IC814 Hijack का पूरा सच सीर‍ीज में नहीं था रिपोर्टर की जुबानी पूरी कहानी

IC-814 The Kandahar Hijack: आईसी 814 कंधार हाइजैक लोगों के जेहन में ताजा हो गया है. उस वक्त एयरपोर्ट पर मौजूद रिपोर्टर बताती हैं कि तब क्या क्या हो रहा था.... वह कहती हैं कि ऐसे कई सवाल थे जिनका जवाब कभी नहीं मिला...

IC814 Hijack का पूरा सच सीर‍ीज में नहीं था रिपोर्टर की जुबानी पूरी कहानी
IC-814 The Kandahar Hijack:  नेटफ्लिक्स की वेब सीरीज जो आईसी 814 प्लेन के कंधार हाइजैक पर बनी है, चर्चाओं से होते हुए अब विवादों में है. लेकिन क्या आप जानते हैं उस दौर का वह पूरा सच जो वहां मौजूद या यूं कहें कि पूरे वाकया को कवर करने वाले रिपोर्टरों की नजरों और जेहन में कैद है. द हिन्दू में सुहासिनी हैदर ने वह सच बताया है जो उस वक्त का उनकी नजर और विश्लेषण के लिहाज से मुफीद था. कई सवालों के साथ आइए जानें एक रिपोर्टर की उस वक्त की कहानी का एक हिस्सा.. वह लिखती हैं कि 24 दिसंबर 1999 को मैं पालम हवाई अड्डे पर एयरपोर्ट अथॉरिटी की इमारत में ही थी. तब एक अधिकारी ने मुझे इसके बारे में बताया तो पहले तो मुझे लगा कि यह कोई सिक्यॉरिटी ड्रिल है. जब सीनियर ऑफिसर वहां पहुंचने लगे तो मुझे एहसास हुआ कि कुछ गड़बड़ है. अभी तक कुछ भी ब्रॉडकास्ट नहीं हुआ था और अमेरिका में मेरे समाचार संपादक इस स्टोरी को लाइव करने के लिए भी तैयार नहीं थे जब तक कि इसकी पुष्टि नहीं हो जाती. वह बताती हैं कि अगले कुछ घंटे परिवारों के लिए दर्दनाक थे. जब विमान अमृतसर में उतरा, तो उम्मीद जगी कि संकट को संभाला जा सकता है. लेकिन सरकार यह तय ही नहीं कर पा रही थी कि प्लेन भारत में ही रहे… हैदर लिखती हैं कि इस बात की कभी कोई सार्वजनिक जांच नहीं हुई कि हमारे सिस्टम उस वक्त तेजी से आगे क्यों नहीं बढ़े. ऐसे कई सवाल थे जिनका जवाब कभी नहीं मिला, जब विमान अपहरण की घटना सामने आई, जैसे कि यूएस, यूके, सऊदी अरब और यूएई जैसी इंटरनेशनल कम्युनिटी जिनका पाकिस्तान और तालिबान पर अच्छा खासा इंफ्लुएंस था, ने संकट को समाप्त करने के लिए और अधिक खास क्यों नहीं किया, या यह क्यों नहीं समझा कि इस हमले से वैश्विक स्तर पर आतंकवादियों को बढ़ावा मिलेगा. IC814: कहां हैं रचना कात्याल, अब क्या करती हैं, कब-कैसे बन गईं रचना आर्या IC814 Hijack: आतंकियों के निशाने पर थे बालासाहेब? रेड में मिला मातोश्री का मैप ’25 साल बाद, वे सभी पाकिस्तान में आजाद हैं…’ सुहासिनी लिखती हैं कि इस घटना के ठीक दो साल बाद 9/11 का हमला हुआ. मैं उस रात तब तक नहीं सोया जब तक कि विमान कंधार में नहीं उतर गया यानी अगले सप्ताह का अधिकांश समय… 31 दिसंबर 1999 को मैं दर्जनों पत्रकारों के साथ विमान के टर्मिनल पर थी जब विदेश मंत्री तीन आतंकवादियों को कंधार ले गए.’ विमान हाइजैकर पाकिस्तान भाग निकले थे और आज तक पकड़े नहीं गए (ग्राफिक फोटो इंपोज: vividha singh) हम तब तक वहीं रहे जब तक कि वे रिहा किए गए बंधकों के साथ घंटों बाद वापस नहीं लौटे… परिवारों के लिए खुशी और राहत थी लेकिन इस बात का भी पहले ही पता था कि वे आतंकवादी क्या कहर बरपाएंगे. वह लिखती हैं कि – 25 साल बाद, वे सभी पाकिस्तान में आजाद हैं और एक राष्ट्र को बंधक बनाने के लिए उन्हें कभी भी न्याय के कटघरे में नहीं लाया गया. Tags: Air india, Air India Flights, Airline NewsFIRST PUBLISHED : September 6, 2024, 13:33 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed