जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने जजों के खिलाफ निजी हमले को लेकर कहा ‘जजों को टारगेट करने की एक सीमा होती है’
जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने जजों के खिलाफ निजी हमले को लेकर कहा ‘जजों को टारगेट करने की एक सीमा होती है’
सुप्रीम कोर्ट ने देशभर में ईसाई संस्थानों और पादरियों पर बढ़ते हमलों का आरोप लगाने वाली याचिका पर सुनवाई में देरी करने की मीडिया में आई खबरों पर नाखुशी जताते हुए गुरुवार को कहा कि जजों को टारगेट करने की एक सीमा होती है. जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस सूर्यकांत की पीठ ने कहा कि हम पर दबाव बनाना बंद करें. अप्रैल में सुप्रीम कोर्ट के समक्ष एक रिट याचिका दायर की गई थी. जिसमें देश भर के विभिन्न राज्यों में ईसाई समुदाय के सदस्यों के खिलाफ हिंसा और भीड़ के हमलों को रोकने के निर्देश देने की मांग की गई थी.
हाइलाइट्ससुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता के वकील द्वारा मामले पर सुनवाई किए जाने के अनुरोध पर ये टिप्पणियां की.अप्रैल में सुप्रीम कोर्ट के समक्ष एक रिट याचिका दायर की गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने 11 जुलाई, 2022 को याचिका को सूचीबद्ध करने के लिए सहमति व्यक्त की है.
नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने देशभर में ईसाई संस्थानों और पादरियों पर बढ़ते हमलों का आरोप लगाने वाली याचिका पर सुनवाई में देरी करने की मीडिया में आई खबरों पर नाखुशी जताते हुए गुरुवार को कहा कि जजों को टारगेट करने की एक सीमा होती है. जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस सूर्यकांत की पीठ ने कहा कि हम पर दबाव बनाना बंद करें.
पीठ ने आगे कहा कि पिछली बार मामले पर सुनवाई नहीं की जा सकी थी क्योंकि मैं कोविड-19 से संक्रमित था. आपने अखबारों में छपवाया कि सुप्रीम कोर्ट सुनवाई में देरी कर रहा है. देखिए, जजों को टारगेट करने की एक सीमा होती है. ये सभी खबरें कौन देता है?
‘हम पर दबाव बनाना बंद करिए’
कोर्ट ने मौखिक रूप से कहा, मैंने ऑनलाइन खबरें देखी थी कि जज सुनवाई में देरी कर रहे हैं. हम पर दबाव बनाना बंद करिए. एक जज कोरोना वायरस से संक्रमित थे और इस वजह से हम मामले पर सुनवाई नहीं कर सकें. खैर, हम इसे सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करेंगे. वरना फिर कोई और खबर आएगी.
सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता के वकील द्वारा मामले पर सुनवाई किए जाने के अनुरोध पर ये टिप्पणियां की. वरिष्ठ अधिवक्ता कोलिन गोन्साल्वेज ने जून में अवकाशकालीन पीठ के समक्ष मामले का उल्लेख किया था और कहा था कि देशभर में ईसाई संस्थानों और पादरियों के खिलाफ हर महीने औसतन 45 से 50 हिंसक हमले होते हैं.
कुछ समाचार पोर्टलों में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई को लेकर खबर हुई थी पब्लिश
लाइव लॉ के अनुसार 19 जुलाई को कुछ समाचार पोर्टलों ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा याचिका को बाद की तारीख के लिए स्थगित करने की खबर को “भारत की शीर्ष अदालत ने ईसाई-विरोधी हिंसा याचिका की सुनवाई में देरी” शीर्षक से पब्लिश किया था.
अप्रैल में दायर की गई थी रिट याचिका
अप्रैल में सुप्रीम कोर्ट के समक्ष एक रिट याचिका दायर की गई थी. जिसमें देश भर के विभिन्न राज्यों में ईसाई समुदाय के सदस्यों के खिलाफ हिंसा और भीड़ के हमलों को रोकने के निर्देश देने की मांग की गई थी. जून के अंतिम सप्ताह में, सुप्रीम कोर्ट ने 11 जुलाई, 2022 को याचिका को सूचीबद्ध करने के लिए सहमति व्यक्त की है.
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Tags: Justice DY Chandrachud, Supreme Court, Supreme court of indiaFIRST PUBLISHED : July 28, 2022, 16:20 IST