अब व्हाट्सऐप पर मैसेज करते ही गमले में गिरने लगेगा पानी जानिए कैसे

यह डिवाइस पेड़ पौधे और गार्डनिंग के लिए बेहद कारगर साबित होगी. इंजीनियरिंग के छात्र अंशित बताते हैं कि यह डिवाइस बेहद खास है. इस प्रोजेक्ट को किसी भी एंड्रॉयड फोन से अटैच किया जा सकता है.  एक व्हाट्सऐप से हम 50 से ज्यादा गमलों को जोड़ सकते हैं.

अब व्हाट्सऐप पर मैसेज करते ही गमले में गिरने लगेगा पानी जानिए कैसे
रजत भटृ/गोरखपुर: गोरखपुर के प्रौद्योगिकी व प्रबंधन संस्थान (ITM)  गिड़ा के छात्रों ने एक ऐसा डिवाइस तैयार किया है. जिसके जरिए एक मैसेज करते ही व्हाट्सऐप के जरिए आपके गमले में पानी गिरने लगेगा. उस पौधे की डिटेल भी आपके पास होगी. इस प्रोजेक्ट को बनाने वाले छात्र अंशित श्रीवास्तव बताते हैं कि इस डिवाइस को ‘मोबाइल वाटर सिस्टम’ से तैयार किया गया है. इसके जरिए अपने घर के बगीचे में लगे पेड़ पौधों में आसानी से अपने मोबाइल के व्हाट्सऐप पर मैसेज के जरिए पानी डाल सकते हैं. इसके साथ ही छात्रों ने ऐसे पौधे भी बनाए हैं, जो अपना नाम भी बताएंगें . छात्र अंशित बताते हैं कि आज के दौर में हम बगीचे , पेड़ पौधे व प्रकृति से दूर हो रहे हैं. ऐसे में यह डिवाइस लोगों के गार्डनिंग और पेड़ पौधों के लिए काफी कारगर साबित होगी. एंड्रॉइड फोन से होगा अटैच यह डिवाइस पेड़ पौधे और गार्डनिंग के लिए बेहद कारगर साबित होगी. इंजीनियरिंग के छात्र अंशित बताते हैं कि यह डिवाइस बेहद खास है. इस प्रोजेक्ट को किसी भी एंड्रॉयड फोन से अटैच किया जा सकता है.  एक व्हाट्सऐप से हम 50 से ज्यादा गमलों को जोड़ सकते हैं. सभी गमले मोबाइल से जुड़े मिनी वाटर पंप से कनेक्ट होते हैं. जैसे ही हम गमले में लगे पौधे का नाम सेंड करते हैं. गमले में सेट किए गए निर्धारित पानी गमले में भर जाता है. इससे  हम दूर से भी अपने पौधों में पानी डाल सकते हैं. साथ ही जो पौधे हमने गमले में लगाए हैं. वह पौधे अपना नाम भी बता सकते हैं. इससे गमले में लगे पौधे का नाम जानने में लोगों को आसानी होगी. इस एक डिवाइस के जरिए कई पौधों का देखभाल किया जा सकता है. उन्हें सूखने से बचाया जा सकता है. प्रोजेक्ट में इन सामान का बड़ा रोल गोरखपुर गिडा ITM के संस्थापक निदेशक डॉक्टर एन के सिंह ने छात्रों की प्रशंसा करते हुए बताया कि यह पर्यावरण के लिए बेहद खास होगा. बच्चों की यह पहल बेहद खास है. वहीं इसे तैयार करने वाले छात्र अंशित बताते हैं कि इस पूरे प्रोजेक्ट को बनाने में 12 दिन का समय और 2 हजार का खर्च आया है. इसे बनाने में एंड्रॉयड मोबाइल, गियर मैकेनिक स्विच, 12 वोल्ट पंप, 220 वोल्ट पंप मैसेज ट्रिगर सेंसर, वॉइस रिकॉर्डिंग चिप जैसे कई छोटे-मोटे सामान इसमें लगाए गए हैं. जिसके जरिए यह तैयार किया गया है. इसमें कुछ और टेक्निकल काम करने के बाद इसे मार्केट में भी लाया जाएगा. जिससे लोग इसका लाभ ले सकेंगे. Tags: Hindi news, Local18FIRST PUBLISHED : June 5, 2024, 17:28 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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