जून में धान के साथ ऐसे करें हरी धनिया की खेती होगी नोटों की बरसात
जून में धान के साथ ऐसे करें हरी धनिया की खेती होगी नोटों की बरसात
डॉ एनसी त्रिपाठी ने बताया कि जून के महीने में धनिया की बिजाई की जाए तो 40 से 45 दिनों में धनिया हार्वेस्टिंग के लिए तैयार हो जाता है. एक हेक्टेयर में करीब 10 क्विंटल धनिया की उपज होती है. बरसात के दिनों में धनिया बाजार में बेचने से अच्छी कमाई होती है.
सिमरनजीत सिंह/शाहजहांपुर : बारिश के दिनों में वैसे तो किसान धान की फसल उगाते हैं लेकिन जिन क्षेत्रों में सिंचाई के पर्याप्त साधन नहीं होते वहां किसान मोटे अनाजों की खेती भी कर सकते हैं. लेकिन बारिश के दिनों में अगर धनिया की खेती की जाए तो किसानों को बहुत कम दिन में लाखों रुपए का मुनाफा होता है. क्योंकि बरसात के दिनों में बाजार में धनिया की आवक बहुत ही कम होती है. जिसके चलते इसके अच्छे दाम मिलते हैं.
कृषि विज्ञान केंद्र नियामतपुर के कृषि एक्सपर्ट डॉ. एनसी त्रिपाठी ने बताया कि धनिया की खेती करने के लिए जून और जुलाई का महीना बेहद ही मुफीद होता है. जून के दिनों में खेत की गहरी जुताई कर खरपतवारों को खेत में ही नष्ट कर दें. उसके बाद सड़ी हुई गोबर की खाद डाल कर सिंचाई कर दें. पर्याप्त नमी रहते हुए एक बार फिर से खेत को जोत दें.
डीएपी और पोटाश का भी कर सकते हैं इस्तेमाल
कृषि एक्सपर्ट डॉ. एनसी त्रिपाठी ने बताया कि खेत की जुताई करने के बाद उसमें डीएपी और पोटाश को डालकर रोटावेटर से खेत को जोतकर मिट्टी को भुर भुरा बना लें. उसके बाद पाटा चला कर खेत को समतल कर दें. फिर उसके बाद धान की खेत में छोटी-छोटी क्यारी बनाकर धनिया की बुवाई कर सकते हैं.
कैसे करें धनिया की बुवाई ?
डॉ. एनसी त्रिपाठी ने बताया कि धनिया की बुवाई करने के लिए सबसे अच्छी किस्म हिसार सुगंध बेहद ही अच्छा उत्पादन देती है. जिसका जमाव अच्छा होता है और अंकुरण भी जल्द होता है. धनिया को खेत में बिजाई से पहले उसके बीज को जूट की बोरी में भिगोकर रख दिया जाता है. उसके बाद धनिया के बीज को खेत में बो दिया जाता है. 3 से 4 दिन के बाद इसका अंकुरण होने लगता है.
कीट प्रबंधन भी है जरूरी
डॉ. एनसी त्रिपाठी ने बताया कि बरसात के मौसम में नमी रहने के कारण बहुत से कीट मिट्टी में सुरंग बनाकर धनिया की जड़ों को नुकसान पहुंचाते हैं. ऐसे में रोकथाम के लिए क्लोरोपायरीफॉस नाम की दवा का छिड़काव कर दें. 40 से 45 दिन में धनिया की फसल तैयार हो जाती है. जिसको बाजार में बेचने पर अच्छी कीमत मिलती है.
फिर होगी नोटों की बरसात
डॉ एनसी त्रिपाठी ने बताया कि विधिवत तरीके से धनिया की खेती करने पर एक हेक्टेयर से करीब 10 क्विंटल तक धनिया की उपज मिलती होती है. बरसात के दिनों में बाजार में इसके 250 से 300 रूपए प्रति किलो के साथ दाम भी मिलते हैं. इसीलिए कहा जाता है कि बरसात के दिनों में धनिया की खेती करने से नोटों की बरसात होती है.
Tags: Agriculture, Local18, Shahjahanpur News, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : June 6, 2024, 13:19 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed