ISRO आज लॉन्च करेगा देश का पहला प्राइवेट रॉकेट Vikram-S जानें क्यों खास है यह मिशन

Skyroot Rocket Vikram-S Launching: इस रॉकेट का वजन करीब 545 किग्रा है, जो समंदर में गिरने से पहले धरती की सतह से 101 किमी की ऊंचाई को हासिल करेगा. इसमें कुल 300 सेकेंड का समय लगेगा. इस मिशन को स्काईरूट के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर माना जाता है, क्योंकि यह उन 80 प्रतिशत तकनीकों को मान्यता दिलाने में मदद करेगा, जिनका उपयोग विक्रम-1 कक्षीय वाहन में किया जाएगा, जिसे अगले साल प्रक्षेपित करने की योजना है.

ISRO आज लॉन्च करेगा देश का पहला प्राइवेट रॉकेट Vikram-S जानें क्यों खास है यह मिशन
नई दिल्ली: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (Indian Space Research Organization) आज देश के पहले निजी रॉकेट विक्रम-एस (Vikram-S) की लॉन्चिंग आंध्रप्रदेश के श्रीहरिकोटा प्रक्षेपण केंद्र से करेगा. इसरो शुक्रवार सुबह 11.30 बजे अंतरिक्ष स्टार्टअप स्काईरूट एयरोस्पेस (Skyroot Aerospace) की ओर से विकसित रॉकेट को लॉन्च करने के लिए पूरी तरह तैयार है. कंपनी के प्रवक्ता के मुताबिक, ‘खराब मौसम के पूर्वानुमान के कारण हमें श्रीहरिकोटा से हमारे विक्रम-एस रॉकेट लॉन्च के लिए 15-19 नवंबर तक एक नई लॉन्च विंडो दी गई है, जिसकी सबसे संभावित तारीख 18 नवंबर सुबह 11:30 बजे है. स्काईरूट एयरोस्पेस के इस पहले मिशन को ‘प्रारंभ’ नाम दिया गया है, जिसमें तीन उपभोक्ता पेलोड होंगे. इसे श्रीहरिकोटा में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के लॉन्च पैड से प्रक्षेपित किया जाएगा.’ 2 IIT ग्रेजुएट्स की कंपनी स्काईरूट आज लॉन्च करेगी देश का पहला प्राइवेट रॉकेट इस रॉकेट का वजन करीब 545 किग्रा है, जो समंदर में गिरने से पहले धरती की सतह से 101 किमी की ऊंचाई को हासिल करेगा. इसमें कुल 300 सेकेंड का समय लगेगा. इस मिशन को स्काईरूट के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर माना जाता है, क्योंकि यह उन 80 प्रतिशत तकनीकों को मान्यता दिलाने में मदद करेगा, जिनका उपयोग विक्रम-1 कक्षीय वाहन में किया जाएगा, जिसे अगले साल प्रक्षेपित करने की योजना है. स्काईरूट कंपनी और इसरो के बीच रॉकेट लांचिंग को लेकर एमओयू साइन हुआ है. विक्रम एस रॉकेट अपने साथ तीन पेलोड्स भी ले जाएगा जिसमें एक विदेशी ग्राहक का है. कंपनी का कहना है कि विक्रम एस के टेस्ट इस सीरीज में बनने वाले दूसरे रॉकेट को एक प्रामाणिकता मिलेगी. लॉन्चिंग के दौरान प्री लिट ऑफ, पोस्ट ऑफ समेत अलग अलग चरणों में आने वाली परेशानियों और उसे दूर करने में मदद भी मिलेगी. विक्रम एस के लॉन्चिंग में इग्नीशन, लांचिंग पैड से रॉकेट का ऊपर उठना, स्पिन मोटर इग्नीशन, अधिकतम टॉर्क, अधिकतम ऊंचाई और फिर नीचे आने का क्रम होगा. इसरो चेयरमैन एस. सोमनाथ ने बताया कि अंतरिक्ष तकनीक और नवोन्मेष के क्षेत्र में हमारे साथ काम करने के लिए 100 स्टार्ट-अप्स समझौता कर चुके हैं. सोमनाथ गुरुवार को बंगलुरू टेक समिट-2022 में ‘आर एंड डी- इनोवेशन फॉर ग्लोबल इंपैक्ट’ (R&D – Innovation for Global Impact) विषय पर बोल रहे थे. अब भारतीय भी कर सकेंगे अंतरिक्ष की सैर, ये देसी कंपनी जल्द शुरू करेगी सेवा इस दौरान उन्होंने बताया कि 100 में से करीब 10 ऐसी कंपनियां हैं, जो सैटेलाइट और रॉकेट विकसित करने में जुटी हैं. इस दौरान उन्होंने चंद्रयान तृतीय की जानकारी देते हुए बताया कि यह भी जल्द ही लॉन्च किया जाएगा. उन्होंने एक सवाल के जवाब में बताया, ‘कई अभियान ऐसे हैं, जिनपर इसरो और अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा साथ मिलकर काम कर रहे हैं. अंतरिक्ष अभियानों के लिए जो तकनीक और नवोन्मेष किए जाते हैं, उनका रोजमर्रा की जिंदगी में भी कई तरह से इस्तेमाल होता है. बहुत से स्टार्ट-अप्स खासतौर पर इसी पहलु पर काम कर रहे हैं. इसरो भारत सरकार के स्मार्ट सिटी परियोजनाओं और स्मार्ट विनिर्माण प्रक्रियाओं का अहम भागीदार है.’ ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी| Tags: ISRO, Rocket, Space ScienceFIRST PUBLISHED : November 18, 2022, 08:38 IST