भारत की मिट्टी में ही सामर्थ्य है हमें अपनी विरासत पर गर्व करने की जरूरत: PM मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘‘लोकतंत्र की जननी’’ के रूप में भारत की भूमिका को रेखांकित करते हुए सोमवार को कहा कि यहां की मिट्टी में ही वह सामर्थ्य है, जिसने आजादी के संकल्प को कभी ओझल नहीं होने दिया और अंतत: उसे हासिल करके ही दिखाया. उन्होंने भारत की विविधता को उसकी अनमोल शक्ति करार दिया और कहा कि देश को इस पर गर्व करना चाहिए. छिहत्तरवें स्वतंत्रता दिवस पर लालकिले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए मोदी ने ‘‘हर घर तिरंगा’’ अभियान का उल्लेख किया और कहा कि इसमें लोगों की सहभागिता ने चेतना का सामूहिक पुनर्जागरण किया है.

भारत की मिट्टी में ही सामर्थ्य है हमें अपनी विरासत पर गर्व करने की जरूरत: PM मोदी
हाइलाइट्सप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत को ‘‘लोकतंत्र की जननी’’ रेखांकित किया है.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत की विविधता का जश्न मनाने की जरूरत है.उन्होंने कहा कि एक संस्कार सरिता है, विचारों का बंधन है. उन्होंने लालकिले से," जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान, जय अनुसंधान" का भी नारा दिया. नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘‘लोकतंत्र की जननी’’ के रूप में भारत की भूमिका को रेखांकित करते हुए सोमवार को कहा कि यहां की मिट्टी में ही वह सामर्थ्य है, जिसने आजादी के संकल्प को कभी ओझल नहीं होने दिया और अंतत: उसे हासिल करके ही दिखाया. उन्होंने भारत की विविधता को उसकी अनमोल शक्ति करार दिया और कहा कि देश को इस पर गर्व करना चाहिए. छिहत्तरवें स्वतंत्रता दिवस पर लालकिले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए मोदी ने ‘‘हर घर तिरंगा’’ अभियान का उल्लेख किया और कहा कि इसमें लोगों की सहभागिता ने चेतना का सामूहिक पुनर्जागरण किया है. उन्होंने कहा, ‘‘75 साल की हमारी यात्रा अनेक उतार-चढ़ाव से भरी हुई है. सुख-दु:ख की छाया मंडराती रही है और इसके बीच भी हमारे देशवासियों ने हार नहीं मानी है. संकल्‍पों को ओझल नहीं होने दिया है.’’ मोदी ने कहा कि सैंकड़ों सालों के गुलामी के कालखंड ने भारत के मन को और भारतीय भावनाओं को गहरे घाव दिए थे, लेकिन उसके भीतर जिद, जिजीविषा, जुनून और एक जोश भी था. उन्होंने कहा, ‘‘जब आजादी की जंग अंतिम चरण में थी तो देश को डराने, निराश और हताश करने के लिए सारे उपाय किए गए थे. अगर आजादी आई और अंग्रेज चले जाएंगे तो देश टूट जाएगा, बिखर जाएंगे, लोग अंदर-अंदर लड़ करके मर जाएंगे, कुछ नहीं बचेगा, अंधकार युग में भारत चला जाएगा, न जाने क्‍या—क्‍या आशंकाएं व्‍यक्‍त की गई थीं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन उनको पता नहीं था कि ये हिन्‍दुस्‍तान की मिट्टी है. इस मिट्टी में वो सामर्थ्‍य है, जो शासकों से भी परे सामर्थ्‍य का एक अंतरप्रभाव लेकर जीता रहा है. सदियों तक जीता रहा है. उसी का परिणाम है कि हमने क्‍या कुछ नहीं झेला है, कभी अन्‍न का संकट झेला, कभी युद्ध के शिकार हो गए.’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की विविधता औरों को भारत के लिए बोझ लगती थी, वही विविधता ही भारत की अनमोल शक्ति है और भारत की शक्ति का एक अटूट प्रमाण है. उन्होंने कहा, ‘‘दुनिया को पता नहीं था कि भारत के पास एक अंतरनिहित सामर्थ्य है, एक संस्कार सरिता है, विचारों का बंधन है. भारत लोकतंत्र की जननी है. जिनके जहन में लोकतंत्र होता है, वे जब संकल्प लेकर चल पड़ते हैं तो वह सामर्थ्य दुनिया की बड़ी-बड़ी सल्तनतों के लिए भी संकट का काल लेकर के आती है.’’ प्रधानमंत्री ने कहा,”भले ही कभी-कभी प्रतिभाएं भाषा के बंधनों में बंध जाती है, लेकिन देशवासियों को देश की हर भाषा पर गर्व करना चाहिए.” उन्होंने कहा कि विविधता और लोकतंत्र भारत की सबसे बड़ी ताकत हैं. उन्होंने कहा, ‘‘भारत में बहुत सारी भाषाएं हैं. कभी-कभी हमारी प्रतिभाएं भाषा के बंधनों में बंध जाती हैं, ये गुलामी की मानसिकता का परिणाम है. हमें हमारे देश की हर भाषा पर गर्व होना चाहिए.’’ प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि भारत की विविधता का जश्न मनाने की जरूरत है. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी | Tags: 75th Independence Day, Narendra modi, Red FortFIRST PUBLISHED : August 15, 2022, 19:41 IST