वसीम अहमद/अलीगढ़. इस बार अलीगढ़ के अतरौली इलाके के बागों मे आड़ू की बंपर पैदावार हुई है. आडू शरीर के अंदर जरूरी पोषक तत्वों की पूर्ति करता है. बहुत से लोग इस फल को अपनी डाइट में शामिल करना जरूरी मानते हैं. अच्छी सेहत के लिए एक्सपर्ट हमेशा से ही मौसमी फलों और सब्जियों को अपनी डाइट में शामिल करने की सलाह देते हैं.
आड़ू के बाग के मालिक हिमांशु मित्तल बताते हैं कि यह फसल हम 15 साल से करते आ रहे हैं. दरअसल, पहले अलीगढ़ में आड़ू की फसल के बारे में कोई ठीक से जानता नहीं था. क्योंकि सहारनपुर की बेल्ट में इसकी पैदावार की जाती है. लेकिन पिछले 15 साल से हम इसका उत्पादन करते आ रहे हैं. मार्च के लास्ट से मई और जून तक इसकी अच्छी पैदावार होती है. जितनी गर्मी पड़ती है, उतना यह फल लोगों के लिए फायदेमंद साबित होता है.
हिमांशु मित्तल का कहना है कि जब यह फल आते हैं, उसपर पर छिड़काव किया जाता है तो यह उतना मोटा होता चला जाता है. लेकिन उसको ज्यादा पानी भी नहीं दिया जाता. वरना फसल खराब होने का खतरा बढ़ जाता है. यह कम पानी की फसल है. इसके पौधे दिसंबर में लगाए जाते हैं. जनवरी तक इस पर पत्ते आने शुरू हो जाते हैं. पहले साल यह हल्का रहता है. लेकिन उसके बाद यह बढ़ता चला जाता है. लगभग 3 साल में यह फल देना शुरू कर देता है.
हिमांशु ने बताया कि इस बार हमारे यहां अच्छी पैदावार हुई है और हमारे इस बाग में करीब 7 प्रकार के अलग-अलग आड़ू की प्रजातियां मौजूद हैं. इसकी सबसे अच्छी वैरायटी प्रभात आड़ू होती है, जो बेहद मीठा होता है और इसको धोने के बाद यह लाल हो जाता है. जैसे मानो कोई छोटा सेव हो. खाने में बहुत मीठा होता है. इसके बाद जुलाई में इसकी दूसरी वैरायटी आती है. जिसे सरवर कहा जाता है, जो देखने में बिल्कुल हरा होता है. जिसका आकार लगभग अमरूद के बराबर का होता है. इसी तरह से इसकी विभिन्न प्रकार की प्रजाति आती हैं. आड़ू का एक पेड़ एक सीजन में करीब 5 से 7 हज़ार रूपए की आमदनी देता है. बाजार में इसकी कीमत 100 रूपए से 200 रूपए किलो तक की होती है.
Tags: Hindi news, Local18FIRST PUBLISHED : June 17, 2024, 15:49 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed