अगरतला हंगामे पर भारत ने निभाया दोस्ताना लेकिन बांग्लादेश को कब आएगी अक्ल
अगरतला हंगामे पर भारत ने निभाया दोस्ताना लेकिन बांग्लादेश को कब आएगी अक्ल
अगरतला के जरिए भारत ने बांग्लादेश को संदेश भेजा है. बताया है कि जहां गलत हो वहां गलत कहना सीखना चाहिए. बांग्लादेश में हिन्दुओं पर अत्याचार को लेकर यह टिप्पणी नसीहत की तरह है.
बांग्लादेश में हिन्दुओं के साथ जो कुछ भी हो रहा है, उसे लेकर भारतीयों के मन में काफी गुस्सा है. इसी का नतीजा था कि 50 से ज्यादा प्रदर्शनकारी अगरतला में बांग्लादेश के असिस्टेंट हाईकमीशन तक पहुंच गए और हंगामा किया. उन्हें तुरंत वहां से हटा दिया गया. और चेतावनी भी दी गई. अब भारतीय विदेश मंत्रालय ने भी इस पर जवाब दिया और इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया है. जबकि बांग्लादेश में हिन्दुओं के खिलाफ इतना अत्याचार हो रहा है, लेकिन वहां की सरकार सिर्फ पल्ला झाड़ने के अलावा कुछ भी नहीं कर रही है. अल्पसंख्यकों की मदद करना तो दूर की बात, उनके खिलाफ हो रही घटनाओं को नकारा जा रहा है.
सबसे पहले जानिए हुआ क्या? बांग्लादेश में हिन्दू पुजारी चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी और हिन्दुओं पर हो रहे हमलों के विरोध में सैकड़ों लोगों ने त्रिपुरा की राजधानी अगरतला में रैली निकाली. ये लोग रैली लेकर बांग्लादेश मिशन के आसपास पहुंच गए. चिन्मय कृष्ण दास की तत्काल रिहाई और बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमलों को रोकने की मांग की हालांकि, कुछ ही देर बाद पुलिस ने उन्हें वहां से हटा दिया, जिसे लेकर सवाल उठे तो विदेश मंत्रालय ने तुरंत जवाब दिया.
विदेश मंत्रालय ने क्या कहा
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, अगरतला में बांग्लादेश के सहायक उच्चायोग में परिसर में घुसपैठ की आज की घटना बेहद अफसोसजनक है. किसी भी परिस्थिति में राजनयिक और वाणिज्य दूतावास संपत्तियों को निशाना नहीं बनाया जाना चाहिए. सरकार नई दिल्ली में बांग्लादेश उच्चायोग और देश में उनके अन्य मिशनों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए कार्रवाई कर रही है.
बांग्लादेश नकारने में जुटा
अगरतला की घटना पर विदेश मंत्रालय ने चंद घंटों में ही जवाब दिया. लेकिन पिछले एक महीने से बांग्लादेश में हिन्दुओं पर हमले हो रहे हैं. मंदिरों को निशाना बनाया जा रहा है. तीन पुजारियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. फिर भी वहां की सरकार यह मानने को तैयार नहीं है कि वहां कोई दिक्कत है. कोई भी ऐसा बयान सरकार की ओर से नहीं आया. शेख हसीना के तख्तापलट के बाद से जब से मुहम्मद यूनुस ने सत्ता संभाली है, तभी ये अल्पसंख्यकों की सुरक्षा खतरे में नजर आ रही है.
पीएम मोदी तक उठाए सवाल
मुहम्मद यूनुस के सत्ता संभालने के बाद अपने बधाई संदेश में ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिन्दुओं की सुरक्षा को लेकर सवाल उठाए थे. यूनुस से उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा था. दो दिन पहले विदेश मंत्रालय ने भी बांग्लादेश की सरकार से हालात को कंट्रोल में करने की अपील की थी. लेकिन वहां हालात नहीं सुधर रहे हैं. हिन्दुओं और हिन्दू पुजारियों पर हमले जारी हैं.
Tags: Bangladesh news, S JaishankarFIRST PUBLISHED : December 2, 2024, 20:12 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed