अयोध्या: हिंदू धर्म में भगवान गणेश को प्रथम देवता माना जाता है. कोई भी शुभ अथवा मांगलिक कार्य करने से पहले भगवान गणेश की आराधना की जाती है. हिंदू पंचांग के अनुसार प्रत्येक वर्ष भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश चतुर्थी का पर्व मनाया जाता है. मान्यता के अनुसार कहा जाता है कि इसी तिथि पर भगवान गणेश का जन्म हुआ था .इसलिए इस पर्व को हर साल इस समय पर मनाया जाता है. ज्योतिषीय गणना के अनुसार इस वर्ष गणेश चतुर्थी पर कई अद्भुत संयोग का निर्माण भी हो रहा है . इस संयोग में अगर गणपति बप्पा की पूजा आराधना की जाए, तो कई गुना फल की प्राप्ति होगी. तो चलिए विस्तार से समझते हैं.
दरअसल अयोध्या के ज्योतिषी पंडित कल्कि राम बताते हैं कि गणेश चतुर्थी का पर्व हिंदू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. गणेश चतुर्थी पूरे देश में धूमधाम के साथ मनाई जाती है. गणेश चतुर्थी के दिन से आगामी 10 दिनों तक गणपति बप्पा को लोग अपने घरों में स्थापित करते हैं. इसके साथ ही इस वर्ष गणेश चतुर्थी 7 सितंबर को है. इतना ही नहीं इस दिन कई अद्भुत संयोग का निर्माण भी हो रहा है. जिसमें रवि योग ब्रह्म योग तथा सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है.
गणेश चतुर्थी के दिन गणपति बप्पा की पूजा और स्थापना का सही मुहूर्त 7 सितंबर दिन शनिवार सुबह 11:03 से दोपहर 1:34 तक है. इस दौरान आप बप्पा की स्थापना घर में कर सकते हैं. इसके अलावा इसी दिन दोपहर 12:34 से लेकर अगले दिन सुबह 6:03 तक सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है. तो वहीं 6 सितंबर सुबह 9:25 से लेकर 7 सितंबर दोपहर 12:34 तक रवि योग का निर्माण हो रहा है. इसके अलावा इसी दिन 11:15 पर ब्रह्म योग का निर्माण हो रहा है. इस योग में भगवान गणेश की पूजा आराधना करने से कई गुना फल की प्राप्ति होगी.
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