ने नई प्रजाति, ओफियोफैगस कलिंगा एसपी. नोव की खोज की है. ये सांप दक्षिणी पश्चिमी घाट, तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, गोवा और महाराष्ट्र के सीमा क्षेत्र में पाए जाते हैं.
इनकी टीम की रिसर्च 2024 में छपी थी. इसमें किंग कोबरा की एक नहीं बल्कि चार प्रजातियों की मौजूदगी का संकेत मिलता है. इससे पहले ओफियोफैगस हन्ना को उत्तर के किंग कोबरा के रूप जाना जाता था. टीम ने तीन प्रकार के किंग कोबरा की पहचान की है. ये नए प्रजाति इस प्रकार हैं- उंडा किंग कोबरा (ओ. बंगारस), पश्चिमी घाट किंग कोबरा (ओ. कलिंगा) और लूजोन किंग कोबरा (ओ. साल्वाटाना). वहीं, बिचोलिम के वन्यजीव एक्सपर्ट अमृत सिंह ने नए खोज पर खुशी जताते हुए कहा, ‘यह वाकई एक सुखद समाचार है कि गोवा समेत दक्षिणी पश्चिमी घाट के जंगलों में किंग कोबरा एक नई प्रजाति की खोज हुई है.’
सांपों को बचाने में मदद मिलेगी
एक्सपर्ट ने बताया कि इससे किंग कोबरा के प्राकृतिक आवास की रक्षा करने में मदद मिलेगी. गोवा के पश्चिमी घाट में किंग कोबरा खतरे में है. काजू के बागान को लेकर यहां सांपो की प्रजाति को काफी नुकसान हुई है. गोवा में पिछले दो दशकों में इंसानों और किंग कोबरा के बीच संघर्ष में वृद्धि हुई है. किंग कोबरा को बचाने के लिए संघर्ष करने वाले रमेश जर्मेकर ने कहा, ‘पश्चिमी घाट के किंग कोबरा की प्रजाति असाधारण रूप से बड़ी मानी जाती है, जो 10 फीट से भी अधिक तक होती है.’
सदाबहार जंगल में सांपों का भरमार
जर्मेकर ने कहा, ‘अपने काले भूरे रंग के शरीर, कई पीली पट्टियों और हल्के मलाईदार पीले पेट के साथ, यह प्रजाति हमेशा सदाबहार जंगल के अंदर ध्यान आकर्षित करती है. मुझे अभी भी याद है जब भारत के जाने-माने वन्यजीव संरक्षणवादी रोमुलस व्हिटेकर, ताम्बडी सुरला जंगल के अंदर एक पानी के गड्ढे में अपनी प्यास बुझाते हुए राजसी किंग कोबरा को देखकर मोहित हो गए थे.’
भुजंग के नाम से लोकप्रिय
कर्नाटक में, इस सांप को कालिंगा के नाम से जाना जाता है जबकि ये सांप गोवा की लोककथाओं में, यह भुजंग के नाम से लोकप्रिय है. जंगलों में रहने वाले लोग हमेशा इसके प्राकृतिक आवास का सम्मान और संरक्षण करते हैं.
Tags: Cobra snake, Snake RescueFIRST PUBLISHED : October 31, 2024, 13:23 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed