17 जुलाई को होगी भारत-चीन कमांडर स्तर की वार्ता 15 दौर की हो चुकी है बातचीत
17 जुलाई को होगी भारत-चीन कमांडर स्तर की वार्ता 15 दौर की हो चुकी है बातचीत
India-China commander level talks: भारत और चीन के बीच कमांडर लेवल के 16दौर की वार्ता 17 जुलाई को होगी. बैठक में एलएसी पर तनाव को कम करने को लेकर बातचीत होगी. इस बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व फायर एंड फ्यूरी कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल ए. सेनगुप्ता करेंगे. हालांकि बैठक कहां होगी, इसे लेकर अभी कोई सूचना नहीं आई है.
हाइलाइट्सगलवान घाटी में 15 जून 2020 को चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प हुई थीएलएसी पर तनाव कम करने के लिए अब तक 16 दौर की वार्ता हो चुकी है
पूर्वी लद्दाख वास्तविक नियंत्रण रेखा पर गलवान घाटी में 15 जून 2020 को चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प हुई थी जिसमें चीन के कई जवानों को मौत के घाट उतार दिए गए थे. इस झड़प में जाबांज भारतीय सैनिक भी शहीद हुए थे. तब से लेकर अब तक दोनों देशों के बीच तनाव बना हुआ है. इस तनाव को कम करने के लिए दोनों देशों के बीच कमांडर स्तर की बातचीत होती रहती है लेकिन अब तक इसका कोई ठोस समाधान नहीं निकला है. अब 17 जुलाई को दोनों देशों के बीच कमांडर स्तर के 16वें दौर की बैठक होगी. बैठक में एलएसी पर तनाव को कम करने को लेकर बातचीत होगी. इस बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व फायर एंड फ्यूरी कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल ए. सेनगुप्ता करेंगे. हालांकि बैठक कहां होगी, इसे लेकर अभी कोई सूचना नहीं आई है.
चीनी सेना वापस जाने को तैयार नहीं
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने हाल ही में कहा है कि हम इस समस्या का समाधान चाहते हैं लेकिन यह समाधान ऐसी होनी चाहिए जिसमें हमारे दावे के साथ न्याय हो. उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं हो सकता कि कोई देश हमें यह कहे कि आइए यह समस्या का समाधान है और इसे स्वीकार करना है. ऐसा नहीं हो सकता है. हम अपनी शर्तों के साथ समस्या का समाधान चाहते हैं. दरअसल, चीन हॉट स्प्रिंग गोगरा-कॉगड़ा ला इलाके में अपनी रूकी हुई टुकड़ी को वापस भेजने से इनकार कर दिया है. यह जगह यानी देपसांग के मैदान और चार्दिंग निंगुलंग नाल्हा जंक्शन रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है. विवाद की असली जड़ यही है. लेकिन चीन की हठधर्मिता के कारण इस मुद्दे का समाधान नहीं हो रहा है.
2020 से है दोनों देशों में तनाव
भारत और चीन के बीच 2020 में शुरू हुआ टकराव अब तक खत्म नहीं हुआ है. देपसांग और डेमचोक जैसे इलाकों में अभी भी दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने हैं. चीनी सेना यहां से पीछे हटने को तैयार नहीं है. भारत के जावान भी वहां डटे हुए हैं. इस मुद्दे पर बैठकों को 15 दौर हो चुका है लेकिन पिछले पांच महीने से दोनों देशों के बीच सैन्य वार्ता नहीं हुई है. ऐसे में यह बैठक काफी महत्वपूर्ण है. इससे पहले दोनों देशों के बीच लद्दाख के चुशुल मोल्दो में मार्च की शुरुआत में वार्ता हुई थी. भारतीय पक्ष का नेतृत्व लेह स्थित सेना की 14वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट-जनरल अनिंद्य सेनगुप्ता और चीन की ओर से दक्षिण शिनजियांग सैन्य जिला प्रमुख मेजर जनरल यांग लिन ने किया था.
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Tags: China, India, Narendra modi, S JaishankarFIRST PUBLISHED : July 13, 2022, 19:31 IST