कानपुर: छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय का दीक्षांत समारोह सितंबर के आखिरी सप्ताह में आयोजित होने जा रहा है. हर साल की तरह, इस बार भी विश्वविद्यालय द्वारा कई लोगों को मानद उपाधि दी जाएगी. इसी क्रम में विश्वविद्यालय ने वृंदावन के प्रसिद्ध संत प्रेमानंद जी महाराज को मानद उपाधि देने का प्रस्ताव रखा था. विश्वविद्यालय के कुल सचिव डॉक्टर अनिल यादव खुद यह संदेश लेकर प्रेमानंद जी से मिलने वृंदावन गए थे.
जब संत प्रेमानंद जी महाराज को मानद उपाधि देने का प्रस्ताव दिया गया, तो उन्होंने इसे सहजता से ठुकरा दिया. उन्होंने कहा, “मैं साधु बना हूं सभी उपाधियों को मिटाने के लिए, तो मुझे उपाधि की क्या आवश्यकता है. उपाधियां संत को छोटा बनाती हैं. मेरे लिए सबसे बड़ी उपाधि भगवान की पूजा और आराधना करना है. इस संसारिक उपाधि की तुलना में प्रभु की प्रार्थना और आराधना ही मेरे जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि है.”
जीवन में बाधा…
प्रेमानंद जी ने साफ़ तौर पर कहा कि ऐसी उपाधियां उनके जीवन में बाधा डाल सकती हैं, इसलिए वे इसे स्वीकार नहीं कर सकते. उनके अनुसार, आध्यात्मिक जीवन में इस तरह की उपाधि का कोई महत्व नहीं है और उनकी सबसे बड़ी उपाधि प्रभु की सेवा है.
कुल सचिव की प्रतिक्रिया
कुल सचिव डॉक्टर अनिल यादव ने बताया कि वे संत प्रेमानंद जी महाराज से दर्शन की इच्छा लेकर वृंदावन के श्री हित राधा केली कुंज आश्रम गए थे. वहां उन्होंने प्रेमानंद जी को मानद पीएचडी उपाधि देने का प्रस्ताव रखा, लेकिन संत जी ने विनम्रतापूर्वक इसे अस्वीकार कर दिया. उन्होंने कहा, “यह उपाधि मेरे किसी काम की नहीं है, मैं प्रभु की आराधना में ही अपनी पूर्णता मानता हूं.”
प्रेमानंद जी महाराज का कानपुर से जुड़ाव
गौरतलब है कि संत प्रेमानंद जी महाराज का जन्म कानपुर के आखिरी गांव में हुआ था. वहीं से उन्होंने अपने आध्यात्मिक जीवन की यात्रा शुरू की थी. गांव छोड़ने के बाद उन्होंने पूरी तरह से अध्यात्म की ओर रुख किया और आज उनके लाखों अनुयायी देश और दुनिया में हैं. वे लोगों के बीच एक महत्वपूर्ण आस्था का केंद्र बने हुए हैं. इसी कारण कानपुर विश्वविद्यालय ने उन्हें मानद उपाधि देने का प्रस्ताव रखा था, जिसे उन्होंने सरलता से अस्वीकार कर दिया.
Tags: Local18, Premanand MaharajFIRST PUBLISHED : September 10, 2024, 12:17 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed