केरलः अफ्रीकन स्वाइन फीवर के चलते मारे गए थे सैकड़ों सुअर अब किसानों को मिलेगा मुआवजा
केरलः अफ्रीकन स्वाइन फीवर के चलते मारे गए थे सैकड़ों सुअर अब किसानों को मिलेगा मुआवजा
अफ्रीकी स्वाइन फीवर पर केंद्र के अलर्ट के बाद ही केरल ने जैव सुरक्षा उपायों को कड़ा कर दिया था. हालांकि इसके बावजूद संक्रमित होने के चलते वायनाड में 702 और कन्नूर में 247 सूअर मारे गए थे.
हाइलाइट्सकेरल में अफ्रीकन स्वाइन फीवर से सुअर किसानों को हुआ भारी नुकसान अफ्रीकन स्वाइन फीवर का पहला मामला अफ्रीका के केन्या में मिला था केरल के अलावा बिहार, असम और पूर्वोत्तर के राज्यों में भी मिला ये फीवर
वायनाड. कांग्रेस नेता राहुल गांधी के संसदीय क्षेत्र वायनाड के 7 किसानों को अफ्रीकी स्वाइन फीवर की वजह से मारे गए सैकड़ों सुअरों के लिए मुआवजे के रूप में 37 लाख रुपये से अधिक का भुगतान किया जाएगा. इस जिले के तीन अलग-अलग क्षेत्रों में अफ्रीकी स्वाइन फीवर के प्रकोप के बाद 700 से अधिक सूअर मार दिए गए थे. नोटिस के अनुसार राज्य के पशुपालन और डेयरी विकास मंत्री जे चिंचुरानी मंतवाडी नगरपालिका के साथ-साथ थविंजल और नेन्मेनी ग्राम पंचायतों के प्रभावित किसानों को 37,07,752 रुपये की मुआवजा राशि के वितरण का कार्यभार संभालेंगे. इन इलाकों में कुल 702 सूअर मारे गए थे.
यह सर्कुलर राज्य सरकार की उस घोषणा के बाद जारी हुआ है, जहां सरकार ने इसी महीने वायनाड और कन्नूर जिलों में सुअर पालक किसानों को मुआवजे का वितरण करने का वादा किया था. मुआवजे की राशि 11 अगस्त को एक कार्यक्रम के माध्यम से वितरित की जाएगी. साथ ही सरकार ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि वह इस संबंध में केंद्रीय आवंटन की प्रतीक्षा किए बिना पूरी राशि का भुगतान करेगी. दरअसल मंत्री मंतवाडी ने पिछले सप्ताह कहा था कि उन्होंने संबंधित जिला पशु कल्याण अधिकारियों को किसानों को हुए नुकसान का आकलन करने का निर्देश दिया है.
आम तौर पर, मुआवजे की राशि राज्य और केंद्र सरकारों द्वारा संयुक्त रूप से वहन की जाती है, लेकिन इस बार किसानों का भुगतान राज्य सरकार बिना केंद्र की सहायता के ही कर देगी. बिहार और कुछ पूर्वोत्तर राज्यों में भी अफ्रीकी स्वाइन फीवर की सूचना मिलते ही केंद्र के अलर्ट के बाद केरल ने जैव सुरक्षा उपायों को कड़ा कर दिया था. हालांकि इसके बावजूद संक्रमित होने के चलते वायनाड में 702 और कन्नूर में 247 सूअर मारे गए थे.
अफ्रीकी स्वाइन फीवर को जानिए
खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) के अनुसार, अफ्रीकी स्वाइन फीवर घरेलू सूअरों की एक अत्यधिक संक्रामक और घातक बीमारी है. इसे पहली बार 1921 में केन्या में एक बीमारी के रूप में पाया गया था. अफ्रीकी स्वाइन फीवर की चपेट में आने के बाद हजारों सूअर देखते ही देखते दम तोड़ देते हैं.
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FIRST PUBLISHED : August 09, 2022, 10:38 IST