यूपी में भी है पानी में तैरने वाला पत्थरराम जप कर भक्त मांगते हैं मन्नत
यूपी में भी है पानी में तैरने वाला पत्थरराम जप कर भक्त मांगते हैं मन्नत
Ram Setu Shila : रामसेतु शिला श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है. इसे देखकर भक्त इसके सामने मन्नत मानते हैं. मंदिर के पुजारी वर्ष 1970 में रामेश्वरम से ये पत्थर लेकर आए थे. यहां इसे श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए रखा गया है.
विशाल झा /गाज़ियाबाद.भारत के दक्षिणी भाग में तमिलनाडु में एक तीर्थ स्थल रामेश्वरम है. रामेश्वरम हिंदू महाकाव्य रामायण से अपने विशेष जुड़ाव के लिए पूजनीय और प्रसिद्ध जगह में से एक है. यहां तैरते हुए पत्थर पाए जाते हैं इन्हें देखकर दुनिया भर के वैज्ञानिक हैरत में पड़ जाते हैं. रामायण के अनुसार, भगवान राम ने अपनी पत्नी सीता को बचाने के लिए श्रीलंका तक पहुंचाने के लिए मन्नार की खाड़ी पर एक पुल बनाया था. इसी पुल को रामसेतु के नाम से भी जाना जाता है. इस समुंदर में मौजूद पत्थरों की खासियत है कि यह पानी में डूबता नहीं है.
अगर आप रामेश्वरम नहीं जा पा रहे हैं तो दिल्ली एनसीआर में मौजूद रामेश्वरम सेतु का शिला दर्शन गाजियाबाद में कर सकते हैं. यहां के प्राचीन सिद्ध श्री बालाजी हनुमान मंदिर में रामेश्वरम से लाए गए रामसेतु शिला रखे गए हैं. इनके दर्शन और पूजन के लिए भक्त भारी संख्या में उमड़ते हैं. पानी में तैरते इस पत्थर को देख भक्तजन भगवान की महिमा का बखान करते हैं. मंदिर के बीचों-बीच इस पत्थर को रखा गया है.
1970 से यहां है राम शिला
मंदिर के महंत नारायण गिरी ने बताया वो वर्ष 1970 में इस मंदिर में आए थे और अपने साथ रामेश्वर का पत्थर ले आए थे. रामेश्वरम से यहां पत्थर लाने के पीछे उनकी राम भक्ति और भगवान राम के प्रति लगाव था. पत्थर को पानी में डाला गया है और चारों तरफ से बाउंड्री बना दी गयी है ताकि भक्त उसे अपने हाथों में ना उठा लें.
रामसेतु से मन्नत
जब मंदिर की सफाई होती है तब उस पत्थर का स्थान कुछ समय के लिए बदल जाता है. रामसेतु शिला के सामने भगवान राम का जाप करके भक्त अपनी मन्नतें मांगते हैं. मंदिर में मुख्य रूप से हनुमान, शिव परिवार, राधा कृष्ण और देवी मां की पूजा होती है.
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Tags: Ghaziabad News Today, Local18, Ram SetuFIRST PUBLISHED : April 29, 2024, 19:38 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed