मुगलों की महारानियां थीं इस अंगूठी की फैन बहुत खास है सालों पुरानी यह कला

Gulabi Meenakari: गुलाबी मीनाकारी एक समय पर महारानियों की पहली पसंद हुआ करती थी. यह खास और चमकदार ज्वेलरी इन दिनों एक बार फिर चर्चा में आ गई है. आइए जानते हैं 400 साल पुरानी इस कला के बारे में.

मुगलों की महारानियां थीं इस अंगूठी की फैन बहुत खास है सालों पुरानी यह कला
अभिषेक जायसवाल/वाराणसी: महारानियों से जुड़ी आपने बहुत सी कहानियां सुनी होंगी. शाही जिंदगी जीने के मामले में महारानियों को आज भी कोई टक्कर नहीं दे सकता है. उनके कपड़ों से लेकर ज्वेलरी के एक पीस तक, हर एक चीज खास होती थी. ऐसी ही एक अंगूठी भी थी, जिस पर मुगलों की महारानियां (Mughal Queens) जान दिया थीं. इन दिनों ये खास ज्वेलरी एक बार फिर चर्चा में आ गई है. कारीगरों ने पहली बार गुलाबी मीनाकारी (Gulabi Meenakari) का फिंगर रिंग तैयार की है. इस अंगूठी से जुड़ी दिलचस्प बातें जानें इस आर्टिकल में. मुगलों की महारानियां करती थीं इस अंगूठी को पसंद सोने चांदी पर खूबसूरत गुलाबी मीनाकारी का रंग मुगल काल के समय खूब चर्चा में था. मुगलों की महारानियां इस खूबसूरत आर्ट से बनी ज्वेलरी की फैन थी. वैसी ही ज्वेलरी फिर बाजार में धूम मचा रही है. ईयररिंग और नेकलेस के बाद अब कारीगरों ने पहली बार गुलाबी मीनाकारी से फिंगर रिंग तैयार की है. इसकी  खूबसूरती लोगो को जमकर लुभा रही है. बहुत खास है इस अनोखी अंगूठी की कीमत हर अंगूठी अलग होती है. सोने की चमक का अलग रंग-रूप होता है, तो डायमंड को देख लोगों के लिए आंखें हटाना भी मुश्किल हो जाता है. ऐसे ही गुलाबी मीनाकारी सजी अंगूठी भी बहुत चमकदार होती है. अंगूठी की खूबसूरती देख लोगों के लिए आंखें हटाना भी मुश्किल हो जाता है. बाजार में है खूब डिमांड   चांदी से बने और गुलाबी मीनाकारी से सजी इस खूबसूरत रिंग की बाजार में खास डिमांड है. यह रिंग पहली बार बाजार में उतारी गई है.अलग-अलग तरह के 10 डिजाइन में कारीगरों ने इस फिंगर रिंग को बेहद ही खूबसूरत डिजाइन में तैयार किया है. इन अंगूठीयों को ही मुगलों की महारानियां पसंद किया करता थीं. हजारों रुपये में कर सकते हैं खरीदारी गुलाबी मीनाकारी के नेशनल अवॉर्ड रमेश कुमार विश्वकर्मा ने बताया कि इस फिंगर रिंग की कीमत भी 1500 से लेकर 2500 रुपये तक है. इसके लिए वाराणसी के अलावा अलग अलग शहरों से ऑर्डर भी आ रहे हैं. फिंगर रिंग जेंट्स और लेडीज दोनो के लिए तैयार किया गया है. मुम्बई, हैदराबाद, अहमदाबाद, चेन्नई जैसे बड़े शहरों में भी लोग इसके खूबसूरती के फैन है. 400 साल पुरानी है कला बताते चलें कि गुलाबी मीनाकारी का काम 400 साल पुराना है. वाराणसी के कुछ चुनिंदा कारीगर ही इस काम को करते हैं. इसमें पहले नॉर्मल ज्वेलरी की तरह ही चांदी और सोने को 200 डिग्री सेल्सियस पर तपाया जाता है और फिर उसे फिंगर रिंग की आकृति देकर उसमें गुलाबी मीनाकारी का रंग भरा जाता है. 2014 से पहले इसके कारीगर इस काम को छोड़ने के लिए मजबूर थे लेकिन उसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब इसकी ब्रांडिंग शुरू की तो बाजार में फिर से गुलाबी मीनाकारी का रंग छा गया. Tags: Local18, Varanasi newsFIRST PUBLISHED : May 16, 2024, 18:12 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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