कौन है केरल में 3 सीट जीतने वाली मुस्लिम लीग क्या है जिन्ना से कनेक्शन

Indian Union Muslim League: केरल में एक पार्टी है इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल). वो राज्य में कांग्रेस के साथ यूडीएफ गठबंधन का हिस्सा है. इस बार आईयूएमएल के तीन उम्मीदवारों ने लोकसभा चुनाव में बाजी मारी है.

कौन है केरल में 3 सीट जीतने वाली मुस्लिम लीग क्या है जिन्ना से कनेक्शन
भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने इस बार के लोकसभा चुनाव में केरल (kerala) पर पूरी तरह फोकस किया हुआ था. यही वजह रही कि बीजेपी वाम मोर्चा (left front) और कांग्रेस (Congress) के गढ़ में अपना खाता खोलने में सफल रही. लेकिन केरल की एक और पार्टी है इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (Indian Union Muslim League) जिसने इस बार तीन सीटों पर जीत हासिल की है. ज्यादातर लोग इस पार्टी को इसके नाम की वजह से हिंदुस्तान के बंटवारे के लिए जिम्मेदार मोहम्मद अली जिन्ना की मुस्लिम लीग से जोड़कर देखते हैं. लेकिन क्या इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग का वास्तव में मोहम्मद अली जिन्ना से कोई संबंध था, जानिए यहां… क्या है जिन्ना वाली मुस्लिम लीग से संबंध  मोहम्मद अली जिन्ना की मुस्लिम लीग और इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग का नाम भले एक जैसा हो, लेकिन दोनों का इतिहास और विचारधारा अलग-अलग है. साल 1947 में जब देश का बंटवारा हुआ तो मोहम्मद अली जिन्ना की अगुआई वाली राजनीतिक पार्टी मुस्लिम लीग को भंग कर दिया गया. यह पार्टी ही लंबे समय से मुसलमानों के लिए अलग देश की मांग कर रही थी. बंटवारे के बाद मोहम्मद अली जिन्ना पाकिस्तान के पहले गवर्नर जनरल बने और सितंबर 1948 में उनका इंतकाल हो गया. ये भी पढ़ें- Explainer: दक्षिण में कदम रखते ही उत्तर में BJP का आंगन सूना, हिंदी बेल्ट ने कैसे किया ‘खेल’? कब बनी आईयूएमएल मोहम्मद अली जिन्ना के निधन के बाद पश्चिमी पाकिस्तान में फिर से मुस्लिम लीग का गठन किया गया, उसी समय पूर्वी पाकिस्तान यानी आज के बांग्लादेश में ऑल पाकिस्तान अवामी मुस्लिम लीग बनी. इसी समय भारत में मोहम्मद इस्माइल ने इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग का गठन किया. मोहम्मद इस्माइल जिन्ना वाली पार्टी के मद्रास प्रेसीडेंसी के अध्यक्ष हुआ करते थे और वह बंटवारे के बाद भारत में ही रह गए थे. इस बार बने हैं 3 सांसद इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग लंबे समय से भारत में राजनीतिक प्रक्रिया का हिस्सा रही है और लगातार चुनाव में भाग लेती रही है. इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग की स्थिति केरल में ठीक ठाक है और उसकी एक इकाई तमिलनाडु में भी है. चुनाव आयोग ने भी इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग को केरल में राज्य की पार्टी के तौर पर मान्यता दी हुई है. अपने गठन के बाद से इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग हमेशा चुनाव में हिस्सा लेती रही है. पहली बार को छोड़कर हमेशा उसके उम्मीदवार लोकसभा का हिस्सा बनते रहे हैं. इस चुनाव में ईटी मोहम्मद बशीर ने मल्लपुरम से, डॉ. एम. पी. अब्दुसमद समदानी ने पोननानी से और नवास कानी के ने रामनाथनपुरम से जीत दर्ज की है. ये भी पढ़ें- भारत में कभी छपता था नेताजी की फोटो वाला नोट, किन देशों ने दी थी मान्यता आईयूएमएल के एक नेता रहे यूएन में इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के एक नेता ई. अहमद 1991 से 2014 तक संयुक्त राष्ट्र (UN) में भारत के प्रतिनिधि रहे. ई. अहमद मनमोहन सिंह की अगुआई वाली कांग्रेस सरकार में राज्यमंत्री भी रहे. पार्टी के पी. वी. बहाव राज्यसभा के सदस्य हैं. इसके अलावा केरल विधानसभा में आईयूएमएल के 15 विधायक हैं. दिलचस्प बात यह है कि केरल में सक्रिय इस पार्टी का मुख्यालय चेन्नई में है.  केरल में यूडीएफ का हिस्सा केरल की राजनीति में मुख्य रूप से दो गठबंधन हैं. पहला है यूडीएफ और दूसरा है एलडीएफ. मौजूदा समय में इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग और कांग्रेस एक साथ गठबंधन का हिस्सा हैं. यूडीएफ की स्थापना कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री के. करुणाकरन वे की थी. केरल में दोनों पार्टियों का लंबे समय से गठबंधन में हैं. Tags: 2024 Lok Sabha Elections, Congress, Indo Pak Partition, Kerala, Mohammad Ali JinnahFIRST PUBLISHED : June 5, 2024, 17:23 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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