यूपी के इस यूनिवर्सिटी में समकालीन विषयों पर हो रहा है शोध जानें इसका मकसद

दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के अंग्रेज़ी विभाग में शौधार्थी रामचरितमानस, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, भोजपुरी लोकगीत और जलवायु परिवर्तन जैसे विविध और समकालीन विषयों पर शोध कार्य प्रारंभ किया है. जिसमें साहित्यिक कृतियों का ना केवल विश्लेषण किया जा रहा है बल्कि समाज के विभिन्न पहलुओं पर भी गहन अध्ययन किया जा रहा है.

यूपी के इस यूनिवर्सिटी में समकालीन विषयों पर हो रहा है शोध जानें इसका मकसद
गोरखपुर. दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के अंग्रेज़ी विभाग में शोधार्थियों ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के ‘विभिन्न शैक्षणिक विषयों और समग्र शिक्षा के सिद्धांत को अपनाते हुए. रामचरितमानस, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, भोजपुरी लोकगीत और जलवायु परिवर्तन जैसे विविध और समकालीन विषयों पर शोध कार्य प्रारंभ किया है. विभागीय शोध समिति की बैठक में विभिन्न शोध प्रस्तावों को स्वीकृति दी गई है. जिसमें साहित्यिक कृतियों का ना केवल विश्लेषण किया जा रहा है बल्कि समाज के विभिन्न पहलुओं पर भी गहन अध्ययन किया जा रहा है. रामचरितमानस के वंचित पात्रों पर करेंगे शोध शोधार्थी विष्णु मिश्रा का रामचरितमानस के वंचित पात्रों जैसे शबरी, केवट, जामवंत, अंगद, सुग्रीव, जटायु आदि पर केंद्रित शोध प्रस्ताव स्वीकृत हुआ है. मिश्रा का उद्देश्य यह सिद्ध करना है कि रामचरितमानस में सभी वर्गों को समान रूप से प्रस्तुत किया गया है. इसके लिए उन्होंने अरण्यकांड और अन्य कांडों के उदाहरणों का विश्लेषण किया है, जो समाज में वर्गों के धुंधले होने का संकेत देते हैं. वहीं शोधार्थी विकास गुप्ता ने साइबर पंक उपन्यासों में वर्चुअल रियलिटी और साइबर स्पेस की अवधारणाओं पर शोध कार्य आरंभ किया है. यह शोध कृत्रिम बुद्धिमत्ता और आभासी वास्तविकता के विभिन्न पहलुओं का गहन अध्ययन करेगा. जो समाज के लिए भी एक अच्छी पहल साबित होगी. भोजपुरी लोकगीतों पर भी किया जा रहा है शोध भोजपुरी लोकगीतों के अध्ययन पर खुशबू जायसवाल द्वारा किए जा रहे शोध में धार्मिक गीतों (छठ, माता, शिव के गीत आदि), विवाह और भारतीय संस्कारों के गीतों (सोहर, नामकरण, जनेऊ आदि) तथा त्योहारों के गीतों (होली, नागपंचमी आदि) के साथ-साथ नारीवाद और प्रकृति पर भी विशेष ध्यान दिया गया है. इस शोध का उद्देश्य इन लोकगीतों की सांस्कृतिक महत्ता को स्थापित करना है. वह इसे आने वाली पीढ़ियों के लिए संरक्षित रखना है. आधुनिक डिस्टोपियन उपन्यासों पर भी शोध शुरू शोधार्थी दीपिका त्रिपाठी जलवायु परिवर्तन और आधुनिक डिस्टोपियन उपन्यासों पर शोध कर रही हैं. उनके शोध का फोकस जलवायु परिवर्तन के विभिन्न पहलुओं और उनके साहित्यिक प्रतिबिंबों का अध्ययन है. इसके अलावा, अन्य शोधार्थी जैसे प्रतिभा गुप्ता, दिव्या राय, कीर्ति श्रीवास्तव, और रीतू यादव भी समकालीन साहित्य के विभिन्न पहलुओं पर शोध कार्य कर रहे हैं. वहीं विभागाध्यक्ष प्रो. अजय कुमार शुक्ला ने कहा कि हमारे शोधार्थियों द्वारा चुने गए इन विषयों से यह स्पष्ट होता है कि हमारे विद्यार्थी ना केवल पारंपरिक साहित्यिक अध्ययन तक सीमित हैं बल्कि समकालीन मुद्दों पर भी गहन अध्ययन कर रहे हैं. यह हमारे विभाग की प्रगति और समर्पण का प्रतीक है. Tags: Gorakhpur news, Local18, Uttarpradesh newsFIRST PUBLISHED : August 16, 2024, 16:52 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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