श्रीलंका जैसे कई देशों के हालात जानिए उन 5 देशों के बारे में जिसकी अर्थव्यवस्था डांवाडोल
श्रीलंका जैसे कई देशों के हालात जानिए उन 5 देशों के बारे में जिसकी अर्थव्यवस्था डांवाडोल
दुनिया भर के देशों पर सावधानीपूर्वक नज़र डालने से पता चलता है कि कई अर्थव्यवस्थाओं को धराशायी होने के लिए बस एक झटका ही काफी होगा. एक्सपर्ट इसे बढ़ते डॉलर और घटते विदेशी मुद्रा भंडार से जोड़ कर देख रहे हैं.
हाइलाइट्सयूक्रेन में युद्ध और उसके नतीजे, बढ़ते डॉलर और घटते विदेशी मुद्रा भंडार ने कई देशों को बुरी तरह से प्रभावित किया है.पड़ोसी देश पाकिस्तान संकटग्रस्त अर्थव्यवस्थाओं की सूची में शीर्ष पर है.
नई दिल्ली. दुनिया भर की कई अर्थव्यवस्थाओं पर नजर डालने से पता चलता है कि आर्थिक हालात ठीक नहीं हैं. एक झटका लगते ही कई देशों की अर्थव्यवस्था भरभरा कर गिर जाएगी. यूक्रेन में युद्ध और उसके प्रभाव, बढ़ता डॉलर और घटते विदेशी मुद्रा भंडार ने कई देशों को बुरी तरह प्रभावित किया है. फिलहाल पड़ोसी देश श्रीलंका अपनी आजादी के बाद से सबसे बुरे आर्थिक संकट और राजनीतिक अस्थिरता का सामना कर रहा है. लेकिन क्या इस संकट में श्रीलंका अकेला है? इस स्थिति को एक्सपर्ट बढ़ते डॉलर और घटते विदेशी मुद्रा भंडार से जोड़ कर देख रहे हैं. up24x7news.com, 5 देशों की अर्थव्यवस्था का विश्लेषण कर रहा है, जो भविष्य में श्रीलंका के समान आर्थिक संकट का सामना कर सकते हैं.
पाकिस्तान: इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि भारत का पड़ोसी देश संकटग्रस्त अर्थव्यवस्थाओं की सूची में शीर्ष पर है. पिछले हफ्ते पाकिस्तान ने अपने लोन प्रोग्राम को फिर से शुरू करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के साथ एक समझौते को अंतिम रूप दिया है. श्रीलंका की तरह चीन पर पाकिस्तान की अत्यधिक निर्भरता के कारण पाकिस्तान को भारी कीमत चुकानी पड़ रही है. चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (सीपीईसी) के तहत निवेश ने देश की अर्थव्यवस्था को तगड़ा झटका दिया है. और पाकिस्तान ने अपनी कुछ बड़ी इंडस्ट्रियल प्रोजेक्ट्स को चीनी फर्मों को लीज पर दिया है, जिससे वह कर्ज के दुष्चक्र में फंस गया है. रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक देश का विदेशी मुद्रा भंडार घटकर केवल 9.8 अरब डॉलर रह गया है. जो सिर्फ पांच सप्ताह के आयात के लिए पर्याप्त है. पेट्रोल और डीजल की आसमान छूती कीमतों के अलावा पाकिस्तान भीषण बिजली संकट से भी जूझ रहा है.
नेपाल: नेपाल में भोजन और फ्यूल जैसी आवश्यक वस्तुओं की कीमतें बढ़ रही हैं, जिस कारण आयात में वृद्धि देखी जा रही है, जबकि देश का विदेशी मुद्रा भंडार समाप्त हो गया है और पेमेंट में असंतुलन बढ़ रहा है. नेपाली कस्टम विभाग के अनुसार, चालू वित्त वर्ष के पहले 11 महीनों में देश का कुल आयात बढ़कर 1.76 ट्रिलियन रुपए का हो गया. काठमांडू पोस्ट की एक रिपोर्ट के अनुसार, यह आंकड़ा साल-दर-साल 27.5 प्रतिशत की एक चौंका देने वाली छलांग लगा रहा है.
इथियोपिया: इथियोपिया के भी आर्थिक हालात ठीक नहीं हैं. इथियोपिया को न केवल कर्ज का भुगतान करना है, बल्कि अपनी अर्थव्यवस्था को पूर्व-कोविड के जीडीपी विकास स्तरों पर वापस लाना है. नवंबर 2020 में गृहयुद्ध ने अरबों डॉलर के इस देश को बहा दिया और सड़कों, कारखानों और हवाई अड्डों को नष्ट कर दिया. विदेशी दानदाताओं ने वित्तीय सहायता वापस ले ली है और वाशिंगटन ने अमेरिकी बाजार में इथियोपिया के टैरिफ मुक्त पहुंच को समाप्त कर दिया है.
नाइजीरिया: 2021 के आंकड़ों के आधार पर विश्व बैंक ने हाल ही में नाइजीरिया को दुनिया के शीर्ष 10 देशों में सबसे खराब मुद्रास्फीति दर के साथ सूचीबद्ध किया है. आईएमएफ की मैनेजिंग डायरेक्टर क्रिस्टालिना जॉर्जिवा के अनुसार, मुद्रास्फीति, लोन और फूड क्राइसिस अर्थव्यवस्था को पतन के कगार पर धकेल रहे हैं, क्योंकि पिछले साल से किराने का सामान, पेय पदार्थ और खाने के सामान की कीमतें दोगुनी से अधिक हो गई हैं.
इजिप्ट: हालांकि इजिप्ट ने सुर्खियां नहीं बटोरी हैं. लेकिन रॉयटर्स की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि इजिप्ट को अगले पांच वर्षों में मुद्रा लोन में 100 बिलियन डॉलर का भुगतान करना है, जिसमें 2024 में 3.3 बिलियन डॉलर का एक बड़ा बांड भी शामिल है.
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Tags: Economic crisis, IMF, PakistanFIRST PUBLISHED : July 20, 2022, 13:55 IST