ट्रांसफर होने के बाद भी नहीं जा रहे प्रिंसिपल साहब दूसरे के लिए बन गए सिरदर्द

Kanpur News: कहते हैं कुर्सी का स्वाद जो चख ले वह फिर उस स्वाद को बार-बार चखना चाहता है और ज़ब कुर्सी मन मुताबिक हो फिर तो क्या ही कहना. आइये जानते हैं विस्‍तार से...

ट्रांसफर होने के बाद भी नहीं जा रहे प्रिंसिपल साहब दूसरे के लिए बन गए सिरदर्द
कानपुर : कानपुर में दो प्रिंसिपलों में कुर्सी पाने को लेकर अजीबोगरीब मामला सामने आया है. कहने और सुनने में अजीब लगेगा, लेकिन यह हकीकत है, जहां एक प्रिंसिपल को अपनी कुर्सी से इतना मोह हो गया कि ट्रांसफर होने के बाद भी वह कुर्सी छोड़ने को तैयार नहीं है, बल्कि कुर्सी बचाने के लिए प्रधानाचार्य हाईकोर्ट तक चले गए और स्टे ले आए, लेकिन विवाद तो तब खड़ा हो गया ज़ब ट्रांसफर होकर आए प्रधानाचार्य भी हाईकोर्ट चले गए. अब कोर्ट ने शासन को इन दोनों के ट्रांसफर को लेकर फिर से विचार-विमर्श करने को लिखा है. कहते हैं कुर्सी का स्वाद जो चख ले वह फिर उस स्वाद को बार-बार चखना चाहता है और ज़ब कुर्सी मन मुताबिक हो फिर तो क्या ही कहना. ऐसा ही मामला कानपुर आईटीआई से आया है, जहां दो प्रधानाचार्य में कुर्सी को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. दरअसल पूरा मामला पांडु नगर स्थित आईटीआई का है, जहां 30 जून 2024 को शासन के आदेश पर ट्रांसफर किए गए थे, जिसमें लखनऊ से कानपुर आईटीआई पांडु नगर कॉलेज में डॉ अमित पटेल को तैनाती दी गई थी, जहां उन्होंने 1 जुलाई को पद ग्रहण भी कर लिया. एक महीने तक सब सही रहा. डॉ अमित पटेल मौजूदा प्रधानाचार्य बताते हैं कि 30 जुलाई को मैं घर चला गया, इस बीच पूर्व प्रधानाचार्य डा. नरेश हाईकोर्ट चले गए और वहां से ट्रांसफर को लेकर एक स्टे आर्डर ले आए. वह कहते हैं कि मेरी बिना मौज़ूदगी के ही उन्‍होंने पद ग्रहण कर लिया. ज़ब मैं वापस आया और मुझे इस बात कि जानकारी हुई तब मैं भी हाईकोर्ट गया और इस स्टे को कैंसिल करवाया और कोर्ट ने इस मामले को लेकर शासन विभाग को ही निर्देशित किया कि इस मामले को पुनः विचार विमर्श करे. हालांकि कॉलेज में विवाद को लेकर मौजूदा प्रधानाचार्य से साफ इंकार कर दिया है. ज़ब पूर्व प्रधानाचार्य डॉ. नरेश से इस विवाद को लेकर जानना चाहा गया तो उनका कहना था कि मेरा ट्रांसफर लखनऊ किया गया था, जिसके बाद मैं कोर्ट गया था और कोर्ट ने मुझे स्टे इस वजह से दिया था, क्‍योंकि मेरा 2 साल का ही समय हुआ था और जब तक तीन साल तक पूरे नहीं हो जाते, तब तक विद्यालय में प्रधानाचार्य के पद और तैनात रहेंगे. उस आदेश पर मैंने 1 अगस्त से यहां पद संभाला और मैं अभी काम कर रहा हूं. मुझे अभी तक कोर्ट से कोई ऑर्डर नहीं मिला है. इस मामले में अन्य शिक्षक कुछ नहीं बोल रहे और कॉलेज में विवाद का माहौल बना हुआ है. पूर्व प्रधानाचार्य दोबारा कुर्सी पाने की वजह अपने पिता की बीमारी और कार्यकाल पूरा नहीं होना बता रहे है, लेकिन अंदर दो प्रधानाचार्य लड़ाई में शिक्षक और छात्रों का भी भविष्य दांव पर लगा है. Tags: Kanpur news, Kanpur News TodayFIRST PUBLISHED : August 23, 2024, 14:46 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed