एकनाथ शिंदे नहीं लड़ना चाहते थे चुनाव शिवसेना सांसद का बड़ा खुलासा
एकनाथ शिंदे नहीं लड़ना चाहते थे चुनाव शिवसेना सांसद का बड़ा खुलासा
ठाणे से शिवसेना सांसद नरेश म्हस्के ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से चंद दिन पहले बड़ा खुलासा किया है. उन्होंने यह कहकर महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल मचा दी है कि शिंदे खुद चुनाव नहीं लड़ना चाहते थे.
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे इस बार विधानसभा चुनाव नहीं लड़ना चाहते थे. यह खुलासा खुद उनकी पार्टी के सीनियर लीडर और सांसद नरेश म्हस्के ने किया है, जिसके बाद एक बार फिर सीएम फेस को लेकर चर्चा छिड़ गई. सांसद ने कहा कि शिंदे ने पार्टी नेताओं के सामने यह बात रखी थी. लेकिन फिर पार्टी नेताओं ने उन्हें भरोसा दिया, तो वे चुनावी मैदान में उतरने के लिए तैयार हो गए.
लोकमत की रिपोर्ट के मुताबिक, ठाणे से शिवसेना सांसद नरेश म्हस्के ने कहा, सीएम एकनाथ शिंदे ने पार्टी के पदाधिकारियों की बैठक में कहा था कि वे इस बार विधानसभा चुनाव नहीं लड़ना चाहते. पिछले हफ्ते उन्होंने हमारे सांसद राहुल शेवाले और संजय निरुपम के सामने भी अपनी भावनाएं व्यक्त की. कहा था कि वे पूरे महाराष्ट्र में घूमना चाहते हैं. तब हम सारे नेता उनके पास गए. उसने अनुरोध किया कि आप सिर्फ पर्चा दाखिल कर दीजिए, बाकी का काम हम संभाल लेंगे. कार्यकर्ताओं के कहने पर ही उन्होंने पर्चा दाखिल किया है.
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वजह भी बताई
सांसद नरेश म्हस्के ने कहा, शिवसेना का हर कैंडिडेट चाहता है कि एकनाथ शिंदे उनकी विधानसभा में आएं. प्रचार करें, ऐसे में अगर वे प्रचार करेंगे तो अपनी विधानसभा पर नजर नहीं रख पाएंगे. लेकिन हमने उनसे अनुरोध किया कि आपको आने की जरूरत नहीं है. उन्होंने दावा किया कि एकनाथ शिंदे खुद से पहले पार्टी के दूसरे नेताओं के बारे में सोचते हैं. इसलिए वे नहीं चाहते थे कि अपने चुनाव में फंस जाएं और दूसरे कैंडिडेट को समय न दे पाएं.
मायने समझिए
सांसद के बयान के बाद विपक्ष दावा करने लगा कि एकनाथ शिंदे को पता है कि चुनाव के बाद वे सीएम नहीं रह पाएंगे. शायद इसीलिए वे चुनाव नहीं लड़ना चाहते होंगे. लेकिन शिवसेना ने विपक्ष के सभी दावों को खारिज किया है और दावा किया सत्ता तो महायुति की ही आने वाली है
कहां से लड़ रहे चुनाव एकनाथ शिंदे ने फिर से कोपरी-पचपकड़ी से चुनाव लड़ रहे हैं. उनका मुकाबला करने के लिए उद्धव ठाकरे ने शिंदे के ही गुरु आनंद दिघे के भतीजे केदार दिघे को मैदान में उतारा है. इसलिए मुकाबला बेहद दिचलस्प माना जा रहा है. उधर, राज ठाकरे ने इस सीट पर शिंदे को समर्थन दिया है. एकनाथ शिंदे के शिवसेना तोड़ने के बाद उद्धव ठाकरे को सबसे बड़ा झटका इसी इलाके में लगा था. ठाणे जिले के ज्यादातर नेता और पदाधिकारी शिंदे के साथ चले गए थे. लोकसभा चुनाव में भी इस इलाके में उद्धव गुट को सफलता नहीं मिली. वे सिर्फ भिवंडी की सीट ही जीत पाए.
Tags: Eknath Shinde, Maharashtra ElectionsFIRST PUBLISHED : November 7, 2024, 23:13 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed