Nainital: कुमाऊंनी बोली को बचाने की पहल रंग लाएगी स्कूली बच्चों की यह कोशिश
Nainital: कुमाऊंनी बोली को बचाने की पहल रंग लाएगी स्कूली बच्चों की यह कोशिश
मां नंदा देवी महोत्सव के तहत श्री राम सेवक सभा ने कुमाऊंनी गीतों की एकल गायन प्रतियोगिता का आयोजन किया. इसमें नैनीताल के 13 स्कूलों के छात्र-छात्राओं ने भाग लिया. जानें क्या था इसका मकसद?
नैनीताल. उत्तराखंड के नैनीताल के ऐतिहासिक मां नंदा देवी महोत्सव के तहत श्री राम सेवक सभा ने कुमाऊंनी गीतों की एकल गायन प्रतियोगिता का आयोजन किया. इसमें नैनीताल के 13 स्कूलों के छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग किया. इस प्रतियोगिता को आयोजित कराने का मकसद पहाड़ के बच्चों को उत्तराखंड की भाषा और संस्कृति से अवगत कराना है.
उत्तराखंड राज्य यहां की परंपरा और बोली के लिए जाना जाता है. हालांकि आज के दौर में पहाड़ के रहने वाले कई युवा हिंदी और अंग्रेजी भाषा की ओर ज्यादा रुझान रखने लगे हैं जिस वजह से कुमाऊंनी बोली अपनी पहचान धीरे-धीरे खो रही है. कुमाऊंनी भाषा को संरक्षित करने के लिए इस तरह की प्रतियोगिताओं का आयोजन बेहद जरूरी है जिससे युवा पीड़ी तक संस्कृति की समझ और पहचान पहुंच सके.
प्रतियोगिता में भाग लेने वाले विशाल ने बताया कि इस तरह की प्रतियोगिता से आत्मविश्वास तो बढ़ता है ही, साथ ही हमें हमारी संस्कृति, हमारी परंपरा और हमारी बोली की जानकारी होती है.
श्री राम सेवक सभा के वरिष्ठ कार्यकर्ता ललित तिवारी ने बताया कि कक्षा एक से लेकर 12 तक के बच्चों ने इस प्रतियोगिता में हिस्सा लिया. श्री राम सेवक सभा की यह एक पहल है जिससे नैनीताल के बाल कलाकार हमारी संस्कृति और परंपरा को आगे बढ़ाएं.
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Tags: Nainital newsFIRST PUBLISHED : September 06, 2022, 10:03 IST