विशालगढ़ किले और मस्जिद का क्या है पूरा मामला जिस पर सुलग उठा कोल्हापुर
विशालगढ़ किले और मस्जिद का क्या है पूरा मामला जिस पर सुलग उठा कोल्हापुर
मराठा इतिहास में विशालगढ़ किले का गहरा महत्व है. छत्रपति शिवाजी महाराज 1660 में पन्हाला किले में घेराबंदी के बाद यहां भागकर आए थे. इस इलाके में सोमवार को बुलडोजर देखकर अचानक हिंसा भड़क उठी.
कोल्हापुर. महाराष्ट्र के कोल्हापुर जिले में विशालगढ़ इलाके में माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है. यहां सोमवार को अतिक्रमण रोधी अभियान के दौरान हिंसा भड़क गई. इस दौरान गुस्साई भीड़ ने पुलिसवालों पर पत्थर बरसा दिए और जमकर तोड़फोड़ की. पुलिस ने इस मामले में 500 लोगों के खिलाफ केस दर्ज करते हुए 21 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. वहीं एआईएमआईएम ने यहां मस्जिद पर तोड़फोड़ का आरोप लगाया है.
दरअसल पुलिस यहां विशालगढ़ किले के पास अतिक्रमण हटाने के लिए पहुंची थी. यहां बुलडोजर देखकर लोग भड़क गए और विरोध प्रदर्शन करने लगे. यह विरोध प्रदर्शन देखते ही देखते हिंसक हो उठा. इस दौरान कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए किले में तैनात किए गए पुलिसकर्मी उपद्रवियों के पथराव में घायल हो गए.
दक्षिणपंथी संगठन के विरोध प्रदर्शन के बाद भड़की हिंसा
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि इलाके में तनाव के मद्देनजर निषेधाज्ञा लगाई गई थी. ऐसे यहां पुणे से आए कुछ दक्षिणपंथी समर्थकों को किले के निचले हिस्से में जाने से रोका गया तो हिंसा भड़क उठी. उन्होंने बताया कि दक्षिणपंथी संगठन के विरोध प्रदर्शन के बाद उपद्रवियों ने पथराव किया और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया.
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उन्होंने बताया कि पुलिस ने नेताओं समेत 500 से अधिक लोगों के खिलाफ चार मामले दर्ज किए हैं और 21 लोगों को गिरफ्तार किया है, वहीं अन्य संदिग्धों की तलाश जारी है.
विशालगढ़ किले का है गहरा महत्व
मराठा इतिहास में विशालगढ़ किले का गहरा महत्व है, क्योंकि छत्रपति शिवाजी महाराज 1660 में पन्हाला किले में घेराबंदी के बाद यहां भागकर आए थे. इस हिंसा के बाद विपक्ष ने शिवसेना की अगुवाई वाली महाराष्ट्र की महयुति सरकार पर निशाना साधा और सवाल किया कि क्या राज्य में ‘जंगल राज’ है. राज्य विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे ने कहा कि किले तक मार्च का नेतृत्व करने के लिए मराठा शाही परिवार के वंशज संभाजीराजे छत्रपति पर भी मामला दर्ज किया गया है.
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मस्जिद में तोड़फोड़ का आरोप
वहीं ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिममीन (एआईएमआईएम) के इम्तियाज जलील ने मार्च का नेतृत्व करने के लिए संभाजीराजे छत्रपति पर निशाना साधा. एआईएमआईएम का आरोप है कि यहां गजपुर गांव में एक भीड़ मस्जिद पर हमला कर दिया और तोड़फोड़ की. उनका आरोप है कि भीड़ में शामिल ये लोग जय श्री राम के नारे लगा रही थी.
एआईएमआईएम के पूर्व सांसद इम्तियाज जलील ने राज्यसभा के पूर्व सदस्य और कोल्हापुर राजघराने के वंशज संभाजीराजे छत्रपति की आलोचना की. उन्होंने कहा, ‘आप दिल्ली जा सकते थे, क्योंकि मुसलमानों ने आपको वोट दिया था. हम आपका सम्मान करते थे, लेकिन चूंकि आपने विशालगढ़ किले में हिंसक विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया, इसलिए हमें आश्चर्य है कि क्या आप वास्तव में शाहूजी महाराज के वंशज हैं.’
जलील ने आरोप लगाया कि अतिक्रमण रोधी अभियान में कानूनी प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया और लोगों के घरों में तोड़फोड़ की गई और उपद्रवियों द्वारा वाहनों को जला दिया गया. उन्होंने सवाल किया, ‘क्या महाराष्ट्र में जंगल राज है?’ (भाषा इनपुट के साथ)
FIRST PUBLISHED : July 16, 2024, 14:56 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed