डेमोक्रेसी से कश्मीर तक मोदी की जीत की क्या-क्या बोल रहे पाकिस्तानी
लोकसभा चुनाव में मोदी की जीत पर दुनियाभर से प्रतिक्रिया आ रही है. लेकिन पाकिस्तान के दो पूर्व राजदूत ने डेमोक्रेसी लेकर कश्मीर तक पर अपनी राय रखी है. एक ने तो कसीदे पढ़ दिए.
हक्कानी बोले-लगा मोदी-भाजपा से लोग ऊबे
हक्कानी ने भारतीय चुनावों पर पाकिस्तानी अखबार द हिल में लेख भी लिखा है. लिखा, लोकसभा चुनाव के नतीजों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत सभी को चौंका दिया है.वे फिर से सरकार बनाएंगे, लेकिन उन्हें गठबंधन सहयोगियों के समर्थन से ऐसा करना होगा. इससे मोदी ने कभी गठबंधन सरकार का नेतृत्व नहीं किया है. ऐसा लगता है कि भारतीय मतदाता मोदी और भाजपा के आत्मविश्वास से कुछ ऊब चुके हैं. लोकतंत्र सबको सुधार करने का मौका देता है.
Electoral defeat of BJP’s proxies in Indian occupied Jammu and Kashmir, from Srinagar to Kargil, conveyed beyond any doubt how resolved Kashmiris are to continue struggling for their right to self determination. Hats off to them
— Abdul Basit (@abasitpak1) June 5, 2024
अब्दुल बासित ने अलापा अलग ही राग
हालांकि, भारत में पाकिस्तान के राजदूत रहे अब्दुल बासित कुछ अलग ही राग अलापते नजर आए. उन्होंने सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा, श्रीनगर से लेकर कारगिल तक भारत के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर में भाजपा के प्रतिनिधियों की चुनावी हार ने बिना किसी संदेह के बता दिया कि कश्मीरी आत्मनिर्णय के अपने अधिकार के लिए संघर्ष जारी रखने के लिए कितने दृढ़ हैं. उन्हें सलाम है. हालांकि, पाकिस्तानी अखबार डॉन ने लिखा, चुनाव बाद मोदी मुस्लिम-हितैषी सहयोगियों की दया पर छोड़ दिए गए. पाकिस्तान ऑब्ज़र्वर ने कहा, मोदी गठबंधन बहुमत की ओर बढ़ रहा है, लेकिन कोई बड़ी जीत नहीं.
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