घर संभालने से लेकर गोल्ड मेडल जीतने तक 56 साल की शैली की Inspirational कहानी

Homemaker turned wrestling champion: शैली जॉय ने अपनी मेहनत और लगन से नया कीर्तिमान स्थापित किया है. कुश्ती चैंपियनशिप में शैली चैंपियन बनी हैं.

घर संभालने से लेकर गोल्ड मेडल जीतने तक 56 साल की शैली की Inspirational कहानी
केरल के कोठामंगलम की रहने वाली शैली जॉय ने गृहिणी से लेकर पंचा कुश्ती की राष्ट्रीय चैंपियन बनने तक का सफर तय कर नारी शक्ति की मिसाल पेश की है. वारपेट्टी, इलंगावम, अटैचेरी की मूल निवासी और जॉय वर्गीस की पत्नी शैली ने राज्य और राष्ट्रीय स्तर की पंचा कुश्ती प्रतियोगिताओं में शानदार प्रदर्शन कर सभी का ध्यान खींचा. वजन घटाने के उद्देश्य से बॉक्सिंग शुरू करने वाली 56 साल की शैली के लिए यह सफर किसी सपने से कम नहीं है. राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर जीते पदक 4 जनवरी को कोझिकोड में आयोजित 47वीं स्टेट ग्रांट मास्टर पंचा कुश्ती चैंपियनशिप में शैली ने 80 किलोग्राम से अधिक वजन की श्रेणी में बाएं और दाएं हाथ के मुकाबले में दो कांस्य पदक जीते. इससे पहले, गोवा में 2024 नेशनल मास्टर्स गेम्स में इसी श्रेणी में उन्होंने स्वर्ण पदक हासिल कर केरल का नाम रोशन किया. इन प्रतियोगिताओं में शैली ने केरल टीम का प्रतिनिधित्व किया, जिसमें देश के अलग-अलग राज्यों के खिलाड़ी शामिल थे. गोल्ड मेडल जीतने के बाद बढ़ी उम्मीदें गोवा में स्वर्ण पदक जीतने के बाद शैली ने अपने खेल पर और ध्यान केंद्रित करने का फैसला किया. वह अधिक प्रशिक्षण लेकर अपने प्रदर्शन को और बेहतर बनाने की कोशिश में जुट गईं. प्रेरणा और प्रशिक्षण का सफर शैली को सबसे पहले मुवत्तुपुझा के शेप वेल जिम की ट्रेनर रीजा सुरेश से प्रेरणा मिली. वर्तमान में वह पेरुंबवूर के बिजस जिम में बीजू और मुवत्तुपुझा के फेसी मोती के तहत प्रशिक्षण ले रही हैं. ये दोनों कोच अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार विजेता हैं, जिन्होंने शैली के खेल को निखारने में अहम भूमिका निभाई. परिवार का साथ बना ताकत शैली के पति जॉय वर्गीस प्रवासी हैं और उनके दो बच्चे, शिल्जा जॉय और शिंटो जॉय, हैं. परिवार के समर्थन ने शैली को अपने सपनों को हकीकत में बदलने का हौसला दिया. शैली ने बताया कि दो साल पहले उन्होंने वजन घटाने के लिए जिम जाना शुरू किया था, लेकिन वहां से उनका सफर कुश्ती के मैदान तक पहुंच गया. नारी शक्ति की मिसाल 56 साल की शैली जॉय ने यह साबित कर दिया कि अगर इंसान में जुनून और दृढ़ संकल्प हो, तो उम्र या परिस्थितियां बाधा नहीं बन सकतीं. उनका सफर न सिर्फ प्रेरणादायक है, बल्कि यह दिखाता है कि हर महिला अपनी सीमाओं को लांघकर नई ऊंचाइयों को छू सकती है Tags: Ajab Gajab, Local18, Special ProjectFIRST PUBLISHED : January 9, 2025, 17:51 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed