महिला टीचर ने कर दिया कमाल खुद के पैसे से बदल दी सरकारी स्कूल की तस्वीर

प्रधानाध्यापिका सुमन लता यादव बताती है कि अगर एक शिक्षक दृढ़ संकल्प से कुछ करना चाहे तो वह सब कुछ कर सकता है. ऐसे ही इच्छा हमारे अंदर शुरुआत से रही. सरकारी विद्यालयों में गरीब के बच्चे पढ़ते हैं, लेकिन हम लोग हर संभव प्रयास करके उनको अच्छी से अच्छी शिक्षा देने की कोशिश कर रहे हैं.

महिला टीचर ने कर दिया कमाल खुद के पैसे से बदल दी सरकारी स्कूल की तस्वीर
अंजली शर्मा/ कन्नौज. सरकारी विद्यालय में तैनात अध्यापिका ने समाज के सामने एक ऐसी मिसाल कायम की है, जिसकी हर तरफ तारीफ हो रही है. अपने निजी पैसों और निजी स्रोतों पर सरकारी विद्यालय में किसी कान्वेंट स्कूल जैसी सुविधाएं और बच्चों को उसी के आधार पर पढ़ाई दी जा रही है. यहां बच्चे प्रोजेक्टर से पढ़ाई कर रहे हैं. कंप्यूटर क्लास ले रहे हैं, ग्रामीण क्षेत्रों में इस तरह की सुविधा देख यहां के लोग अपने बच्चों को ऐसी शिक्षा लेने के लिए भेज भी रहे हैं. ऐसे में इस महिला शिक्षिका ने शिक्षकों का मनोबल और बढ़ा दिया है. विशुनगढ़ के कुअरपुर बनवारी प्राथमिक विद्यालय की प्रधानाध्यापिका सुमन लता यादव आज एक नजीर बनकर सामने आई है. कहां  है विद्यालय, कैसे बदली तस्वीर विशुनगढ़ रोड पर गांव कुंवरपुर बनवारी में प्राथमिक विद्यालय है. यहां पर प्रधानाचार्य सुमन लता यादव करीब 15 वर्षों से तैनात है. तब यहां पर 70 से 80 बच्चे पढ़ने आते थे. प्रधानाध्यापिका ने खुद की धनराशि खर्च कर सबसे पहले प्रत्येक बच्चे के मध्यान भोजन के लिए बर्तन खरीदे, प्रार्थना सभा के लिए हारमोनियम सहित उपकरणों की व्यवस्था की, लाइब्रेरी की शुरुआत की, अभिभावक शिक्षक बैठक करनी शुरू की, वहीं प्रोजेक्टर व कंप्यूटर सहित स्मार्ट क्लास के माध्यम से बच्चों को पढ़ने के इंतजाम किए. परिसर में सीसीटीवी कैमरे भी लगवाए है. इसके अलावा वार्षिक उत्सव यहां पर कराए जाते है, आज विद्यालय में 360 से लेकर 370 बच्चे पंजीकृत है. क्या बोली अध्यापिका प्रधानाध्यापिका सुमन लता यादव बताती है कि अगर एक शिक्षक दृढ़ संकल्प से कुछ करना चाहे तो वह सब कुछ कर सकता है. ऐसे ही इच्छा हमारे अंदर शुरुआत से रही. सरकारी विद्यालयों में गरीब के बच्चे पढ़ते हैं, लेकिन हम लोग हर संभव प्रयास करके उनको अच्छी से अच्छी शिक्षा देने की कोशिश कर रहे हैं. ऐसे में गांव वालों का भी अब सहयोग मिलने लगा है. बड़ी संख्या में हमारे यहां बच्चे आने लगे हैं, जब मैं यहां पर जॉइनिंग की थी तो मात्र 60 से 70 बच्चे आते थे, अब 350 से ज्यादा बच्चे हमारे विद्यालय में पंजीकृत है. हम लोग हर महीने बच्चों के परिजनों से एक पेरेंट्स मीटिंग करते हैं. यहां पर उनसे सुझाव लेते हैं और उनके बच्चों के बारे में उन्हें जानकारी देते हैं, वहीं विद्यालय में कोशिश की गई है कि बच्चों को अच्छे स्रोतों से शिक्षा मिले इसके लिए प्रोजेक्टर से शुरुआत हुई है. बच्चों को यह बहुत पसंद आया वही बच्चों का भी आकर्षण विद्यालय में बढ़ने लगा है. उनके लिए स्मार्ट क्लासेस, लाइब्रेरी की भी हम लोगों ने व्यवस्था की है. हमारी कोशिश है कि गांव से भी बच्चे आईएएस पीसीएस की तैयारी के लायक निकले. Tags: Hindi news, Local18FIRST PUBLISHED : August 16, 2024, 16:37 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed