गोरखपुर में यहां मिलेगा ट्रेंडिंग खादी के कपड़े 300 रूपए से रेंज है शुरू
गोरखपुर में यहां मिलेगा ट्रेंडिंग खादी के कपड़े 300 रूपए से रेंज है शुरू
गांधी आश्रम के प्रबंधक अभिमन्यु ने बताया कि यह सिर्फ एक फैशन नहीं बल्कि एक आंदोलन है, जो युवाओं को स्वदेशी वस्त्रों की ओर आकर्षित कर रहा है. हमारे यहां के कपड़े ना केवल आरामदायक हैं बल्कि ये उन मूल्यों का भी प्रतिनिधित्व करते हैं. गोरखपुर के युवा इसे ना केवल एक फैशन स्टेटमेंट के रूप में देखते हैं, बल्कि इसे स्वदेशी आंदोलन का हिस्सा भी मानते हैं.
गोरखपुर. उत्तर प्रदेश के गोरखपुर स्थित गांधी आश्रम का सूती, खादी और कपास से बने कपड़े युवाओं के बीच तेजी से लोकप्रिय हो रहा है. आधुनिक फैशन के दौर में जहां ज्यादातर युवा ब्रांडेड कपड़ों की ओर आकर्षित होते हैं. वहीं अब वे गांधी आश्रम के वस्त्रों को प्राथमिकता दे रहे हैं.
गांधी आश्रम के प्रबंधक अभिमन्यु ने बताया कि युवाओं में इन कपड़ों की बढ़ती मांग का मुख्य कारण उनकी आरामदायक और पर्यावरण के अनुकूल विशेषताएं हैं. उन्होंने बताया कि सूती और खादी के साथ कपास का यह कपड़ा बेहद आरामदायक होता है. यही कारण है कि युवा अब ब्रांडेड कपड़ों की जगह गांधी आश्रम के वस्त्रों को अपना रहे हैं.
खादी और कपास से बने कपड़ों की बढ़ी डिमांड
सूती के साथ खादी और कपास के वस्त्रों का यह आकर्षण ना केवल पारंपरिकता को बढ़ावा देता है बल्कि देशभक्ति की भावना को भी जागृत करता है. गांधी आश्रम के प्रबंधक अभिमन्यु ने बताया कि यह सिर्फ एक फैशन नहीं बल्कि एक आंदोलन है, जो युवाओं को स्वदेशी वस्त्रों की ओर आकर्षित कर रहा है. हमारे यहां के कपड़े ना केवल आरामदायक हैं बल्कि ये उन मूल्यों का भी प्रतिनिधित्व करते हैं. गोरखपुर के कई युवा अब गांधी आश्रम के कपड़े पहनने को गर्व की बात मानते हैं. वे इसे ना केवल एक फैशन स्टेटमेंट के रूप में देखते हैं, बल्कि इसे स्वदेशी आंदोलन का हिस्सा भी मानते हैं. इन कपड़ों की गुणवत्ता और शैली ने युवाओं के दिलों में खास जगह बना ली है.
गांधी आश्रम की लगातार बढ़ रही है लोकप्रियता
गोरखपुर गांधी आश्रम में हर दिन खरीदारों की संख्या में इज़ाफ़ा हो रहा है. खादी और कपास से बने वस्त्रों की इस लोकप्रियता ने न केवल गांधी आश्रम की बिक्री को बढ़ावा दिया है बल्कि स्थानीय कारीगरों को भी रोजगार का नया अवसर प्रदान किया है. इसका सबसे बड़ा कारण यह कपड़ा बेहद आरामदायक होता है और दाम भी अलग होते हैं. इस वक्त गांधी आश्रम में कलरफुल खादी की खूब मांग है. वहीं कपड़ों का दाम भी अलग-अलग है. शर्ट 300 से 400 रुपए मीटर, पोली खादी 200 से 400 रुपए मीटर, रेशम खादी 900 से 4 हजार रुपए मीटर में उपलब्ध है. इसके अलावा रेडिमेड कुर्ता 1300 रुपए का है. इस बदलाव से यह स्पष्ट हो गया है कि ब्रांडेड कपड़ों के युग में भी खादी और कपास के वस्त्र अपनी एक अलग पहचान बनाए हुए है.
Tags: Designer clothes, Gorakhpur news, Local18, UP newsFIRST PUBLISHED : August 20, 2024, 13:41 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed