किराए पर उठाया फ्लैट लेडी डॉ ने कर लिया कब्‍जा झकझोर देगी बुजुर्ग की कहानी

फ्लैट या घर खरीदना और उसे किराए पर उठाना सभी को अच्‍छा लगता है लेकिन जब यही चीज मुसीबत बन जाए तो सिर पर पसीना एड़ी तक आ जाता है. ऐसी ही एक कहानी दिल्ली के रहने वाले माल‍विंदर सिंह की है, जिन्‍होंने पॉश सोसायटी में फ्लैट खरीदा लेकिन उसके बाद उसे किराए पर देना उनके लिए सिरदर्द बन गया..

किराए पर उठाया फ्लैट लेडी डॉ ने कर लिया कब्‍जा झकझोर देगी बुजुर्ग की कहानी
दिल्‍ली-एनसीआर में फ्लैट खरीदना, फिर उसे किराए पर उठाकर उससे होने वाली आमदनी गिनना सभी को अच्‍छा लगता है लेकिन कई बार ऐसे हालात पैदा हो जाते हैं, जब आपको अपनी ही चीज के लिए संघर्ष की लंबी लड़ाई लड़नी पड़ जाती है. ऐसी ही एक कहानी है दिल्‍ली के रहने वाले मालविंदर सिंह की, जिन्‍होंने किराएदार से फ्लैट का कब्‍जा लेने के लिए ढ़ाई साल संघर्ष किया. यह कहानी आपको झकझोर कर रख देगी. नोएडा के सेक्‍टर 93 बी में ग्रांड ओमेक्‍स सोसायटी में अपार्टमेंट खरीदकर और उसे किराए पर चढ़ाकर करीब ढ़ाई साल तक धक्‍के खाने को मजबूर मालविंदर सिंह ने अपनी कहानी न्‍यूज18 को बताई है. मालविंदर सिंह अब खुश हैं कि 27 अगस्‍त को उन्‍हें उनके घर की चाबी मिल गई है. ये भी पढ़ें  गुड़गांव में रहने वालों के लिए खुशखबरी, इन इलाकों में दौड़ेगी मेट्रो, 2 नए मेट्रो रूट को मिली मंजूरी मालविंदर सिंह ने बताया, आज से करीब 11 साल पहले जब मेरे बच्‍चे पढ़ रहे थे तो अपने रिटायर्ड जीवन को बेहतर तरीके से काटने के लिए मैंने नोएडा के सेक्‍टर 93 बी की ग्रांड ओमेक्‍स सोयायटी में एक अपार्टमेंट खरीदा. चूंकि बच्‍चों की पढ़ाई के चलते कुछ समय तक अभी दिल्‍ली में ही रहना था तो मार्च 2021 में उस अपार्टमेंट को सोसायटी के ही एक जाने-माने व्‍यक्ति के रेफरेंस पर दिल्‍ली के एक बेहद अच्‍छे अस्‍पताल में काम कर रही डॉक्‍टर मनाली अग्रवाल को किराए पर उठा दिया.’ ‘ मनाली को अपार्टमेंट देते समय 3 साल का एग्रीमेंट भी किया गया, हालांकि उसमें एक क्‍लॉज था कि एक महीने का नोटिस देकर मैं वह अपार्टमेंट खाली करने के लिए कह सकता था और वह भी अपनी इच्‍छा से वह अपार्टमेंट खाली करके जा सकती थी. जनवरी 2022 में मैंने उसे फ्लैट खाली करने का नोटिस दिया. जब 30 दिन के नोटिस की तारीख पास आई और मैंने चाभी मांगी तो उसने मुझे हैरेसमेंट का मैसेज डाला और कहा कि आप मुझे हैरास कर रहे हैं. अब मेरे पास करने के लिए कुछ नहीं था.’ कोर्ट में काटे चक्‍कर तब मैंने मजबूरी में नोएडा के सूरजपुर एडीएम कोर्ट में केस फाइल किया. करीब डेढ़ साल तक दिल्‍ली से नोएडा जाकर केस लड़ने के बाद 25 मई 2023 को सूरजपुर कोर्ट ने लेडी डॉक्‍टर को आदेश दिया कि 30 दिन के अंदर आप ये अपार्टमेंट खाली कर दो लेकिन कोर्ट के आदेश के 7 महीने तक भी उसने अपार्टमेंट खाली नहीं किया और जून 2023 से उसने किराया भी देना बंद कर दिया. किराया बंद, दिल्‍ली में देना पड़ा किराया जब नोएडा के हमारे फ्लैट से किराया आना बंद हो गया, केस लड़ने के लिए भी पैसे चाहिए थे और दिल्‍ली में भी मुझे किराया देना पड़ रहा था तो मेरे सामने बड़ा आर्थिक संकट पैदा हो गया. बच्‍चे भी कमाने के लिए बाहर निकल गए थे. सारी भागदौड़ मुझे ही करनी पड़ रही थी. फिर कोर्ट में देनी पड़ी एप्‍लीकेशन जब कोर्ट के आदेश के बाद भी उस डॉक्‍टर ने फ्लैट खाली नहीं किया तो मैंने कोर्ट में फिर एक एप्‍लीकेशन दी और कहा कि वह कोर्ट का आदेश भी नहीं मान रही. मैं बार-बार बस यही पूछ रहा था कि मैंने उसके साथ क्‍या बुरा किया था, वह किस बात का बदला ले रही थी. उसके बाद जून 2024 को एडीएम सूरजपुर ग्रेटर नोएडा कोर्ट ने फाइनल ऑर्डर जारी किया और तब कहीं 27 अगस्‍त 2024 को मेरा फ्लैट मुझे वापस मिल सका. घर का हाल था बेहाल सिक्‍योरिटी गार्ड्स ने मुझे बताया कि उसने फरवरी 2024 में ही फ्लैट खाली कर दिया था लेकिन उसके गेट पर अपना ताला लगा दिया था. जब मैं 27 अगस्‍त को फ्लैट के अंदर गया तो देखकर रोना आ गया. फ्लैट कूड़े का घर बना हुआ था. कई चीजें टूटी हुई थीं. घर पूरा बिखरा हुआ था. वहां जाकर पता चला कि उसने 43 हजार रूपये का मेंटीनेंस नहीं भरा था, वह ड्यू था. साथ ही मुझे इतने लंबे समय से किराया भी नहीं दिया था. लेकिन फ्लैट आखिरकार मिल गया था, बस यही मेरी जीत थी. मनाली ने नहीं दिया कोई रिस्‍पॉन्‍स मालविंदर सिंह के साथ हुई इस घटना पर जब डॉ. मनाली अग्रवाल से व्‍हाट्सएप पर रिस्‍पॉन्‍स मांगा गया तो उन्‍होंने मैसेज देखने के बाद कोई जवाब नहीं दिया. ये भी पढ़ें  इस शहर में बनने जा रही 600 करोड़ी रेजिडेंशियल टाउनशिप, प्‍लॉट और प्रीमियम विला खरीदने का बड़ा मौका Tags: Delhi news, Greater noida news, Noida newsFIRST PUBLISHED : August 29, 2024, 18:09 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed