मरा हुआ समझ महिला को भेज दिया मुर्दाघर जिंदा जान वापस भेजा फिर जो हुआ
मरा हुआ समझ महिला को भेज दिया मुर्दाघर जिंदा जान वापस भेजा फिर जो हुआ
एक अनोखी घटना में एक बुजुर्ग महिला को पहले मृत घोषित कर बॉडी बैग में डाल कर शवदाह गृह भेज दिया गया. उसे जीवित पाए जाने पर उसे नर्सिंग होम वापस भेजा गया. इसके अगले ही दिन उसे वास्तव में मृत पाया गया. पूरे घटनाक्रम से बवाल मच गया. अब परेशान परिवारजनों ने नर्सिंग होम पर मुकदमा दायर करने का फैसला किया है.
क्या ऐसा हो सकता है कि किसी शख्स को मृत घोषित कर दिया गया हो, लेकिन बाद में पाया गया हो कि वह जिंदा था? जी हां, एक अजीब से मामले में ऐसा ही हुआ है. इस मामले में एक महिला को ना केवल मृत घोषित कर दिया गया बल्कि उसका शव, बॉडी बैग में डाल कर शवदाह गृह तक भेज दिया गया. जहां पता चला कि वह महिला तो वास्तव में जिंदा है और उसकी सांसें चल रही हैं. लेकिन जब उसे फिर से अस्पताल पहुंचाया उसके एक दिन बाद पता चला कि वह तो मर चुकी थी. पूरे मामले से परेशान महिला के परिवारजनों ने नर्सिंग होम पर मुकदमा दायर कर दिया है.
नर्सिंग सेंटर के कर्मचारियों ने गलती से 82 वर्षीय महिला को मृत घोषित कर दिया और उसे दफनाने की तैयारी के लिए भेजने में कोई समय बर्बाद नहीं किया. अमेरिका की जेनेट बाल्डुची का परिवार लॉन्ग आइलैंड, न्यूयॉर्क में वाटर एज रिहैबिलिटेशन एंड नर्सिंग सेंटर पर मुकदमा कर रहा है, जिस पर उन्होंने 4 फरवरी, 2023 को लापरवाही और गलत तरीके से मौत का आरोप लगाया है.
बाल्डुची परिवार के वकील पीटर डेनोटो ने द न्यूयॉर्क पोस्ट को बताया कि जब बुजुर्ग महिला कैसिमिर फ्यूनरल होम पहुंची, तो पाया गया कि वह “अभी भी सांस ले रही थी और उसकी नाड़ी चल रही थी”. जेनेट को अस्पताल ले जाने के एक दिन बाद ही पता चला कि वह वास्तव में मर चुकी थी. बुजुर्ग महिला के घर वाले अब अस्पताल पर मुकदमा करने की तैयारी में हैं. (प्रतीकात्मक तस्वीर: Canva)
उसके गुस्से से भरे बेटे रॉबर्ट और जोसेफ बाल्डुची ने नर्सिंग होम के खिलाफ अपना मुकदमा सफ़ोक काउंटी सुप्रीम कोर्ट में ले गए हैं. मामले पर टिप्पणी करते हुए, डेनोटो ने कहा, “क्या नर्स ने यह निर्धारित करने के लिए मानदंडों का पालन किया कि कोई व्यक्ति मर चुका है या नहीं और क्या डॉक्टर ने नर्स द्वारा पाई गई बातों की पुष्टि की? वास्तव में किसी जीवित व्यक्ति को बॉडी बैग में रखने और उन्हें शव-संरक्षण के लिए सुविधा केंद्र में भेजने का कोई बहाना नहीं है.
यह भी पढ़ें: जब अचानक ट्रेन का मालिक बन गया एक किसान, रेलवे की एक गलती पड़ गई उस पर भारी, ऐतिहासिक हो गई थी घटना
1 अगस्त, 2022 को अपने ही घर में गिरने के बाद जेनेट कुछ ही महीनों और कई हफ़्तों तक वाटर एज में रही थी. डेनोटो ने कहा, “यह वास्तव में एक दुखद मामला है. आखिरी मकसद यह संदेश देना है कि आपको अपने काम को गंभीरता से लेना है और आपको मनुष्यों के साथ सम्मान और गरिमा के साथ बर्ताव करना है.”
Tags: Ajab Gajab news, Bizarre news, OMG News, Weird newsFIRST PUBLISHED : July 14, 2024, 07:31 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed