विदेश जाने के लिए सर्जरी से फिंगर प्रिंट बदलने का मामला हैदराबाद में सामने आया बड़ा खेल
विदेश जाने के लिए सर्जरी से फिंगर प्रिंट बदलने का मामला हैदराबाद में सामने आया बड़ा खेल
Hyderabad Fingerprints Surgery: 2009 में, एक दक्षिण कोरियाई महिला ने फिंगरप्रिंट स्कैनर को धोखा देकर निर्वासित किए जाने के बावजूद जापान में फिर से प्रवेश किया था. उसने अपनी तर्जनी पर एक विशेष टेप लगाया जिसने उसके फिंगरप्रिंट को बदल दिया.
हैदराबाद/काकोली मुखर्जी. हैदराबाद पुलिस ने हाल ही में ऐसे 2 लोगों को गिरफ्तार किया है, जो दो अन्य लोगों की ऊंगलियों के निशान बदलने के लिए उनकी सर्जरी कर रहे थे, ताकि वे बायोमेट्रिक पहचान से बच सकें. यह प्रदेश के साथ-साथ संभवतः देश का पहला मामला है, जहां विदेश जाने के लिए लोग ऊंगलियों के निशान बदलने की खातिर सर्जरी करा रहे हैं. निर्वासित होने के बाद कुवैत में फिर से प्रवेश करने के लिए सर्जरी कराने वाले पुरुष भी पुलिस हिरासत में हैं. सभी व्यक्ति के ऊंगलियों के निशान अलग-अलग होते हैं और इसी वजह से यह किसी इंसान की खास पहचान होने के साथ ही आपराधिक जांच में भी इस्तेमाल किए जाते हैं. ऐसे उदाहरण भी सामने आए हैं जहां लोगों ने पहचान से बचने के लिए स्थायी या अस्थायी रूप से अपनी ऊंगलियों के निशान से छुटकारा पाने या उसे बदलने की कोशिश की.
2009 में, एक दक्षिण कोरियाई महिला ने फिंगरप्रिंट स्कैनर को धोखा देकर निर्वासित किए जाने के बावजूद जापान में फिर से प्रवेश किया था. उसने अपनी तर्जनी पर एक विशेष टेप लगाया जिसने उसके फिंगरप्रिंट को बदल दिया और मशीन को धोखा देने में उसकी मदद की. उसी वर्ष, एक चीनी महिला को जापानी पुलिस ने सर्जरी द्वारा बदली गई ऊंगलियों के निशान की मदद से देश में प्रवेश करने के लिए गिरफ्तार किया था. पेपर अटेम्प्ट्स टू ऑल्टर एंड ओब्लिटरेट फिंगर-प्रिंट्स में, लेखक हेरोल्ड कमिंस ने अमेरिका में उन अपराधियों के बारे में बात की है जिन्होंने 1933 की शुरुआत में एसिड या गहरे निशान का इस्तेमाल करके ऊंगलियों के निशान को बदलने की कोशिश की थी.
क्या है हैदराबाद का मामला
हैदराबाद मामले में, तिरुपति के एक रेडियोग्राफर और एक एनेस्थीसिया तकनीशियन ने राजस्थान की यात्रा की और दो व्यक्तियों पर फिंगरप्रिंट-फेरबदल करने वाली सर्जरी की और प्रत्येक से 25,000 रुपये लिये. बाद में पता चला कि उन्होंने केरल और आंध्र प्रदेश में भी इसी तरह की सर्जरी की थी. सर्जरी की प्रक्रिया में पहले ऊंगलियों की ऊपरी परत को काटा गया, फिर ऊतक के कुछ हिस्से को हटाया गया और आखिर में सिलाई कर दी गई. एक-दो महीने में घाव भर जाने के बाद फिंगरप्रिंट पैटर्न में थोड़ा बदलाव आया होगा. बदला हुआ पैटर्न कम-से-कम एक साल तक बरकरार रहता है. बदले हुए ऊंगलियों के निशान के साथ, आरोपी ने नए आधार कार्ड हासिल करने के साथ ही कुवैत वीजा के लिए आवेदन करने और पकड़ में आए बिना ही कुवैत में प्रवेश करने की योजना बनाई थी.
राचकोंडा के पुलिस कमिश्नर महेश भागवत ने न्यूज़18 को बताया कि हैदराबाद में इस तरह के गैंग का भंडाफोड़ पहली बार हुआ है. सर्जरी कराने वाले आरोपी कंस्ट्रक्शन इंडस्ट्री में काम करते हैं और वाईएसआर कडप्पा जिले के रहने वाले हैं. उन्होंने इस तथ्य का फायदा उठाते हुए कि कुवैत के आव्रजन (इमीग्रेशन) में इस्तेमाल किया जाने वाला बायोमेट्रिक्स सिस्टम बहुत एडवांस नहीं है, कथित तौर पर यह साजिश रची.
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Tags: Hyderabad, TelanganaFIRST PUBLISHED : September 03, 2022, 19:59 IST