कब है रा​धा अष्टमी किस समय मनाया जाएगा राधारानी का जन्मोत्सव जानें मुहूर्त

Radha Ashtami 2024 Date: रा​धा अष्टमी का पावन पर्व भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाते हैं. श्रीकृष्ण जन्माष्टमी से 14 या 15 दिन बाद रा​धा अष्टमी का उत्सव मनाया जाता है. ज्योतिषाचार्य डॉ मृत्युञ्जय तिवारी से जानते हैं कि रा​धा अष्टमी कब है? रा​धा अष्टमी की पूजा का मुहूर्त क्या है?

कब है रा​धा अष्टमी किस समय मनाया जाएगा राधारानी का जन्मोत्सव जानें मुहूर्त
भगवान श्रीकृष्ण की सबसे प्रिय राधारानी का जन्म भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को हुआ था. इस वजह से हर साल उस तिथि को रा​धा अष्टमी मनाते हैं. रा​धा अष्टमी को राधा जयंती के नाम से भी जानते हैं. श्रीकृष्ण जन्माष्टमी से 14 या 15 दिन बाद रा​धा अष्टमी का उत्सव मनाया जाता है. इस साल रा​धा अष्टमी के दिन रवि योग बन रहा है. श्री कल्लाजी वैदिक विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभागाध्यक्ष डॉ मृत्युञ्जय तिवारी से जानते हैं कि इस साल रा​धा अष्टमी कब है? रा​धा अष्टमी की पूजा का मुहूर्त क्या है? उस दिन रवि योग कब से कब तक है? रा​धा अष्टमी 2024 तारीख हिंदू कैलेंडर के अनुसार, इस साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि 10 सितंबर मंगलवार को रात 11 बजकर 11 मिनट से शुरू हो रही है और इस तिथि का समापन 11 सितंबर बुधवार को रात 11 बजकर 46 मिनट पर होगा. उदयातिथि के आधार पर रा​धा अष्टमी का पावन पर्व 11 सितंबर को मनाया जाएगा. यह भी पढ़ें: अजा एकादशी पर बन रहे हैं 3 शुभ संयोग, इस व्रत को रखने से आर्थिक संकट से मुक्ति समेत होंगे 5 फायदे रा​धा अष्टमी 2024 मुहूर्त इस बार रा​धा अष्टमी के दिन लाडली जी की पूजा के लिए आपको 2 घंटे 29 मिनट का शुभ समय प्राप्त होगा. जो लोग व्रत रखेंगे, वे दिन में 11 बजकर 03 मिनट से दोपहर 1 बजकर 32 मिनट तक रा​धा अष्टमी की पूजा कर सकते हैं. रा​धा अष्टमी की पूजा दोपहर में करते हैं. रा​धा अष्टमी पर ज्येष्ठा नक्षत्र सुबह से लेकर रात 9 बजकर 22 मिनट तक रहेगा. उसके बाद से मूल नक्षत्र प्रारंभ है. उस दिन ब्रह्म मुहूर्त 04:32 एएम से 05:18 एएम तक है. वहीं रा​धा अष्टमी के दिन कोई अभिजीत मुहूर्त नहीं है. यह भी पढ़ें: किस दिन है हरतालिक तीज? रवि योग में होगी शिव-पार्वती पूजा, व्रती को मिलेगा मनचाहा वरदान! जानें शुभ मुहूर्त 2 शुभ योग में रा​धा अष्टमी 2024 इस साल रा​धा अष्टमी के दिन 2 शुभ योग बन रहे हैं. रा​धा अष्टमी पर प्रीति योग सुबह से लेकर रात 11 बजकर 55 मिनट तक बन रहा है. उसके बाद से आयुष्मान् बनेगा. रा​धा अष्टमी की पूजा प्रीति योग में होगी. वहीं रवि योग का निर्माण रात में 09 बजकर 22 मिनट पर होगा और अगले दिन 12 सितंबर को सुबह 6 बजकर 5 मिनट तक रहेगा. राधा अष्टमी व्रत से लाभ कहा जाता है कि जो भगवान श्रीकृष्ण का आशीर्वाद पाना चाहता है, उसे राधारानी की कृपा पानी होगी. राधा जी के नाम जप से भगवान श्रीकृष्ण को पाना सरल है. रा​धा अष्टमी के अवसर पर व्रत और पूजा करने से जीवन में सुख और समृद्धि आती है. राधाकृष्ण के आशीर्वाद से सभी दुख दूर होते हैं. Tags: Dharma Aastha, Radha ashtami, ReligionFIRST PUBLISHED : August 27, 2024, 12:54 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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