किशन-कन्हैया के दुष्ट मामा यहां लगाते थे अदालत लोगों को कैसे मिलता था न्याय

Mythological Story: भगवान कृष्ण के मामा यूपी में कचहरी लगाया करते थे. इसके पीछे की पूरी कहानी हम आपके लिए लेकर आए हैं.

किशन-कन्हैया के दुष्ट मामा यहां लगाते थे अदालत लोगों को कैसे मिलता था न्याय
निर्मल कुमार राजपूत /मथुरा: भगवान श्रीकृष्ण के मामा और देवकी के भाई कंस ने मथुरा में द्वापर युग में राज किया. द्वापर युग में राज करने के साथ साथ वो लोगों की समस्याओं को भी सुनते थे. प्रतिदिन सैकड़ों बृजवासी उनकी कचहरी में आकर उनसे मिलते थे. कंस उनकी समस्याओं को सुनकर उनका हल भी ढूंढता था. आज भी कंस की कचहरी मथुरा में द्वापर की याद अपने अंदर समेटे हुए है. कृष्ण के मामा कंस से जुड़ा किस्सा द्वापर युग में मामा कंस मथुरा नगरी के राजा थे. उन्होंने अपनी बहन देवी की शादी वासुदेव के साथ की. देवकी को जब कंस विदा कर रहे थे, तो तब आकाश मार्ग से एक आकाशवाणी हुई. उस आकाशवाणी में कंस का वध उसके भांजे के हाथों होने की बात सुनाई दी. आकाश मार्ग से हुई आकाशवाणी को सुनकर. कंस ने बहन देवकी और उनके पति वासुदेव को अपने कारागार में बंदी बना लिया. कंस बृज वासियों पर अत्याचार करने लगा. कंस के अत्याचारों से बृजवासी दु:खी होने लगे. मथुरा में लगती थी कचहरी मथुरा में कंस कचहरी भी लगाया करता थे. प्रतिदिन मामा कंस कचहरी के माध्यम से बृज वासियों की समस्याओं को सुना करते थे. स्थानीय निवासी आदित्य गर्ग ने बताया कि इस जगह को कंस कचहरी के नाम से जाना जाता है. मां यमुना के किनारे उनकी यह कचहरी बनी हुई है. यमुना बहता जल आज भी द्वापर युग की याद दिलाता है. उन्होंने यह भी बताया कि कंस जब भी कचहरी में आते थे, तो मथुरा वासियों की समस्याओं का समाधान भी इसी कचहरी में होता था. जो भी बृजवासी अपनी फरियाद लेकर राजा कंस के पास जाता था, तो उसकी समस्या को सुनकर समस्या का समाधान भी कंस करते थे. कहां यह भी जाता है कि जब भगवान श्री कृष्ण-बलराम छोटे थे, तो वह मामा कंस की कचहरी आया करते थे. मामा कंस की कचहरी में किस तरह से कार्यवाही की जाती है और किस तरह से लोगों को न्याय दिया जाता है, यह भी कृष्ण-बलराम सीखा करते थे. Tags: Local18, Lord krishna, UP newsFIRST PUBLISHED : June 26, 2024, 13:45 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ेंDisclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.
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