पिछले साल ही इस्तीफा देने वाले थे उद्धव ठाकरे शिंदे गुट के विधायक का दावा- इस वजह थे परेशान
पिछले साल ही इस्तीफा देने वाले थे उद्धव ठाकरे शिंदे गुट के विधायक का दावा- इस वजह थे परेशान
Uddhav Thackeray: शिवसेना के बागी विधायकों के प्रवक्ता दीपक केसरकर ने कहा कि ठाकरे के लिए मोदी के साथ उनके संबंध शीर्ष पद पर बने रहने से ज्यादा महत्वपूर्ण हैं इसलिए उद्धव ठाकरे पिछले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बातचीत के बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने की सोच रहे थे. ठाकरे खेमे ने केसरकर की टिप्पणियों पर कहा कि वह विरोधाभासी बयान दे रहे हैं.
हाइलाइट्स'पिछले साल पीएम मोदी से मुलाकात के बाद बनाया था इस्तीफा देने का मन''पीएम मोदी से संबंध को सीएम पद से ज्यादा महत्व देते थे उद्धव ठाकरे' ठाकरे खेमे ने कहा- विरोधाभासी बयान दे रहे हैं दीपक केसरकर
मुंबई: शिवसेना के बागी धड़े ने शुक्रवार को दावा किया कि उद्धव ठाकरे पिछले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बातचीत के बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने की सोच रहे थे. शिवसेना के बागी विधायकों के प्रवक्ता दीपक केसरकर ने कहा कि ठाकरे के लिए मोदी के साथ उनके संबंध शीर्ष पद पर बने रहने से ज्यादा महत्वपूर्ण हैं. हालांकि, शिवसेना के ठाकरे खेमे ने केसरकर की टिप्पणियों पर कहा कि वह विरोधाभासी बयान दे रहे हैं और ‘‘भ्रमित’’ लगते हैं.
केसरकर ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद और केंद्रीय मंत्री नारायण राणे द्वारा सुशांत सिंह राजपूत की मौत मामले में तत्कालीन मंत्री आदित्य ठाकरे की छवि को ‘‘खराब’’ करने के प्रयासों से शिवसेना के बहुत से नेता ‘‘आहत’’ थे. केसरकर ने कहा कि उन्होंने मोदी से संपर्क स्थापित किया और संवाद शुरू हुआ.
केसरकर ने दावा किया, ‘‘उद्धव जी के मोदी जी (पिछले साल जून में) से मिलने के बाद, यह तय किया गया था कि वह अगले 15 दिनों में (मुख्यमंत्री के रूप में) पद छोड़ देंगे क्योंकि उनके लिए (प्रधानमंत्री के साथ) संबंध (पद धारण करने से) अधिक महत्वपूर्ण थे, लेकिन यह महसूस किया गया कि उन्हें अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को समझाने के लिए और समय चाहिए.’’ अतीत में, मोदी ने शिवसेना अध्यक्ष ठाकरे को अपना ‘‘छोटा भाई’’ कहा था.
‘हर दिन भ्रमित करने वाले खुलासा कर रहे हैं केसरकर’
नयी दिल्ली में ठाकरे-प्रधानमंत्री मोदी की बैठक के बाद जुलाई 2021 में महाराष्ट्र विधानसभा से एक दर्जन भाजपा विधायकों को एक साल के लिए निलंबित कर दिया गया था, एक ऐसा कदम जिसने शिवसेना और उस समय विपक्षी दल भाजपा के बीच संबंधों को और तनावपूर्ण बना दिया था. केसरकर ने कहा कि बाद में ठाकरे के कट्टर विरोधी राणे को केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने के बाद बातचीत रुक गई, जिससे शिवसेना अध्यक्ष नाराज हो गए. केसरकर ने कहा कि ‘‘अहंकार’’ के कारण वार्ता आगे नहीं बढ़ी.
केसरकर ने कहा कि बातचीत के दौरान वह शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे को तमाम जानकारी देते रहे, जो अब मुख्यमंत्री हैं. केसरकर के दावों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, ठाकरे खेमे की सदस्य और शिवसेना प्रवक्ता मनीषा कायंदे ने कहा, ‘‘वह हर दिन कुछ नया खुलासा कर रहे हैं. वह विरोधाभासी बयान दे रहे हैं और भ्रमित लगते हैं.’’
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Tags: Eknath Shinde, Shivsena, Uddhav thackerayFIRST PUBLISHED : August 05, 2022, 19:27 IST