धामी कैबिनेट का बड़ा फैसला: नैनीताल से हल्द्वानी शिफ्ट होगा हाईकोर्ट वकीलों में भारी नाराजगी

Uttarakhand News: उत्तराखंड के नैनीताल हाईकोर्ट को पहाड़ी क्षेत्र से मैदानी शहर में शिफ्ट करने को लेकर लंबे समय से विचार किया जा रहा था. विरोध और पक्ष में उठ रही आवाजों के बीच सरकार दुविधा में थी. लेकिन, अब पुष्कर सिंह धामी की सरकार ने इसे हल्द्वानी शिफ्ट करने का निर्णय ले लिया है.

धामी कैबिनेट का बड़ा फैसला: नैनीताल से हल्द्वानी शिफ्ट होगा हाईकोर्ट वकीलों में भारी नाराजगी
देहरादून. उत्तराखंड की पुष्कर सिंह धामी सरकार ने पहाड़ से एक और संस्थान को तराई में शिफ्ट करने का निर्णय ले लिया है. कैबिनेट ने हाईकोर्ट को सैद्धांतिक स्वीकृत देते हुए हाईकोर्ट को हल्द्वानी शिफ्ट करने का फैसला लिया. पहाड़ से हाईकोर्ट शिफ्टिंग के निर्णय के बाद नैनीताल हाईकोर्ट में भी वकीलों ने नाराजगी जाहिर की है. नैनीताल हाईकोर्ट को शिफ्ट करने के निर्णय पर वकीलों ने कहा कि नैनीताल से संस्थानों को शिफ्ट करना पहाड़ विरोधी निर्णय है. हाईकोर्ट शिफ्ट पर यह बोले वकील-हाईकोर्ट के अधिवक्ता भुवनेश जोशी ने कहा कि सीएम धामी कैबिनेट का यह निर्णय पहाड़ विरोधी है. इस फैसले से मुख्यमंत्री द्वारा खुद को पहाड़ी कहने की बात की सच्चाई भी सामने आ गई है. पूर्व सांसद और महेन्द्र पाल ने कहा कि राजधानी को स्थायी करना होता तो उसकी तारीफ की जा सकती थी. हाईकोर्ट जो स्थायी है उसको अस्थायी करना पहाड़ से पलायन की पहली शुरुआत होगी. ये इस सरकार का दुर्भाग्य कहलाएगा. सीनियर वकील आर एस संभल ने कहा कि आज नैनीताल में हाईकोर्ट आने के लिये खासा दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. वादकारी और वकीलों को आने जाने की दिक्कतें हैं, लेकिन अगर हाईकोर्ट को शिफ्ट हल्द्वानी में किया जा रहा है तो 50 सालों की प्लानिंग होनी चाहिए; ताकि लोगों को दिक्कतों का सामना ना करना पड़े. हल्द्वानी में रेलवे के साथ अस्पतालों और एयरपोर्ट की सुविधाएं भी बढायी जानी चाहिए. हाईकोर्ट के युवा वकील शैलेन्द्र नौडियाल ने कहा, जब राज्य बना था तो पहाड की परिकल्पना की गई थी और आज ये निर्णय 1992 के शहीदों के साथ अन्याय है. धामी सरकार का यह निर्णय निंदा योग्य है और इसका स्वागत नहीं किया जा सकता है. अगर आंदोलन करना पड़ेगा तो वो भी करने को तैयार हैं. हाईकोर्ट में सालों से काम कर रहे वकील निरंजन भट्ट ने कहा कि राज्य की अवधारणा के खिलाफ सरकार ने निर्णय लिया है. हाईकोर्ट जैसे संस्थानों को शिफ्ट किया जा रहा है वो गलत है. निरंजन भट्ट ने कहा कि इतना खर्चा यहां करने के बाद अब निर्णय लिया जा रहा है कि हाईकोर्ट शिफ्ट किया जा रहा है. जनता के पैसे का दुरुपयोग है. बता दें कि बुधवार को पुष्कर सिंह धामी कैबिनेट ने उत्तराखंड में धर्मांतरण कानून में किए गए संशोधन को भी संशोधित किया है. उत्तराखंड में जबरन धर्मांतरण अब संज्ञेय अपराध माना जाएगा. इसके साथ नए कानून में 10 साल तक की सजा का प्रावधान समेत अन्य पर निर्णय लिया है. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी| Tags: Nainital high court, Nainital news, Uttarakhand newsFIRST PUBLISHED : November 17, 2022, 09:49 IST