आम की फसल पर मंडरा रहे ये तीन गंभीर कीट एक्सपर्ट ने बताया कैसे करें बचाव
आम की फसल पर मंडरा रहे ये तीन गंभीर कीट एक्सपर्ट ने बताया कैसे करें बचाव
कृषि वैज्ञानिक शिवम सिंह ने बताया कि आम की फसल तैयार होने की कगार पर है. लेकिन, बदलते मौसम में तीन ऐसे कीट है, जो फसल को प्रभावित करना शुरू कर देते हैं. अगर इसे समय पर बचाया नहीं गया, तो यह फसल को तेजी से खराब करने का कार्य करते हैं.
आशीष त्यागी/ बागपत.:आम की फसल में तीन प्रकार के रोग तेजी से बढ़ने की संभावना बढ़ गई है. भूंनगा, फल मक्खी, मिज यह तीन प्रकार के कीट तेजी से फसल को प्रभावित करते हैं, जिसकी वजह से फसल तेजी से खराब होने लगती है. कृषि वैज्ञानिक शिवम सिंह ने इनसे बचाव का उपाय बताया है आइए जानते हैं. कृषि वैज्ञानिक शिवम सिंह ने बताया कि आम की फसल तैयार होने की कगार पर है. लेकिन, बदलते मौसम में तीन ऐसे कीट है, जो फसल को प्रभावित करना शुरू कर देते हैं. अगर इसे समय पर बचाया नहीं गया, तो यह फसल को तेजी से खराब करने का कार्य करते हैं.
भूंनगा कीट से बचाने के उपाय
यह एक ऐसा कीट है, यह हजारों की संख्या में मच्छर की तरह पेड़ शाखा और फल पर चिपकता है, जिससे फसल धीरे-धीरे खराब होने लगती है. यह कीट फसल के रस को पूरी तरह चूस कर खराब करता है. इससे बचने के लिए ऐमिडाक्लोफाइड 17.8% का पेड़ पर स्प्रे करें और 15 से 20 दिन बाद थोमोमेक्थोसाइड 25% का छिड़काव पौधे पर करें, जिससे इस कीट से बचाव तेजी से होगा.
फल मक्खी से बचाने के उपाय
फल मक्खी एक ऐसा कीट है, जो फसल के तने और फल को खराब करने का कार्य करता है. ये फल में छेद कर देती है, जिससे फल को तेजी से खराब होने का खतरा बन जाता है. इससे बचाव काफी आसान होता है. 1 एकड़ भूमि पर दो से तीन फल मक्खी ट्रैप कार्ड लगा सकते हैं, जिससे फल मक्खी के सभी कीट उसे पर चिपक कर खत्म हो जाते हैं. इसमें रासायनिक दवा का छिड़काव कर भी बचाव किया जा सकता है. लेमड़ा साइलो थिरीन- दवा का एक लीटर पानी में घोलकर पौधों पर छिड़काव करें, जिससे इसका बचाव संभव है.
मिज कीट से बचाने के उपाय
यह एक ऐसा कीट है, जो पौधे की जड़ में जाकर पौधे को नुकसान पहुंचाना शुरू करता है. यह पूरे पौधे के साथ फल तने सभी चीजों को तेजी से नुकसान पहुंचाता है. इसका समय पर प्रबंधन न होना किसानों के लिए काफी हानिकारक होता है. इससे बचाव के लिए पेड़ों के जड़ में फावड़े से गहरी खुदाई करें, जिससे यह किट खत्म हो सके. इसमें क्लारीपायट फॉस 200 ग्राम प्रति पौधे के हिसाब से डालें जिससे इसका बचाव संभव है.
समय- समय पर करते रहे फसल की जांच
कृषि वैज्ञानिक शुभम सिंह ने बताया कि समय-समय पर किसान भाई अपने खेतों में पहुंचकर समय-समय पर कीट को देखते रहे. अगर किसी भी प्रकार का कीट उन्हें खेत में दिखाई देता है, तो तुरंत उसका प्रबंधन कर लें. किसी भी जरूरी जानकारी के लिए नि शुल्क कृषि विज्ञान केंद्र खेकड़ा में पहुंच कर जानकारी ले सकते हैं.
Tags: Baghpat news, Local18FIRST PUBLISHED : May 9, 2024, 19:11 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed