मां ने भरी अदालत में की ऐसी गलती जज ने 64 साल के आरोपी को कर दिया बरी
मां ने भरी अदालत में की ऐसी गलती जज ने 64 साल के आरोपी को कर दिया बरी
64 साल के विजय जवांजल को निचली अदालत ने 8 साल की बच्ची से बलात्कार का दोषी पाते हुए 20 साल जेल की सजा सुनाई थी. इसके बाद जंजावल हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, जहां जज ने बच्ची की मां की बातें सुनकर आरोपी को बरी कर दिया.
नागपुर. महाराष्ट्र के नागपुर में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है. यहां कोर्ट ने 8 साल की बच्ची से बलात्कार के आरोपी को इस आधार पर बरी कर दिया कि यौन उत्पीड़न की शिकार बच्ची डर नहीं थी. इससे पहले 64 साल के इस आरोपी को निचली अदालत ने दोषी करार देते हुए मार्च 2019 में 20 साल की कैद-ए-बामशक्कत की सजा सुनाई थी.
इसके बाद आरोपी ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, जहां बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच ने पीड़िता की मां के बयान में गलती पाते हुए आरोपी को बरी कर दिया. कोर्ट ने कहा कि यौन उत्पीड़न का शिकार होने पर नाबालिग बच्ची ‘डर’ जाएगी और ‘सामान्य व्यवहार नहीं करेगी और खेल नहीं पाएगी’.
जज ने क्या-क्या कहा
अमरावती जिले के अचलपुर में रहने वाले विजय जवांजल को बरी करते हुए जस्टिस गोविंदा सनप ने कहा, ‘अगर आरोपी ने ऐसा कृत्य (बलात्कार) किया था, तो यह एक जघन्य काम था. इस तरह की हरकत ने बेशक उसे डरा दिया होगा. इसने उसे बहुत दर्द और आघात पहुंचाया होगा. सामान्य परिस्थितियों में, वह इस तरह की घटना के बाद मौके से अपने घर भाग जाती और अपनी मां को घटना के बारे में बताती.’
इस मामले में पेश सरकारी वकील के मुताबिक, पीड़िता तीसरी क्लास की छात्रा है. वह अपने घर के पास ही एक मंदिर के पास खेलने गई थी. काफी देर बाद जब वह नहीं लौटी तो उसकी मां ढूंढने निकली, लेकिन वह मिली थी. हालांकि कुछ समय बाद वह उसी मंदिर परिसर में खेलती पाई गई और फिर उसे स्कूल छोड़ दिया.
मां के बयान में क्या मिला झोल
शिकायतकर्ता मां के मुताबिक, स्कूल से लौटने पर उनकी बेटी उदास और असहज दिखाई दी. उसने अगले दिन अपनी मां को बताया कि आरोपी ने उसे मिठाई दी थी और फिर जबरन उसके प्राइवेट पार्ट्स को छुआ था. इससे उसे दर्द हो रहा था. इसके बाद मां ने असेगांव पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई.
हालांकि जस्टिस सनप ने मां की गवाही का ही हवाला देते हुए कहा कि जब वह अपनी बेटी को खोजने गई, तो उसने पाया कि आरोपी पास में बैठा था, और लड़की खेल रही थी. कोर्ट ने कहा कि पीड़िता ने खुद ही मां की बातों को गलत साबित कर दिया, क्योंकि उसने कोर्ट को बताया कि उसकी मां ने ही उसे आरोपी का नाम बताने के लिए सिखाया था.
लड़की ने कहा कि उसकी मां ने उसे अदालत को यह बताने के लिए कहा था कि आरोपी ने उसे परेशान किया है, वरना उसे सजा दी जाएगी. उसने कहा कि उसकी मां ने उसे आरोपी का नाम बताया था. उस दिन उसे लू लग गई थी. उसने कहा है कि उसके निजी अंगों में दर्द और खुजली हो रही थी. उसने अपनी मां के सबूतों को नष्ट कर दिया.
Tags: Bombay high court, Special ProjectFIRST PUBLISHED : October 1, 2024, 09:53 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed