EC ने आखिर मान ही ली CJI की बात जम्मू-कश्मीर में चुनाव का चुनाव सही वक्त
EC ने आखिर मान ही ली CJI की बात जम्मू-कश्मीर में चुनाव का चुनाव सही वक्त
चुनाव आयोग ने हरियाणा के साथ ही जम्मू-कश्मीर में भी विधानसभा चुनाव कराने का ऐलान कर दिया है. नेशनल कांफ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला ने पूछा कि ये वक्त क्यों चुना? मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने इसकी वजह बताई. लेकिन असल वजह CJI डीवाई चंद्रचूड़ को वो आदेश भी है, जिसमें उन्होंने सितंबर तक चुनाव कराने का निर्देश दिया था.
चुनाव आयोग ने जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने का ऐलान किया है. यहां 90 सीटों पर तीन चरणों में वोट डाले जाएंगे. आखिरी बार यहां 2014 में विधानसभा चुनाव कराए गए थे. लेकिन 5 अगस्त 2019 को मोदी सरकार ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 के प्रभाव को खत्म कर दिया, उसके बाद ये पहला विधानसभा चुनाव है. नेशनल कांफ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला सवाल पूछ रहे कि जब आतंकी फिर सिर उठा रहे तो इस वक्त चुनाव कराने की वजह क्या? जवाब खुद मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने दिया है. लेकिन इसके पीछे सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ का वो आदेश भी है, जिसमें उन्होंने सितंबर 2024 तक चुनाव कराने का निर्देश दिया था.
1. अनुच्छेद 370 पर फैसला सुनाते हुए मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा था, संविधान का अनुच्छेद 370 एक अस्थायी प्रावधान था और राष्ट्रपति के पास इसे रद्द करने की शक्ति है. हम निर्देश देते हैं कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा जल्द से जल्द बहाल किया जाए. निर्वाचन आयोग 30 सितंबर, 2024 तक जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव कराने के लिए कदम उठाए. चुनाव आयोग के फैसले के पीछे ये बड़ी वजह है.
2. मुख्य चुनाव आयुक्त ने जम्मू कश्मीर में अभी चुनाव कराने की कुछ और वजह भी बताई. कहा, चुनाव को लेकर जम्मू-कश्मीर में जबरदस्त उत्साह देखने को मिला है. लोकसभा चुनाव 2024 में लोगों ने भारी संख्या में बाहर निकलकर मतदान किया. बिना किसी हिंसा के शांतिपूर्वक लोगों ने वोट डाले, चुनाव का त्योहार मनाया. इस दौरान हमने कई रिकॉर्ड भी बनाए. उम्मीद और जम्हूरियत की झलक लोकसभा चुनाव में बता रही थी की बुलेट पर बैलेट की जीत हुई. बता दें कि जम्मू कश्मीर में 58.46 फीसदी मतदाताओं ने मताधिकार का इस्तेमाल किया था जबकि लद्दाख में 71.82 फीसदी वोट पड़े थे. जबकि 2019 लोकसभा चुनाव में जम्मू कश्मीर में सिर्फ 45 फीसदी वोट पड़े थे.
3. चीफ इलेक्शन कमीश्नर ने कहा, हम जब जम्मू कश्मीर में चुनाव तैयारियों का जायजा लेने गए थे, तो लोगों में लोकतंत्र के प्रति लालसा साफ नजर आई. लोग अपना जनप्रतिनिधि चुनने को बेकरार दिखे. हम वहां कई बार जाकर आए हैं, वहां के लोग चुनाव को लेकर काफी खुश और आश्वत नजर आते हैं. लोकसभा चुनाव में भी चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों की तादाद पिछले लोकसभा चुनाव के मुकाबले 25 फीसद तक बढ़ गई थी. इसकी वजह भी वही लालसा थी.
4. उम्मीदवारों और मतदाताओं की सुरक्षा को लेकर उठ रहे सवालों का भी मुख्य चुनाव आयुक्त ने जवाब दिया. कहा, जम्मू-कश्मीर में कुछ पार्टियों ने अनुरोध किया था कि उनके जो उम्मीदवार हैं, और पार्टी के पदाधिकारी हैं उन सभी को बराबर सुरक्षा मिले. ऐसा ना हो कि किसी को कम सुरक्षा मिले और किसी को ज्यादा. हमने इसे लेकर दिशा निर्देश दे दिए हैं कि सभी उम्मीदवारों को सुरक्षा मिलेगी.
5. ये सही है कि जम्मू-कश्मीर में बीते कुछ दिनों में आतंकी वारदातें बढ़ी हैं, लेकिन सुरक्षाबलों ने काफी आतंकी मार गिराए हैं. केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्य नंद राय ने हाल ही में लोकसभा में बताया था कि इस साल जुलाई तक आतंकी वारदातों में जम्मू-कश्मीर में 14 सैनिक और 14 नागरिक मारे गए. जम्मू कश्मीर पुलिस जम्मू डिविजन के 10 में से आठ जिलों के लिए 19 स्पेशल काउंटर टेरर यूनिट्स स्थापित करने जा रही है, जो आतंकियों पर टूट पड़ेंगी.
6. चुनाव आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक, जम्मू कश्मीर में बीते साल हुए लोकसभा चुनाव में लोग काफी एक्टिव नजर आए. निर्वाचन आयोग के ऐप सी विजिल पर आम वोटर्स ने आचार संहिता के उल्लंघन और चुनावी मर्यादा के उल्लंघन किए जाने की शिकायतें भी बड़ी संख्या में दर्ज कराईं. यह बताने के लिए काफी है कि लोग चुनावी लोकतंत्र में भागीदारी के लिए कितने उत्सुक हैं.
Tags: DY Chandrachud, Jammu kashmir election 2024, Supreme CourtFIRST PUBLISHED : August 16, 2024, 16:38 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed