बर्बाद हो गया बिहार का क्रिकेटकहां गायब हो गए 25 करोड़

आदित्य वर्मा ने आरोप लगाया कि बिहार में क्रिकेट को सुधारने के लिए बीसीसीआई ने 25 करोड़ से अधिक का ग्रांट दिया. लेकिन ये सारे पैसे गायब हो गए.

बर्बाद हो गया बिहार का क्रिकेटकहां गायब हो गए 25 करोड़
शाश्वत सिंह/झांसी. भारतीय क्रिकेट जगत में आदित्य वर्मा एक अहम नाम है. बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के सचिव रहे आदित्य वर्मा को बीसीसीआई के खिलाफ मोर्चा खोलने के लिए जाना जाता है. उनके पीआईएल पर ही सुप्रीम कोर्ट ने लोधा कमेटी का गठन किया था. इस कमेटी को आईपीएल और बीसीसीआई में महत्वपूर्ण बदलाव करने के लिए जाना जाता है. आदित्य वर्मा एक निजी काम से झांसी पहुंचे थे. यहां उन्होंने लोकल 18 से खास बातचीत में बिहार क्रिकेट की वर्तमान स्थिति पर अपनी बात रखी आदित्य वर्मा ने आरोप लगाया कि बिहार में क्रिकेट को सुधारने के लिए बीसीसीआई ने 25 करोड़ से अधिक का ग्रांट दिया. लेकिन ये सारे पैसे गायब हो गए. साथ ही उन्होंने ये भी आरोप लगाया कि बिहार क्रिकेट एसोसिएशन इस समय गुटबाजी का अड्डा बन गया है. पेश है आदित्य वर्मा से बातचीत के मुख्य अंश… सवाल: बीसीसीआई और बिहार क्रिकेट की वर्तमान स्थिति को कैसे देखते हैं? जवाब: क्रिकेट मेरे खून में है. मेरे ही प्रयासों से 10 नए राज्यों को बीसीसीआई की प्रथम श्रेणी में जगह मिली. मैं खुद को क्रिकेट का अन्ना हजारे समझता हूं. लेकिन, जो सपना मैंने बिहार क्रिकेट के लिए देखा था, वह अभी तक पुरा नहीं हो पाया है. मैंने सुप्रीम कोर्ट में खुद बहस की थी. इसके बाद बिहार समेत कई अन्य राज्यों को खेलने की अनुमति मिली. सवाल: आपने इतना संघर्ष किया बिहार क्रिकेट के लिए… लेकिन जब मौका मिला तो परफॉर्मेंस बेहद खराब रहा. क्या कारण है? जवाब: इसका सबसे बड़ा कारण है बिहार क्रिकेट में इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी. बीते 20 सालों में हम बहुत पीछे चले गए थे. इस इंफ्रास्ट्रक्चर को ठीक करने के लिए बीसीसीआई ने 25 करोड़ से अधिक का ग्रांट बिहार क्रिकेट एसोसिएशन को दिया. इस पैसे को भी बिना किसी हिसाब के गायब कर दिया गया. इस भ्रष्टाचार के खिलाफ मैंने मुहिम छेड़ी तो मेरे बेटे पर गंभीर धाराओं में मुकदमा कर दिया गया. बिहार क्रिकेट एसोसिएशन इस समय गुटबाजी का अड्डा बन गया है. सुप्रीम कोर्ट के हर आदेश की अवमानना की जा रही है सवाल: बिहार और झारखंड के अलग होने के बाद झारखंड में तो क्रिकेट का विकास हुआ लेकिन बिहार क्यों पीछे रह गया? जवाब: इसका सबसे बड़ा कारण है कि बिहार क्रिकेट की मान्यता को छीन लिया गया था. मैंने कई राज्यों के लिए संघर्ष किया लेकिन बिहार को न्याय नहीं दिला पाया. झारखंड में अमिताभ चौधरी ने मेहनत से क्रिकेट को खड़ा किया. 18 साल बाद जब बिहार को क्रिकेट का हुनर दिखाने का मौका मिला तो वहां भ्रष्टाचार हावी हो गया. पटना हाई कोर्ट से उम्मीद है कि वह बोर्ड का नियंत्रण अपने हाथ में लेंगे और इसका संचालन बेहतर करेंगे. सवाल: बीसीसीआई की भूमिका को आप कैसे देखते हैं? जवाब: बिहार क्रिकेट में जो भी गलत हो रहा है उसमें बीसीसीआई की भी भूमिका है. बिहार क्रिकेट से जुड़े कई लोगों ने बीसीसीआई को ई मेल के माध्यम से यहां हो रही गतिविधियों के बारे में बताया है. लेकिन, बीसीसीआई की चुप्पी बहुत नुकसान पहुंचा रही है. सवाल: आपके जीवन पर एक फिल्म आने वाली थी. उसका क्या हुआ? जवाब: फिल्म के लिए सबसे पहले मुझे प्रकाश झा ने संपर्क किया था. इसके बाद कई बार मीटिंग हुई और फिल्म की स्क्रिप्ट पर काम शुरु हुआ. उम्मीद है कि इस साल के अंत तक कुछ देखने को मिलेगा. सवाल: बिहार क्रिकेट के भविष्य को कैसे देखते हैं? जवाब: मैं देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील करना चाहता हूं कि उत्तर प्रदेश और बिहार में क्रिकेट को बचाने के लिए आगे आएं. दोनों राज्यों की आबादी मिलाकर सिर्फ 2 रणजी टीम है. जनसंख्या के आधार पर कम से कम सात टीम होनी चाहिए. इससे बिहार और उत्तर प्रदेश के क्रिकेट को बहुत बढ़ावा मिलेगा. Tags: BCCI, CricketFIRST PUBLISHED : May 9, 2024, 11:45 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed