OMG! यूपी के पीलीभीत में एक शिक्षक के भरोसे चल रहा महाविद्यालय जानें पूरा मामला
OMG! यूपी के पीलीभीत में एक शिक्षक के भरोसे चल रहा महाविद्यालय जानें पूरा मामला
Pilibhit: यूपी के पीलीभीत के संस्कृत महाविद्यालय में बिना शिक्षक के ही छात्र पढ़ने को मजबूर हैं. दरअसल इस महाविद्यालय में कुल आठ पद हैं, लेकिन एक ही टीचर कार्यवाहक प्राचार्य से लेकर क्लर्क की जिम्मेदारी निभा रहा है. जानें पूरा मामला...
रिपोर्ट-सृजित अवस्थी
पीलीभीत. यूपी के पीलीभीत शहर में एक ऐसा महाविद्यालय जहां बिना शिक्षक के ही छात्र पढ़ने को मजबूर हैं. दरअसल खकरा नदी के तट पर गौरीशंकर के समीप बने श्री दुग्धेश्वर संस्कृत महाविद्यालय की कुछ ऐसी ही तस्वीर है. इस महाविद्यालय का अतीत यूं तो काफी गौरवशाली रहा है. एक समय में परिसर में वेद, व्याकरण व साहित्य की पढ़ाई के लिए दूरदराज से विद्यार्थी आया करते थे. जबकि शहर के एक बड़े साहूकार किशन लाला ने इस महाविद्यालय के लिए 1945 में जमीन दान दी थी. आजादी के बाद सन 1953 में इस परिसर को महाविद्यालय की मान्यता मिली और वाराणसी के संपूर्णानंद संस्कृत महाविद्यालय से अटैच कर दिया गया.
जानकारों की मानें तो एक दौर में इस परिसर में छात्रों को दाखिला लेना मुश्किल होता था, लेकिन बढ़ते आधुनिकता के दौर और सरकारों की अनदेखी के चलते आज यहां विद्यार्थियों की संख्या 20 से 25 तक सीमित हो गई है. हालात यह है कि अब महाविद्यालय अपनी अंतिम सांसें लेता नजर आ रहा है. हालांकि फिर भी यहां एडमिशन की प्रक्रिया शुरु कर दी गई है. ऐसे में अहम सवाल ये है कि शिक्षकों के अभाव में विद्यार्थी कैसे पढ़ाई करेंगे और कैसे परीक्षाएं देंगे.
आठ पदों की भूमिका निभा रहे हैं कार्यवाहक प्राचार्य
इस महाविद्यालय में कुल आठ पद हैं, जिसमें एक प्राचार्य, एक प्रवक्ता, चार सहायक अध्यापक व एक-एक पद चतुर्थ श्रेणी व पुस्तकालय अध्यक्ष का शामिल है. हालात ये हैं कि इन सभी पदों की जिम्मेदारी कार्यवाहक प्राचार्य पं. दीप्तिमान मिश्रा संभाल रहे हैं. वे कभी बच्चों को पढ़ाते हैं तो कभी क्लर्क की भूमिका में नजर आते हैं.
छठी क्लास से एमए तक होती है पढ़ाई
बनारस वाराणसी के संपूर्णानंद विश्वविद्यालय से अटैच इस महाविद्यालय में प्रवेशिका ( 6,7 ), प्रथमा ( 8 ), पूर्व मध्यमा ( 9,10), उत्तर मध्यमा (11,12), शास्त्री ( बीए ) , आचार्य ( एमए ) कक्षाओं तक की पढ़ाई होती है. इन सभी कक्षाओं को पढ़ाने की जिम्मेदारी हाल फिलहाल कार्यवाहक प्राचार्य के पास है. 2021-22 सेशन में इस परिसर में कुल 23 विद्यार्थी पढ़ रहे हैं, जिनकी परीक्षाएं 12 जुलाई से शुरू हो गई हैं.
बिना शिक्षकों के ही शुरू हो गए हैं एडमिशन
बदहाली की कगार पर चल रहे इस परिसर में दो साल बाद भी किसी शिक्षक की तैनाती नहीं की गई है. बावजूद इन हालातों के एडमिशन की प्रकिया भी शुरू कर दी गई है. नए सेशन के लिए इस परिसर में दो बच्चों ने एडमिशन भी ले लिया है. कार्यवाहक प्राचार्य ने बताया कि सभी कक्षाओं के लिए एडमिशन लेने शुरू कर दिए गए हैं. सभी कोर्सेस के लिए एडमिशन फीस 10 रुपए और सालाना फीस 120 रुपए है. आवेदन करने के इच्छुक विद्यार्थी परिसर में आ कर फॉर्म ले सकते हैं. इस प्रक्रिया को जल्द ही ऑनलाइन भी किया जाएगा. साथ ही इच्छुक छात्र किसी भी जानकारी के लिए 9837787819 पर कॉल कर सम्पर्क कर सकते हैं
रिटायरमेंट के बाद भी एक साल तक निशुल्क पढ़ाया
कार्यवाहक प्राचार्य पं. दीप्तिमान मिश्रा से पहले महाविद्यालय में डॉ मिथलेश कुमार की प्राचार्य पद पर तैनाती थी. जून 2020 में वे रिटायर हो गए थे, लेकिन सभी पद खाली होने के चलते परिसर बिल्कुल खाली हो जाता और सभी काम ठप हो जाते थे. ऐसे में डॉ. मिथलेश ने एक साल तक महाविद्यालय को निशुल्क सेवाएं दीं. काफी पत्राचार के बाद प्रबंधन ने कार्यवाहक प्राचार्य की तैनाती की. वहीं, जानकारी करने पर डीआईओएस गिरजेश कुमार चौधरी ने कहा कि उन्होंने कुछ ही दिन पहले ज्वाइन किया है. उन्हें इस मामले की जानाकारी नहीं है.जल्द जानकारी कर आवश्यक कदम उठाए जाएंगे.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी |
Tags: Pilibhit newsFIRST PUBLISHED : July 12, 2022, 17:20 IST