तेज गति और नशे में गाड़ी से सबसे अधिक जानें गईं सड़क दुर्घटना की ये दो अहम वजह जानें क्या कहती है एनसीआरबी की रिपोर्ट
तेज गति और नशे में गाड़ी से सबसे अधिक जानें गईं सड़क दुर्घटना की ये दो अहम वजह जानें क्या कहती है एनसीआरबी की रिपोर्ट
तेज रफ्तार और लापरवाही से वाहन चलाना देश में सड़क हादसों की दो सबसे अहम वजह है, जिसके कारण वर्ष 2021 में क्रमश: 87,050 और 42,853 लोगों की जान चली गई. यह जानकारी राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की रिपोर्ट में सामने आई है. एनसीआरबी की नवीनतम रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले साल हुए कुल सड़क हादसों में से 1.9 प्रतिशत दुघर्टनाओं का कारण मादक पदार्थ या शराब के नशे में वाहन चलाना रहा.
हाइलाइट्सपिछले साल भारत में सड़क हादसों में कुल 1,55,622 लोगों की जान गई थी.एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले साल सबसे ज्यादा रोड एक्सीडेंट तमिलनाडु में हुए हैं. हालांकि नशे के वजह से सबसे ज्यादा एक्सीडेंट उत्तर प्रदेश हैं.
नई दिल्ली. तेज रफ्तार और लापरवाही से वाहन चलाना देश में सड़क हादसों की दो सबसे अहम वजह है, जिसके कारण वर्ष 2021 में क्रमश: 87,050 और 42,853 लोगों की जान चली गई. यह जानकारी राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की रिपोर्ट में सामने आई है. एनसीआरबी की नवीनतम रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले साल हुए कुल सड़क हादसों में से 1.9 प्रतिशत दुघर्टनाओं का कारण मादक पदार्थ या शराब के नशे में वाहन चलाना रहा. इसकी वजह से 2,935 लोगों की जान गई. पिछले साल भारत में सड़क हादसों में कुल 1,55,622 लोगों की जान गई थी.
रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘दुर्घटनाओं के कारणों का विश्लेषण करने पर खुलासा हुआ कि सबसे अधिक सड़क हादसे तेज गति से वाहन चलाने की वजह से हुए. कुल हुए 4,03,116 हादसों में इनका योगदान 59.7 प्रतिशत (2,40,828 हादसे) है, जिनकी वजह से 87,050 लोगों की जान गई और 2,28,274 लोग घायल हुए.’’ रिपोर्ट के मुताबिक, खतरनाक तरीके से वाहन चलाने और ओवरटेकिंग की वजह से पिछले साल कुल 1,03,629 हादसे हुए, जिनमें 42,853 लोगों की जान गई और 91,893 लोग घायल हुए. एनसीआरबी के मुताबिक, देश में हुए कुल सड़क हादसों में खतरनाक तरीके से वाहन चलाने और ओवरटेकिंग का योगदान 25.7 प्रतिशत है. रिपोर्ट के मुताबिक, 2.8 प्रतिशत हादसे (11,110 ) खराब मौसम की वजह से हुए.
एनसीआरबी के अनुसार, खराब मौसम, शराब या मादक पदार्थ के नशे में वाहन चलाने और वाहन में तकनीकी खामी की वजह से क्रमश: 3.5 प्रतिशत (5,405 मौतें), 1.9 प्रतिशत (2935 मौतें), 1.3 प्रतिशत (2,022 मौतें) मौतें वर्ष 2021 के दौरान हुईं.
रिपोर्ट के मुताबिक, तेज गति से वाहन चलाने के कारण दुर्घटना में मरने वाले 87,050 लोगों में से अकेले 11,419 (13.1 प्रतिशत) लोगों की मौत तमिलनाडु में हुई. दूसरे स्थान पर 8,797 मौतों (10.1 प्रतिशत)के साथ कर्नाटक रहा. लापरवाही और ओवरटेकिंग की वजह से हुए सड़क हादसों में सबसे अधिक मौतें उत्तर प्रदेश में हुई. इस श्रेणी में देशभर में हुई कुल 42,853 मौतों में से 11,479 मौतें अकेले उत्तर प्रदेश में हुई, जो कुल मौतों का 26.8 प्रतिशत है. वहीं इस श्रेणी में 4,299 मौतों (10 प्रतिशत) के साथ राजस्थान दूसरे स्थान पर रहा.
नशे में वाहन चलाने की वजह से होने वाले हादसों में मौत के मामले में उत्तर प्रदेश पहले स्थान पर रहा. इस श्रेणी में हुई कुल मौतों में अकेले उत्तर प्रदेश में 27.1 प्रतिशत मौतें हुई. इसके बाद तेलंगाना (11.6 प्रतिशत), झारखंड (11.1 प्रतिशत), मध्य प्रदेश (9.2 प्रतिशत) और महाराष्ट्र (6.4 प्रतिशत) का स्थान है.
रिपोर्ट के मुताबिक, ग्रामीण क्षेत्रों में हुए कुल 2,40,747 हादसों में 30 प्रतिशत यानी 72,333 हादसे रिहायशी क्षेत्रों में हुए. इसी प्रकार शहरी क्षेत्रों में हुए 1,62,369 दुर्घटनाओं में से 48,270 हादसे यानी 29.7 प्रतिशत रिहायशी इलाकों में हुए. शहरी क्षेत्रों में हुए सड़क हादसों में से 7.7 प्रतिशत (कुल 1,62,369 हादसों में से 12,528) पैदल सड़क पार करते हुए वक्त हुए.
रिपोर्ट के मुताबिक, देश में आठ प्रतिशत (कुल 4,03,116 में से 28,873) हादसे स्कूल, कॉलेज और शिक्षण संस्थानों के नजदीक हुए. इस श्रेणी में सबसे अधिक 24.4 प्रतिशत हादसे उत्तर प्रदेश में हुए, जबकि 9.4 प्रतिशत के साथ तमिलनाडु दूसरे स्थान पर है. शहरी क्षेत्रों के आवासीय इलाकों के करीब हुए हादसों में मौत के मामले में उत्तर प्रदेश शीर्ष पर है, जहां पर इस श्रेणी में कुल 18 प्रतिशत (कुल 16,466 में से 2,969) मौतें दर्ज की गईं.
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Tags: NCRB Report, Road AccidentsFIRST PUBLISHED : August 30, 2022, 20:03 IST