क्या एकनाथ शिंदे के BJP से तलाक में विलेन बनेंगे अजित पवार

Maharashtra Politics News: महाराष्ट्र के कार्यवाहक मुख्यमंत्री और शिवसेना (शिंदे) गुट के नेता एकनाथ शिंदे बार-बार क्यों बयान बदल रहे हैं? शिंदे ने क्यों कहा कि जनता चाहती है कि मुख्यमंत्री वही रहें? क्या शिंदे के इस बयान के बाद ही बीजेपी ने दो पर्यवेक्षकों को महाराष्ट्र भेजने का फैसला किया? क्या शिंदे महायुति गठबंधन में आगे भी बने रहेंगे?

क्या एकनाथ शिंदे के BJP से तलाक में विलेन बनेंगे अजित पवार
Maharashtra Politics News: महाराष्ट्र की राजनीति में बीते 9 दिनों से जो राजनीतिक घटनाक्रम चल रहा था, लगता है उसके पटाक्षेप होने का समय आ गया है. बीजेपी अगले 24 से 48 घंटे में शिवसेना (शिंदे) गुट के नेता और महाराष्ट्र के मौजूदा कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को लेकर बड़ा फैसला ले सकती है. बीजेपी ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और गुजरात के पूर्व सीएम विजय रूपाणी को पर्यवेक्षक नियुक्त किया है. इन दोनों की मौजूदगी में अब महाराष्ट्र के अगले सीएम का नाम तय होगा. 4 दिसंबर को विधायक दल की बैठक हो सकती है. महाराष्ट्र चुनाव के नतीजे आने के 9 दिन बाद भी सीएम और डिप्टी सीएम के नाम पर पेच फंसा हुआ है. महाराष्ट्र में बीजेपी, शिवसेना (शिंदे) और एनसीपी (अजित पवार) गुट में सीएम के नाम पर अभी तक सहमति नहीं बन पाई है. हालांकि, एकनाथ शिंदे लगातार बोल रहे हैं कि बीजेपी जो फैसला करेगी वह मंजूर है. लेकिन, बीच-बीच में वह ये भी बोल रहे थे कि जनता का सीएम मैं हूं. हालांकि, अजित पवार गुट वाली एनसीपी बीजेपी को पूरा सपोर्ट कर रही है. अब महाराष्ट्र की राजनीति में क्या होगा? एनसीपी अजित पवार गुट और शिवसेना शिंदे गुट में सरकार बनाने को लेकर अंदर ही अदर कुछ खटास भी देखने को मिल रहे हैं. शिवसेना शिंदे गुट के विधायक गुलाबराव पाटिल ने रविवार को बयान दिया था कि अगर अजित पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी महायुति का हिस्सा नहीं होती तो हमारी पार्टी को 90-100 सीटें जीत सकती थी. पाटिल के इस बयान पर शिंदे गुट ने तीखी प्रतिक्रिया दी थी. क्योंकि, एनसीपी नेता अजित पवार ही महायुति के पहले नेता थे, जिन्होंने बीजेपी के सीएम फेस पर अपनी सहमति दी थी. बीजेपी ने कर लिया फैसला सोमवार तक भी जब सीएम को लेकर महायुति में सहमति नहीं बन पाई तो बीजेपी ने पर्यवेक्षक नियुक्त कर अब अपनी स्थिति साफ कर दी. ऐसे में बड़ा सवाल उठता है कि क्या 5 दिसंबर को बीजेपी विधायक दल का नेता अकेले सीएम पद की शपथ लेंगे या फिर दनों डिप्टी सीएम का भी शपथ ग्रहण भी उस दिन होगा? क्यों सरकार नहीं बनने पर तंज कसे जा रहे हैं? इस बीच कांग्रेस, एनसीपी शरद पवार और शिवसेना उद्धव गुट ने महाराष्ट्र में सरकार नहीं बनने पर तंज कसना शुरू कर दिया है. शिव सेना नेता और वार्ली से हाल ही में विधायक चुने गए आदित्य ठाकरे कहा है कि रिजल्ट आने के बाद भी लंबे समय तक सरकार नहीं बनाना महाराष्ट्र का अपमान है. ना सरकार गठन का दावा किए कोई पार्टी शपथ ग्रहण की डेट का ऐलान कैसे कर सकती है? अगर यह स्थिति विपक्षी दलों के साथ होती तो अब तब राष्ट्रपति शासन लागू हो चुका होता.’ आपको बता दें कि 14वीं विधानसभा का कार्यकाल बीते 26 नवंबर को ही समाप्त हो गया था. मगर पिछले 9 दिनों में सरकार गठन के लिए दावा पेश नहीं किया गया. 2019 के चुनाव के बाद भी यही स्थिति बनी थी जब शिवसेना और बीजेपी के बीच सीएम पद के लिए रस्साकशी लंबी चली थी. इसके बाद राज्य में उस समय के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने राष्ट्रपति शासन की सिफारिश कर दी थी. Tags: BJP, Devendra Fadnavis, Eknath Shinde, Maharashtra News, Maharashtra PoliticsFIRST PUBLISHED : December 2, 2024, 16:21 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed