गंगा न गणेश संगम में स्नान से पहले की जाती है इस देवता की पूजा

Sangam Snan: आचार्य पंडित अंबुज द्विवेदी के अनुसार, संगम पर स्नान करने से पहले सबसे पहले भगवान वरुण की पूजा की जाती है. वरुण देवता को जल और समुद्र का देवता माना जाता है. इनका संबंध सभी जलाशयों से है. उन्होंने बताया कि पवित्र जल में स्नान करने से पहले भगवान वरुण की पूजा करना आवश्यक है.

गंगा न गणेश संगम में स्नान से पहले की जाती है इस देवता की पूजा
प्रयागराज /रजनीश यादव: प्रयागराज को पहले इलाहाबाद के नाम से जाना जाता था, जो अपने धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है. त्रिवेणी संगम, जहां गंगा- यमुना और अदृश्य सरस्वती मिलती हैं का धार्मिक महत्व बहुत अधिक है. आमतौर पर यह माना जाता है कि संगम पर स्नान करने से पहले गंगा मैया या भगवान गणेश की पूजा की जाती है. लेकिन, प्रसिद्ध आचार्य अंबुज द्विवेदी ने एक नई गाथा सुनाई और बताया कि स्नान से पहले किस देवता की पूजा की जाती है. भगवान वरुण की पूजा को लेकर दारागंज में स्थित भगवान नरसिंह आचार्य पंडित अंबुज द्विवेदी के अनुसार, संगम पर स्नान करने से पहले सबसे पहले भगवान वरुण की पूजा की जाती है. वरुण देवता को जल और समुद्र का देवता माना जाता है. इनका संबंध सभी जलाशयों से है. उन्होंने बताया कि पवित्र जल में स्नान करने से पहले भगवान वरुण की पूजा करना आवश्यक है. क्योंकि, वे जल के अधिष्ठाता हैं और उनकी पूजा के बिना जल में स्नान का पूरा महत्व प्राप्त नहीं होता. ये है पौराणिक प्रमाण आचार्य पंडित अंबुज द्विवेदी ने बताया कि, वेदों और पुराणों में भगवान वरुण की महिमा का वर्णन किया गया है. ऋग्वेद में वरुण देव को जल के देवता और समस्त सृष्टि के रक्षक के रूप में पूजा जाता है. त्रिवेणी संगम पर स्नान करने से पहले वरुण देव की पूजा का प्राचीन प्रचलन है, जो कि आज भी मान्य है. धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व भगवान वरुण की पूजा का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व भी अत्यधिक है. जल के देवता के रूप में वरुण की पूजा से जल की शुद्धता और पवित्रता सुनिश्चित होती है. संगम पर स्नान करने वाले श्रद्धालु सबसे पहले वरुण देव की आराधना करते हैं. और उनके आशीर्वाद से जल में प्रवेश करते हैं. Tags: Local18, Prayagraj News, Prayagraj SangamFIRST PUBLISHED : July 23, 2024, 13:23 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ेंDisclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.
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