तिहाड़ जेल में कैदियों के लिए बन रहा ऑपरेशन थिएटर इन रोगों की होगी सर्जरी
तिहाड़ जेल में कैदियों के लिए बन रहा ऑपरेशन थिएटर इन रोगों की होगी सर्जरी
तिहाड़ जेल के डायरेक्टर जनरल संदीप गोयल न्यूज 18 हिंदी से बातचीत में बताते हैं कि जेल परिसर में पहला ऑपरेशन थिएटर बनाया जा रहा है जहां कैदियों को शुरुआत में माइनर सर्जरी की सुविधा दी जा सकेगी. मिनी या माइनर ऑपरेशन थिएटर का निर्माण कार्य शुरू हो गया है.
नई दिल्ली. तिहाड़ जेल में बंद कैदी वैसे तो जेल के अंदर ही रहते हैं लेकिन कई कारणों के चलते उन्हें बाहर ले जाया जाता है. इनमें भी स्वास्थ्य संबंधी कारण सबसे अहम है. तिहाड़ जेल के अधिकारियों की मानें तो एक दिन में लगभग 35-40 कैदियों को कई रोगों के इलाज, ओपीडी या सर्जरी के लिए दिल्ली के अन्य अस्पतालों में ले जाता जाता है. हालांकि इस दौरान न केवल कैदियों की सुरक्षा सबसे बड़ी चुनौती बन जाती है बल्कि इनके भागने का डर भी बना रहता है. हालांकि अब जेल प्रशासन को इस संबंध में राहत मिलने जा रही है. जेल में बंद खूंखार कैदियों को अब इलाज के लिए बाहर नहीं ले जाना पड़ेगा. दिल्ली जेल विभाग की ओर से जेल परिसर में ही कई रोगों के मरीजों को पर्याप्त इलाज मिलने की सुविधा की जा रही है.
तिहाड़ जेल के डायरेक्टर जनरल संदीप गोयल न्यूज 18 हिंदी से बातचीत में बताते हैं कि जेल परिसर में पहला ऑपरेशन थिएटर बनाया जा रहा है जहां कैदियों को शुरुआत में माइनर सर्जरी की सुविधा दी जा सकेगी. मिनी या माइनर ऑपरेशन थिएटर का निर्माण कार्य शुरू हो गया है. संभावना जताई जा रही है कि सितंबर के अंत तक यह बनकर तैयार हो जाएगा और मरीजों को माइनर ओटी की सुविधाएं मिलना शुरू हो जाएंगी. संभव है कि रोजाना करीब 5-6 माइनर सर्जरी की जा सकेंगी.
संदीप गोयल कहते हैं कि तिहाड़ जेल के ओटी में शुरुआत में छोटी सर्जरी की जाएंगी. इसके बाद बड़े ऑपरेशन भी किए जाएंगे. इसके लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार हो रहा है. अभी जेल परिसर में कैदियों के लिए औषधालय मौजूद हैं, जहां ओपीडी की सुविधा उपलब्ध हैं. इतना ही नहीं यहां दिल्ली के अस्पतालों से साप्ताहिक तौर पर कई विशेषज्ञ भी बुलाए जाते हैं जो कैदियों का इलाज करते हैं. अभी तक यहां सर्जरी की सुविधा नहीं थी जिसके चलते माइनर ओटी के मामले में भी कैदियों को दूसरे अस्पतालों में रैफर किया जाता था. जिस पर अब कुछ हद तक रोक लगने की उम्मीद है.
माइनर ओटी में होंगी ये सर्जरी
गोयल कहते हैं कि जेल में बन रहे माइनर ओटी में कैदियों को त्वचा पर टांके लगाने या सिलने, किसी अंग में भरे पस या मवाद को निकालने, बायोप्सी आदि के सैंपल लेने, पैर, टखना, अंगूठे आदि में चोट लगने या घाव होने या कट लगने पर अतिरिक्त शरीर या मांस को हटाने, किसी भी प्रकार की गांठ को हटाने, माइनर हार्निया की सर्जरी करने की सुविधाएं दी जाएंगी. इसके बाद ओटी की क्षमताओं को लगातार बढ़ाया जाएगा.
तिहाड़, रोहिणी और मंडोली जेल में इतने हैं कैदी
बता दें कि तिहाड़ जेल में 13158 कैदी बंद हैं. जबकि रोहिणी जेल में 2068 और मंडोली जेल में 4276 कैदी हैं. जेल प्रशासन की ओर से दी गई जानकारी में बताया गया कि 16 जेलों में 16 औषधालय चालू हालत में हैं जहां नियमित तौर पर मरीजों के इलाज की सुविधा है. इसके बावजूद पिछले साल 17 हजार से ज्यादा कैदियों को इलाज, सर्जरी या माइनर सर्जरी के लिए तिहाड़ जेल से बाहर अस्पतालों में ले जाया जाता रहा है. जिसकी वजह से कई बार कई घटनाएं भी हो जाती हैं.
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Tags: Health, Prisoners, Tihar jailFIRST PUBLISHED : July 20, 2022, 13:52 IST